पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से भारत के विरोध में ‘समुद्री जिहाद’ की तैयारी – केंद्रीय गृहराज्य मंत्री

नई दिल्ली: सर्जिकल स्ट्राईक करने के बाद भी पाकिस्तान की भारतविरोधी आतंकी गतिविधिया रुकी नही है| क्यों की किसी जंग से पाकिस्तान सुधरेगा, यह मानना गलत होगा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक मुलाकात के दौरान कहा था| उनके इस दावे का समर्थन करनेवाली जानकारी प्राप्त हो रही है| पाकिस्तान में आतंकी संगठन भारत के विरोध में ‘समुद्री जिहाद’ पुकार ने की तैयारी कर रहे है और इसके लिए आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, यह जानकारी भारत के केंद्रीय गृहराज्य मंत्री ने दी है|

पाकिस्तानी, आतंकी संगठनों, भारत, विरोध, समुद्री जिहाद, तैयारी, केंद्रीय गृहराज्य मंत्रीराज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते समय केंद्रीय गृहराज्य मंत्री हंसराज अहिर? इन्होंने पाकिस्तान में बन रहे इस षडयंत्र की जानकारी दी| पाकिस्तान के आंतकी संगठन आतंकवादियों को प्रशिक्षण देकर समुद्री आतंक के लिए तैयार कर रही है| भारत के प्रमुख ठिकानों को लक्ष्य करने के लिए समुद्री मार्ग से घुसपैठ करने का भयंकर षडयंत्र इसके पीछे है| इसके लिए आतंकवादी संगठनों की तैयारी जोर से शुरू है| इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान के सुरक्षा बलों का समर्थन प्राप्त होने की आशंका गृहराज्य मंत्री ने व्यक्त की|

इन गतिविधियों पर भारत बारीकी से नजर रखकर है, यह भी हंसराज अहिर इन्होंने स्पष्ट किया| २००८ में मुंबई पर हुए २६/११ के आतंकी हमले में शामिल आतंकवादी समुद्री मार्ग से ही मुंबई पहुंचे थे| उसके बाद भारत ने अपनी समुद्री सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए है| लेकिन भारत को साढे सात हजार किलोमीटर से अधिक दूरी का किनारा प्राप्त हुआ है| इसी का लाभ उठाने की कोशिश आतंकी संगठन कर रहे है| समय समय पर यह बात स्पष्ट हुई है| पाकिस्तान के आथंक संगठन इसके लिए एक होकर काम कर रहे है, यह वृत्त भी प्राप्त हो रहा है|

पाकिस्तानी नौसेना आतंकी संगठनों को सहायता कर रही है, यह बात भी स्पष्ट हुई है| भारत की गुप्तचर यंत्रणा ने इस संबंधी जानकारी उपलब्ध की है|

लेकिन, यदि भारत पर २६/११ जैसा और एक आतंकी हमला हुआ और इस हमले के तार पाकिस्तान तक पहुंचे तो, उसके गंभीर परीणाम होंगे, यह इशारा अमरिकी विश्‍लेषक दे रहे है| ऐसे हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग जोर पकडेगी और इस मांग की दबाव में भारत सरकार पाकिस्तान पर कडी कार्रवाई करने पर विवश होगा, यह अमरिकी विश्‍लेषकों ने चेतावनी दी थी| इस परिस्थिति में अमरिका भी भारत के पक्ष में खडी रहेगी, यह मत इन विश्‍लेषकों ने व्यक्त किया था|

इस पृष्ठभुमि पर पाकिस्तान में हो रहे समुद्री जिहाद का षडयंत्र दोनों देशों की युद्ध के लिए कारण बनने की आशंका सामने आ रही है| पाकिस्तान की नई सरकार अपनी नीति आतंकवाद की नही तो सहयोग की होने की गवाही दे रही है| लेकिन पहले कुछ महीनों में ही इस सरकार की नीति पहले से अलग नही है, यह स्पष्ट हो रहा है| खास तौर पर भारत के विरोध में आतंकी गतिविधियां और उनके पीछे खडे आतंकी नेताओं पर कार्रवाई करने पर प्रधानमंत्री इम्रान खान इनकी सरकार उत्सुक नही है, यह स्पष्ट हुआ है| इस वजह से दोनों के बीच बना तनाव कम होने के बजाय बढने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

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