अर्थव्यवस्था की क्षमता बढाने के लिए पोलैंड ने ‘बैंक ऑफ इंग्लैंड’ में राखा १०० टन सोना देश वापिस लाया

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वार्सा/लंदन – यूरोपिय महासंघ के अहम सदस्य देश और प्रमुख अर्थव्यवस्था के तौर पर जाने जा रहे पोलैंड ने अपना १०० टन सोना स्वदेश वापिस लाया है| पोलैंड की सेंट्रल बैंक नैशनल बैंक ऑफ पोलैंडने अर्थव्यवस्था की क्षमता बढाने के लिए यह कदम बढाने की जानकारी रखी है| पोलैंड के इस निर्णय के पीछे ब्रेक्जिटको लेकर यूरोप में बनी अनिश्‍चितता और व्यापारयुद्ध के कारण जागतिक अर्थव्यवस्था का मंदी की दिशा में दिखाई दे रहा झुकाव भी कारण हो सकते है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे है

सोना यह देश के सामर्थ्य का प्रतीक है| इस के आगे पोलैंड का सोना देश की सेंट्रल बैंक के पास ही रखा जाएगा| स्वदेश में सोना रखने के लिए स्थिति काफी सही हुई है, यह दिखाई देने पर इसके आगे भी बाहर रखा गया सोना स्वदेश लाने की कोशिश जारी रहेगी, यह जानकारी पोलैंड की सेंट्रल बैंक नैशनल बैंक ऑफ पोलैंडके गव्हर्नर एडम ग्लैपिन्स्की ने दी है| ‘बैंक ऑफ इंग्लैंडसे १०० टन सोना स्वदेश वापिस लाने के बाद पोलैंड में जमा सोने का आरक्षित भंडार २२८ टन तक जा पहुंचा है|

पिछले दो वर्षों में पोलैंड ने करीबन १२५ टन सोना खरीद किया है| पोलैंड ने यह सोना खरीदना अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कुछ चुनिंदा देशों से हो रहे सोने की खरीद का अनुकरण साबित होता है| पोलैंड के साथ ही पूर्वीय यूरोप के हंगेरी एवं सर्बिया ने भी सोने की खरीद में बडोतरी करने की नीति पर अमल किया है| सर्बिया की सेंट्रल बैंक ने दी जानकारी के अनुसार अक्टुबर महीने में नौ टन सोना खरीदा गया और इसके लिए करीबन ४० करोड युरो खर्च किए गए थे|

वर्ल्ड गोल्ड कौंसिलने हाल ही में प्रसिद्ध किए रपट में वर्ष २०१९ के दौरान सोने की मांग में बढोतरी बरकरार रहने की बात कही है| इसके लिए सोने से जुडे विकल्पों में बढा हुआ निवेष और सेंट्रल बैंकों से हो रही खरीद प्रमुख कारण साबित होने की बात भी इस रपट में कही गई है| सोने की मांग में हो रही बढोतरी आर्थिक अनिश्‍चितता के संकेत दे रही है और अमरिकाचीन व्यापार युद्ध का दबाव जागितक अर्थव्यवस्था पर बन रहा है, यह मत विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है|

सोने की सबसे अधिक मांग और खरीद करनेवाले देशों में चीन, रशिया और भारत के साथ अब पोलैंड का भी समावेश हुआ है|

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