हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता बड़ी आवश्‍यक बनी है – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – ‘विश्‍वभर में आर्थिक और राजनीतिक हितों में तेज़ बदलाव हो रहे हैं। आर्थिक हितों को खतरा निर्माण होने का तनाव देशों के संबंधों में दिखाई दे रहा है। ऐसी स्थिति में पहले से अधिक हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना बड़ा आवश्‍यक है। इससे से व्यापार और आर्थिक कारोबार बढ़ेगा’, ऐसा बयान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया है। नौसेना के कमांडर्स कान्सफरन्स में उन्होंने यह संदेश दिया।

हिंद महासागर क्षेत्रकोरोना की महामारी और इसके बाद उभरी संकटों की श्रृंखला की वजह से वैश्‍विक उत्पादन का केंद्र चीन से भारत में पहुँचाने की तैयारी कुछ देश और बहुराष्ट्रिय कंपनियों ने की है। इससे भारत की अहमियत बढ़ रही है और तभी हिंद महासागर क्षेत्र पर वर्चस्व स्थापित करके चीन भारत को चुनौती दे रहा है। इसी कारण चीन की नौसेना की गतिविधियाँ इस क्षेत्र में बढ़ने की बात दर्ज़ हो रही है। इस पृष्ठभूमि पर, नौसेना के कमांडर्स कान्फरन्स में बोलते समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हिंद महासागर क्षेत्र की शांति और स्थिरता की अहमियत स्पष्ट की।

जिन देशों के पास समर्थ नौसेना होती है, वही देश विश्‍व पर वर्चस्व बना सकते हैं। भारतीय नौसेना देश की समुद्री सुरक्षा के लिए बड़ी अहम भूमिका निभा सकती है, यह बात हम गर्व से कह सकते हैं, ऐसा कहकर रक्षामंत्री ने भारतीय नौसेना का सामर्थ्य रेखांकित किया। भारतीय समुद्री क्षेत्र में मुक्त संचार एवं यातायात की आज़ादी और नियमों पर आधारित व्यवस्था बहुत जरुरी है। इसके लिए संबंधित देशों का सहयोग सबके हित में रहेगा, ऐसा रक्षामंत्री ने स्पष्ट किया।

इसी बीच, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीनी नौसेना की हरकतें चिंताजनक स्तर पर जा पहुँची हैं और तभी भारत ही हिंद महासागर एवं उसके आगे के क्षेत्र में पूरी सुरक्षा करनेवाला देश होने के दावे किए जा रहे हैं। अमरीका और फ्रान्स ने भी यह बात सार्वजनिक की थी। इन देशों के साथ भारत के समुद्री युद्धाभ्यास चीन की चिंता बढ़ा रहे हैं। अन्य देश भी भारत की इस अहमियत को पहचानकर भारत के साथ इस समुद्री क्षेत्र के विषय पर बातचीत कर रहे हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के मुद्दे पर भारत और ब्रिटेन की वर्चुअल परिषद हो रही है। इसी दौरान ब्रिटेन की विमान वाहक युद्धपोत ‘एचएमएस एलिज़ाबेथ’ बंगाल की खाड़ी में भारतीय नौसेना के साथ युद्धाभ्यास करेगी, यह ऐलान हाल ही में किया गया था।

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