‘फिलाडेल्फिया ड्रग’ मामले के जहाज पर ‘जे पी मॉर्गन’ का मालिकाना हक

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/फिलाडेल्फिया: जून महीने में अमरिका में पकडे गए नशेली पदाथों से भरें जहाज का स्वामित्व विश्व की उच्चतर वित्त संस्था होने वाली ‘जेपी मॉर्गन’ के पास होने की सनसनीखेज जानकारी सामने आई हैं| अमरिकी यंत्रणा ने इस मामले में दर्ज किए अपराध के बारे में स्वतंत्र निवेदन दिया हैं और उसमें इस जहाज का स्वामित्व ‘जेपी मॉर्गन’ के पास होने का और वर्णित जहाज एक स्विस कंपनी को चलाने के लिए दिए जाने का बताया गया हैं| ‘जेपी मॉर्गन’ ने इस मामले में किसी भी प्रकार का खुलासा करने से टाला हैं|

जून महीने में अमरिका के प्रमुख व्यापारी बंदरगाह के रूप में पहचाने जाने वाले फिलाडेल्फिया में लगभग एक अरब डॉलर्स का कोकेन भंडार जब्त किया गया था| अमरिकी यंत्रणा ने इस ‘एमएससी गयाने’ नाम के जहाज पर लगभग १७ टन कोकेन बरामद किया था| फिलाडेल्फिया में मादक पदार्थों के विरोध में की गई यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जाती हैं| इस कार्रवाई के बाद अमरिकी यंत्रणा ने शुरुआत में केवल जहाज पर अमली पदार्थों का भंडार और संदिग्धों को कब्जे में लिया था|

परंतु पूछताछ के बाद ‘एमएससी गयाने’ यह जहाज ही कब्जे में लेने के आदेश दिए गए थे| उसके अनुसार ४ जुलाई को वारंट निकाल कर जहाज कब्जे में लिया गया था| उसके बाद जहाज के बारे में जांच करने के बाद उसका सामित्व ‘जेपी मॉर्गन’ जैसी कंपनी के पास होने का खुलासा हुआ हैं| वैश्विक वित्त क्षेत्र की पहले १० कंपनियों में स्थान होने वाले ‘जेपी मॉर्गन’ की संपत्ति ३० ट्रिलियन डॉलर्स से अधिक होते हुए वार्षिक उत्पन्न १०८ अरब डॉलर्स से अधिक होने का बताया जाता हैं|

दो साल पहले मलेशिया के आर्थिक घोटाले के मामले में ‘जेपी मॉर्गन’ के विरोध में आरोप लगाया गया था| उससे पहले अमरिका में आई आर्थिक मंदी के समय के व्यवहारों में भी कंपनी की भूमिका संदेहजनक होने के दावे सामने आए थे| ऐसी पृष्ठभूमि पर मादक पदार्थों के मामले में जेपी मॉर्गन का नाम सामने आना सनसनी पैदा करने वाला साबित होता हैं|

राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में अमरिकी यंत्रणाओं ने पिछले दो सालों में मादक पदार्थों के विरोध में व्यापक और जोरदार कार्रवाईयां हाथ में ली हैं| ट्रम्प ने अमरिका के साथ मध्य और लैटिन अमरिकी देशों में सक्रिय होने वाले ‘एम एस -१३’ इस गिरोह के विरोध में आक्रामक कार्रवाई की थीं| इस कार्रवाई को अमरिका के साथ कुछ देशों से विरोध भी हुआ था| उसमें से मादक पदार्थों की तस्करी और राजनैतिक हित संबंधों का मुद्दा भी सामने आया था| कुछ विशेषज्ञों से ट्रम्प प्रशासन से होने वाली यह कार्रवाई मतलब अमरिका पर गुप्त रूप से प्रभुत्व करने वाले ‘डीप स्टेट’ के लिए झटका होने की चर्चा हुई थीं|

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