प्रधानमंत्री ‘जी७’ के लिए फ्रान्स पहुंचे

मनामा: फ्रान्स, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बाहरिन की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जी-७’ परिषद के लिए फिर से फ्रान्स पहुंचे है| इस परिषद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बातचीत होगी| भारत ने कश्मीर संबंधी किए निर्णय की पृष्ठभूमि पर इस बातचीत को बडी अहमियत प्राप्त हुई है| लेकिन, यूएई और बाहरिन में प्रधानमंत्री मोदी को मिली सफलता पर पाकिस्तान आगबबुला होता दिखाई दे रहा है| प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान यानी पाकिस्तान की राजनयिक स्तर पर हार होने का दावा इस देश के विश्‍लेषक कर रहे है|

अमरिका, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, कनाडा, इटली और जापान यह ‘जी-७’ के सदस्य देश है| फ्रान्स के मनामा में हो रही ‘जी७’ परिषद के लिए फ्रान्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खास तौर पर आमंत्रित किया था| साथ ही फ्रान्स ने ‘जी७’ में भारत का समावेश करने की आग्रहता से मांग रखी है| इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी की इस परिषद में देखी गई मौजुदगी काफी अहम साबित होती है| इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष एवं अन्य नेता बातचीत करेंगे| भारत ने जम्मू-कश्मीर संबंधी किए अहम निर्णय की वजह से इस द्विपक्षीय बातचीत की अहमियत नए से रेखांकित हो रही है|

कश्मीर संबंधी भारत की भूमिका रखने का अवसर इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को प्राप्त हो रहा है| और इस वजह से पाकिस्तान और भी मुश्किलों में फंस सकता है| पाकिस्तान के विश्‍लेषक अपनी सरकार का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे है| साथ ही ‘जी७’ का कोई भी देश भारत के विरोध में नही जाएगा, यह कहकर इन विश्‍लेषकों ने इम्रान खान की सरकार को भारत के विरोध में राजनयिक मुहीम और तेज करने की सलाह दी है| प्रधानमंत्री मोदी स्वयं अन्य देशों की यात्रा कर रहे है और इस वजह से भारत का प्रभाव और भी बढ रहा है, यह दावा पाकिस्तान के विश्‍लेषक कर रहे है|

खाडी क्षेत्र के इस्लामी देश भी कश्मीर के मुद्दे पर भारत के पक्ष में खडे हुए है| खास तौर पर यूएई ने कश्मीर संबंधी भारत ने किए निर्णय का स्वागत करके प्रधानमंत्री मोदी को अपना सर्वोच्च नागरी पुरस्कार प्रदान करके सम्मानित किया है| यूएई में भारत के ‘रुपे’ कार्ड का इस्तेमाल शुरू हुआ है|

प्रधानमंत्री मोदी की बाहरिन यात्रा के दौरान दोनों देशों में तीन समझौते हुए है| इसमें अंतरिक्ष, सौर उर्जा और सांस्कृतिक संबंधों को लेकर सहयोग बढाने के समझौतों का समावेश है| प्रधानमंत्री मोदी और बाहरिन के राजा ने प्रसिद्ध किए संयुक्त निवेदन में आतंकियों के विरोध में डटकर भूमिका अपनाई है| खाडी देशों के साथ भारत के बढते सहयोग पर पाकिस्तान ने निषेध का स्वर लगाया है|

खाडी देशों के साथ संबंध बनाने की ओर पाकिस्तान ने जरूरी ध्यान नही दिया, इसी लिए अपने देश पर यह नौबत आ गिरी है, यह आलोचना पाकिस्तान के विश्‍लेषक कर रहे है| भारत के प्रधानमंत्री को खाडी एवं पश्‍चिमी देशों से प्राप्त हो रहा सम्मान यानी भारत की राजनयिक जीत और पाकिस्तान की करारी हार होने की कडी आलोचना पाकिस्तान के चरमपंथी कर रहे है| राजनयिक स्तर का युद्ध पाकिस्तान ने कब का खोया है| लेकिन, सरकार यह बात जनता से छिपा रही है और जनता को गुमराह कर रही है, यह आरोप कुछ चरमपंथियों ने शुरू किया है| अब अपनी लष्करी क्षमता का इस्तेमाल करके कश्मीर के मसले का हल निकालने के अलावा पाकिस्तान की ओर दुसरा विकल्प शेष नही रहा| यह विकल्प स्वीकारने की हिम्मत प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार नही रखती, यह अफसोस पाकिस्तान के चरमपंथी विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है|

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