पर्शियन और होर्मुझ की खाड़ी पर ईरान का नियंत्रण – ईरान के नौसेना प्रमुख का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

तेहरान – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक तिहाई इंधन परिवहन होने वाली पर्शियन और होर्मुझ की खाड़ी पर पूरा नियंत्रण पाने की घोषणा ईरान ने की है। उसीके साथ ही ईरान के कब्जे वाले इस समुद्री क्षेत्र में विदेशी युद्धपोतों की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसा कहकर ईरान के नौसेना प्रमुख ने अमरिका, ब्रिटन और फ़्रांस को धमकाया है। ईरान की इस घोषणा की वजह से अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कुछ समय तक तनाव निर्माण हुआ था। लेकिन इस समुद्री क्षेत्र पर ईरान का नियंत्रण नहीं है, ऐसा अमरिका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ और सऊदी अरेबिया ने घोषित किया। इस वजह से इंधन के बाजार में अस्वस्थता कम हुई है, ऐसा विश्लेषक दावा कर रहे हैं।

ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्ड्स कॉर्प्स’ के नौसेना के प्रमुख ‘एडमिरल अलिरेझा तान्गसिरी’ ने स्थानीय वृत्तसंस्था से बोलते समय होर्मुझ और पूरी पर्शियन खाड़ी पर ईरान की सत्ता होने का दावा किया है। उसीके साथ ही इस समुद्री क्षेत्र पर ईरान का वर्चस्व होने का दावा करके अमरिका और मित्र देशों की नौसेना की तैनाती को तान्गसिरी ने विरोध किया है। ‘पर्शियन खाड़ी की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने के लिए ईरान तैयार है। इस वजह से इस समुद्री क्षेत्र से संबंध न रखने वाले अमरिका और पश्चिमी देशों के नौसेना की तैनाती की आवश्यकता नहीं है’, ऐसा तान्गसिरी ने कहा है।

होर्मुझ की खाड़ी, नियंत्रण, रिव्होल्युशनरी गार्ड्स कॉर्प्स, नौसेना प्रमुख, नौसेना की तैनाती, ईरान, सऊदी अरेबिया

उसीके साथ ही पर्शियन खाड़ी में तैनात अमरिका के पांचवे आरमार पर भी तान्गसिरी ने सवाल उपस्थित किया है। गलत तरीके से वास्तव दिखाकर ईरान के दुश्मनों ने पर्शियन खाड़ी में युद्धपोतों की तैनाती की है। उसीके साथ इस गलत प्रचार की वजह से ईरान विरोधी गुटों ने खाड़ी देशों को शस्त्र सहायता करने का आरोप तान्गसिरी ने लगाया है। अमरिका के परमाणु युद्धपोतों की वजह से पर्शियन खाड़ी में पर्यावरण को खतरा निर्माण हो रहा है, ऐसा आरोप तान्गसिरी ने लगाया है। यह अकेले ईरान के लिए खतरा नहीं है, बल्कि ईरान के पडौसी अरब देशों के लिए भी यह बात उतनी ही गंभीर है, ऐसा तान्गसिरी ने कहा है।

तान्गसिरी ने किए इन दावों की वजह से सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय इंधन बाजार में तनाव निर्माण हुआ था। ईरान ने होर्मुझ और पर्शियन खाड़ी पर वर्चस्व प्राप्त किया तो इस समुद्री क्षेत्र से होने वाली इंधन की निर्यात खंडित हो जाएगी, ऐसा डर इसके पीछे था। कुछ दिनों पहले ईरान के राजनीतिक नेताओं ने और लष्करी अधिकारियों ने वैसे चेतावनी भी दी थी। प्रतिबन्ध लगाकर अमरिका ने ईरान का गला दबाने की कोशिश की तो ईरान इस समुद्री क्षेत्र को घेर लेगा, ऐसा ईरानी नेताओं ने धमकाया है। उसीके साथ ही ईरान के नौसेना और तटरक्षक बलों ने लगभग १०० से अधिक जहाज उतार कर बड़े युद्धाभ्यास का भी आयोजन किया था। इसके जरिए अपनी धमकी खोखली नहीं हैं, ऐसी चेतावनी ईरान ने दी थी।

पर्शियन और होर्मुझ की खाड़ी से प्रतिदिन लगभग २ करोड़ बैरल्स इंधन की निर्यात की जाती है। यह इंधन की आपूर्ति अमरिका, यूरोपीय देश, चीन के साथ साथ दक्षीण-पूर्व एशियाई देशों को भी की जाती है। इस पृष्ठभूमि पर, तान्गसिरी के दावे के परिणाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर हुए थे। लेकिन माईक पॉम्पिओ ने ईरान के इस दावे को ख़ारिज किया है। पर्शियन और होर्मुझ की खाड़ी पर ईरान का नियंत्रण नहीं है, ऐसा पॉम्पिओ ने ठोस रूपसे कहा है। पर्शियन और होर्मुझ की खाड़ी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र का एक हिस्सा है और ईरान इस पर अधिकार नहीं जता सकता है, ऐसा पॉम्पिओ ने कहा है।

दौरान, सऊदी अरेबिया ने भी तान्सगिरी ने पर्शियन और होर्मुझ की खाड़ी पर किए दावे पर आपत्ति जताई है। ईरान ने इस क्षेत्र को बंद करने की गलती की तो संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ईरान पर लष्करी कार्रवाई करने के आदेश देगी, ऐसी चेतावनी सऊदी अरेबिया ने दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.