१५३ बार निषेध दर्ज करके फिलीपीन्स की चीन के वर्चस्ववाद को राजनीतिक चुनौती

मनिला – ‘साऊथ चाइना सी’ क्षेत्र में चीन की वर्चस्व वादी हरकतों के खिलाफ फिलीपीन्स में लगभग १५३ बार राजनीतिक स्तर पर नीचे दर्ज किया है। फिलीपीन्स के ही विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। इस सागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुव्यवस्था इन्हें चुनौती देनेवाले चीन के खिलाफ फिलीपीन्स जैसे छोटे देश ने उठाए ये आक्रामक कदम, अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को दखल लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

चीन के वर्चस्ववादकिसी देश की हरकतों का ज़ाहिर रूप में निषेध दर्ज करना यानी राजनीतिक स्तर पर हथियार का इस्तेमाल करने जैसा ही है। फिलीपीन्स ने साउथ चाइना सी क्षेत्र में चीन की ऊकसाऊ और प्रक्षोभक हरकतों का पूरे १५३ बार निषेध दर्ज करके बहुत ही प्रभावी रूप में इस राजनीतिक हथियार का इस्तेमाल किया। इसकी दखल माध्यमों को लेनी पड़ी और इससे चीन की इस सागरी क्षेत्र में चल रहीं हरकतें अधिक स्पष्ट रूप से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आई। इस क्षेत्र में चल रहीं अपनी हरकतों की चर्चा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ना हों, इसके लिए चीन जानतोड़ कोशिश कर रहा था। लेकिन फिलीपीन्स ने इसमें चीन को कामयाब नहीं होने दिया।

चीन के वर्चस्ववादसाऊथ चाइना सी के लगभग ३५ लाख वर्ग किलोमीटर सागरी क्षेत्र पर चीन अपना अधिकार जता रहा है। इसमें फिलीपीन्स समेत ताइवान, वियतनाम, मलेशिया तथा ब्रूनेई इन पड़ोसी देशों की सागरी सीमा का समावेश है। फिलीपीन्स के स्प्रार्टले द्वीपसमूहों के क्षेत्र में चीन ने कृत्रिम द्वीपों का निर्माण करके उस पर एयरस्ट्रिप बनाई है। साथ ही, चीन के मिलिशिया फ्लॉटिला ने सैकड़ों की संख्या में फिलीपीन्स की सागरी सीमा में अपनी जहाजों की घुसपैंठ कराई थी। इस पर गुस्सा हुए फिलीपीन्स के राष्ट्राध्यक्ष रॉड्रिगो दुअर्ते ने चीन को चरम चेतावनी दी थी।

फिलीपीन्स भी चीन के विरोध में कृत्रिम द्वीप बनाएगा और अगर चीन के साथ रक्तरंजित युद्ध छेड़े बिना फिलीपीन्स को अपना सागरी क्षेत्र वापस मिलनेवाला नहीं है, तो उसके लिए भी हम तैयार हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष दुअर्ते ने डटकर कहा था। चीन की माँग के अनुसार फिलीपीन्स अपनी गश्ती नौकाओं को पीछे नहीं लेगा, ऐसा डटकर कहते हुए राष्ट्राध्यक्ष दुअर्ते ने, चीन के साथ का विवाद चरम सीमा तक पहुँचने पर अमरीका से सहायता लेने का ऐलान किया था। उसके बाद फिलीपीन्स ने अमरीका के युद्धपोतों को अपने बंदरगाह में तैनाती की अनुमति दी थी।

फिलीपीन्स की तरह वियतनाम ने भी साउथ चाइना सी में चीन के विस्तार वाद के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई है। वहीं, पिछले कुछ महीनों में अमरीका, फ्रान्स, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने इस सागरी क्षेत्र में गश्त बढ़ाई है।

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