चीन और रशिया की वजह से कनाड़ा की बिजली सप्लाई पर सायबर हमला होने की संभावना – कनाड़ा की गुप्तचर यंत्रणा का इशारा

ओटावा – चीन, रशिया एवं ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों में मौजूद सायबर हमलावरों का खतरा बढ़ रहा है और यह सायबर हमलावर कनाड़ा पर भी सायबर हमले कर सकते हैं। कनाड़ा को बिजली सप्लाई करनेवाली प्रणाली को सायबर हमले से निशाना किया जा सकता है, ऐसा इशारा कनाड़ा की गुप्तचर प्रणाली ‘कम्युनिकेशन्स सिक्युरिटी एस्टाब्लिशमेंट’ (सीएसई) ने दिया है। पर चीन ने कनाड़ा ने किए आरोप ठुकराए हैं।

Cyber_Energy_china-russiaवर्ष २०१८ में ‘सीएसई’ ने तैयार की हुई रपट में सबसे पहले सायबर हमलों की सूचना जारी की गई थी। लेकिन, इस रपट में कनाड़ा की गुप्तचर प्रणाली ने किसी भी देश का ज़िक्र नहीं किया था। पर जुलाई में कनाड़ा के साथ अमरीका और ब्रिटेन ने और रशिय से सायबर हमलों का खतरा होने की बात कही थी। इन दोनों देशों में मौजूद सायबर हमलावर कोरोना के टीके की आवश्‍यक जानकारी चोरी कर रहे हैं, यह आरोप कनाड़ा और पश्‍चिमी मित्रदेशों ने किया है।

इन सायबर हमलों के अलावा यह सायबर हमलावर अपनी बिजली सप्लाई की प्रणाली पर भी हमले कर सकते हैं, ऐसा इशारा कनाड़ा की गुप्तचर प्रणाली दिया है। चीन और रशिया ने कनाड़ा ने रखे यह आरोप पहले भी ठुकराए थे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कनाड़ा के आरोप बेबुनियाद होने की बात कही है। साथ ही चीन ही सायबर हमलों से पीड़ित होने का दावा लिजियान ने किया।

बीते कुछ महीनों से कनाड़ा और चीन के राजनीतिक एवं व्यापारी संबंध बिगड़े हुए हैं। कनाड़ा ने हुवेई के प्रमुख को गिरफ्तार करने की वजह से चीन ने कनाड़ा को धमकाया भी था, इसके अलावा कनाड़ा के विरोध में व्यापार युद्ध शुरू करने की धमकी भी दी थी। लेकिन, इसके बाद कनाड़ा ने ही तैवान के लिए युद्धपोत रवाना करके चीन को उकसाया था।

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