‘पीएलआय’ की वजह से देश में उत्पादन ५२० अरब डॉलर्स से बढ़ेगा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्‍वास

नई दिल्ली – ‘देश के उत्पादन को गति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रोडक्शन लिंक इन्सेंटिव्ह-पीएलआय’ योजना कार्यान्वित की है। इस वजह से अगले पाँच वर्षों के दौरान देश के उत्पादन में करीबन ५२० अरब डॉलर्स की बढ़ोतरी होगी’, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया है। इस वर्ष के बजेट में ‘पीएलआय’ के लिए करीबन २.२५ लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है, इस ओर प्रधानमंत्री ने गौर फरमाया।

‘पीएलआय’

कोरोना की महामारी की वजह से उभरा आर्थिक संकट पीछे छोड़कर भारतीय अर्थव्यवस्था जोरदार प्रगति करने की तैयारी में होने का अनुमान अन्तर्राष्ट्रीय संस्था दर्ज़ कर रही हैं। वर्ष २०२१-२२ के बजट में भी इसके लिए खास प्रावधान किया गया है। ‘डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री ॲण्ड इंटरनैशनल ट्रेड-डीपीआयआयटी’ और नीति आयोग ने मिलकर एक वेबिनार का आयोजन किया था। इसमें उद्योगक्षेत्र के मान्यवर शामिल हुए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वेबिनार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश के अंदरूनी उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए और निर्यात गतिमान करने के लिए केंद्र सरकार ने शुरू कीं योजनाओं की जानकारी प्रदान की। साथ ही, उद्योग क्षेत्र को इस विषय पर अपने विचार रखने का आवाहन भी प्रधानमंत्री ने किया।

देश के १३ उद्योग क्षेत्रों के लिए ‘पीएलआय’ उपलब्ध की कराई गई हैं और इसमें वाहन निर्माण और दवाईयों के निर्माण क्षेत्र का भी समावेश किया गया है। इन उद्योग क्षेत्रों को इससे बड़ा लाभ प्राप्त होगा। इससे गाड़ियों के पुर्जे, वैद्यकीय उपकरण, दवार्इंयों के लिए आवश्‍यक कच्चे सामान के लिए अन्य देशों पर होनेवाली निर्भरता कम होगी, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया। साथ ही ‘सेल बैटरीज्‌’, ‘सोलर पीव्ही मोड्यूल्स’, ‘स्पेशॅलिटी स्टील’ का इस्तेमाल करके सरकार देश के उर्जाक्षेत्र का आधुनिकीकरण करने की कोशिश कर रही है, यह बात प्रधानमंत्री ने स्पष्ट की। साथ ही ‘पीएलआय’ योजना का बड़ा लाभ देश के वस्त्रोद्योग, अन्न प्रक्रिया उद्योग को प्राप्त होगा। इससे कृषि क्षेत्र का भी बड़ा लाभ होगा, यह बयान प्रधानमंत्री ने किया।

इन उद्योगक्षेत्रों से संबंधित सभी उत्पादनों के निर्माण को गति प्राप्त होगी। फिलहाल इन क्षेत्र में कार्यरत मौजूद नौकरियों को इससे सुरक्षितता प्राप्त होगी। इसके साथ ही इन क्षेत्रों से रोज़गार के नए अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है। पहले के दौर की योजनाएँ उद्योग क्षेत्रों के लिए सहूलियतें प्रदान करनेवालीं थीं। लेकिन, ‘पीएलआय’ यह उत्पादन को बढ़ाने पर ज़ोर देनेवाली और स्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देनेवाली योजना है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। देश के उद्योग क्षेत्र ने, ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ही ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ यानी निर्यात को प्राथमिकता देने की आवश्‍यकता होने का बयान प्रधानमंत्री ने किया। देश के कुछ हिस्सों से और विश्‍व के कुछ देशों तक निर्यात को सीमित नहीं रखा जा सकता। अगले दौर में, देश के हर एक जिले से विश्‍वभर में निर्यात संभव करने की उम्मीद प्रधानमंत्री ने व्यक्त की।

इसके लिए स्पर्धात्मकता बढ़ाकर, मौजूदा दौर की प्रगत तकनीक का इस्तेमाल करने की आवश्‍यकता हैं, यह संदेश प्रधानमंत्री ने दिया। केंद्र सरकार उद्योग क्षेत्र को अधिक से अधिक अनुकूल माहौल प्राप्त हो और प्रशासकीय कठिनाइयाँ दूर हों, इस दिशा में कोशिश कर रही होने की बात प्रधानमंत्री ने इस दौरान स्पष्ट की। देश के ‘आयटी हार्डवेअर’ क्षेत्र का उत्पादन अगले दिनों में बड़ी मात्रा में बढ़ेगा, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने, अगले चार वर्षों में इस क्षेत्र में तीन लाख करोड़ रुपयों का उत्पादन होगा, यह विश्‍वास भी व्यक्त किया।

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