मलेशिया में चीन के महत्वाकांक्षी प्रकल्प रद्द किए करेंगे – प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के संकेत

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क्वालालंपुर/बीजिंग – चीन से मलेशिया में शुरू होनेवाले दो महत्वाकांक्षी प्रकल्प की मलेशिया को आवश्यकता है, ऐसा सरकार को नहीं लग रहा। मलेशिया के लिए यह प्रकल्प व्यवहार्य नहीं है। इसकी वजह से मलेशिया सरकार चीन के दो प्रकल्प पूर्णरूप से रद्द कर सकता है, ऐसे शब्दों में मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने चीन को जबरदस्त झटका दिया है। प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने चीन के दौरे पर जाने से पहले एक मुलाकात में प्रकल्प रद्द करने के संकेत देकर खलबली फैलाई है।

चीन ने अपने महत्वाकांक्षी ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) योजना के भाग के तौर पर एशिया, अफ्रीका और यूरोपीय देशों में अरबों डॉलर के महत्वाकांक्षी प्रकल्प हाथ लिए हैं। इसके लिए प्रकल्प में शामिल हुए देशों को बड़े ब्याज दामों से कर्ज प्रदान किया है और श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, उनके साथ अनेक देश चीन के कर्ज के चंगुल में फंसते दिखाई दे रहे हैं। इस कर्ज के बदले में चीन ने विभिन्न देशों में महत्वपूर्ण भागों पर कब्जा प्राप्त करना शुरू किया है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही है।

अमरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत के साथ यूरोपीय देशों ने भी चीन के इस कर्ज के चंगुल पर आलोचना करनी शुरू की है और चीन को इस मुद्दे पर बचावात्मक भूमिका लेने पर विवश किया जा रहा है। अमरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों ने चीन के इस कर्ज के चंगुल को उत्तर देने के लिए स्वतंत्र उपक्रम हाथ लिए हैं और एशियाई देशों में निवेश बढ़ाई है इस पृष्ठभूमि पर मलेशिया के प्रधानमंत्री ने चीन का प्रकल्प सीधे रद्द करने के संदर्भ में किया विधान चीन के लिए बड़ा झटका हो सकता है।

चीन ने मलेशिया के भूतपूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक से नजदीकी बढ़ाते हुए महत्वाकांक्षी ‘ओबीओआर’ योजना में शामिल किया था। इसके अंतर्गत चीन एवं मलेशिया के दौरान क्वालालंपुर-सिंगापुर हाई स्पीड रेल लिंक, ईस्ट कोस्ट रेल लिंक, मलक्का डिप सी पोर्ट एवं इंडस्ट्रियल पार्क जैसे प्रकल्पों के करार पर हस्ताक्षर भी किए गए थे। इनमें से अधिकतम प्रकल्प के लिए चीन से कर्ज प्रदान होने वाला था।

पर मई महीने में हुए चुनाव में मलेशिया में सत्ता बदलाव हुआ है और नए प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने चीन के प्रकल्प के विरोध में आक्रामक भूमिका का स्वीकार किया है। जून महीने में मलेशियन प्रधानमंत्री ने चीन के इन प्रकल्प पर विचार पुनर्विचार करने का निर्णय लेकर चीन की जगह जापान सहायता लेने के संकेत दिए हैं। उसके बाद पिछले महीने में उन्होंने १४ अरब डॉलर के ईस्ट कोस्ट रेल लिंक के साथ मलक्का पोर्ट डिक्सन पाइपलाइन एवं ट्रांस सबाह गैस पाइपलाइन को स्थगित किया था।

चीन के दौरे पर जाने से पहले प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने चीन के यह प्रकल्प सीधे रद्द करने के बारे में विधान करके, वह इस भूमिका पर कायम होने की बात दिखा रहे हैं। उस समय चीन के निवेश से अधिक देश की वित्त व्यवस्था पर कर्ज का बोझ कम करने की धारणा को अपनी प्राथमिकता रहेगी, ऐसा कह कर अन्य देशों के लिए महत्वपूर्ण संदेश दिया है।

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