‘पिनाका’ का बड़ी मात्रा में निर्माण होगा

नई दिल्ली – रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘पिनाका’ रॉकेट, ‘लौंचर्स’ और इस यंत्रणा से संबंधित अन्य सामान बड़ी मात्रा में निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए ‘डीआरडीओ’ ने इस ‘रॉकेट’ यंत्रणा के निर्माण से संबंधित आवश्‍यक जानकारी ‘डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ क्वालिटी अश्‍युरन्स’ (डीजीक्यूए) के सामने रखी है। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने इन गतिविधियों की जानकारी साझा की।

‘पिनाका’

रक्षा सामान के उत्पादन से पहले इसके संकलन और विश्‍लेषण की ज़िम्मेदारी संभालनेवाली ‘अथॉरिटी होल्डिंग सील पर्टिक्युलर’ (एएचएसपी) ने ‘डीआरडीओ’ के हाथों से यह ज़िम्मेदारी ‘डीजीक्यूए’ के हाथ में दी है। कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए अधिक पिनाक यंत्रणा खरीदने के लिए अनुमति दी थी। साथ ही इस यंत्रणा के लिए ‘बीईएमएल’ को ३३० विशेष ट्रक प्रदान करने के लिए ऑर्ड़र प्राप्त होने का भी समाचार है।

स्वदेशी निर्माण की ‘पिनाका’ यंत्रणा की कहीं भी आसानी से यातायात करना संभव होता है। ‘पिनाका लौंचर्स’ मात्र ४४ सेंकड़्स में १२ रॉकेट्स दाग सकती है। यह रॉकेट ३७.५ किलोमीटर दूरी पर स्थित लक्ष्य को सटीकता के साथ निशाना बना सकती है। इसकी वजह से ज़मीनी जंग में ‘पिनाका’ यंत्रणा काफी प्रभावी साबित हो सकती है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

‘पिनाका-१’ और ‘पिनाका-२’ ऐसी दो यंत्रणाएं ‘डीआरडीओ’ ने विकसित की है। इनमें से ‘पिनाका-२’ यंत्रणा ७५ किलोमीटर दूरी तक हमला कर सकती है। ‘पिनाका-१’ पहले ही सेना के बेड़े में शामिल की गई है। कारगिल युद्ध में भी इस यंत्रणा का प्रभावी इस्तेमाल हुआ था। लेकिन, अब इस यंत्रणा का बड़ी मात्रा में उत्पादन होगा और इस नज़रिए से गतिविधियां शुरू होने का समाचार प्राप्त हुआ है। चीन के मोर्चे पर बना तनाव और पाकिस्तान का खतरा ध्यान में रखकर पिनाक यंत्रणा का बड़ी मात्रा में उत्पादन करने का समाचार ध्यान आकर्षित करता है।

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