अमरिका पॅलेस्टिनियों की अर्थसहायता रोकेगा – अमरिका के राष्ट्राधयक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

वॉशिंग्टन: पिछले कई सालों से अमरिका ने पॅलेस्टिनी शरणार्थियों के लिए अरबो डॉलर्स की अर्थसहायता दी है। फिर भी पॅलेस्टिनी नेता इस्रायल के साथ शंतिचर्चा शुरू करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो फिर यह अर्थसहायता किस लिए जारी रखें? ऐसा सवाल अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया है। अमरिका की इस भूमिका का इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने स्वागत किया है। अमरिका पॅलेस्टाइन को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है, ऐसी टीका पॅलेस्टिनी नेताओं ने की है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया के द्वारा पॅलेस्टिनी नेताओं की भूमिका पर हमला किया है। ‘हर साल अमरिका पॅलेस्टिनियों को अरबों डॉलर्स की सहायता देता है। लेकिन इसके बदले में पॅलेस्टिनियों की तरफ अमरिका के प्रति कृतज्ञता अथवा आदरभाव दिखाई नहीं दे रहा है। इस्रायल के साथ पिछले कई वर्षों से रुकी हुई शंतिचर्चा शुरू करने के लिए पॅलेस्टाइन नेता तैयार नहीं हैं’, ऐसी टीका ट्रम्प ने अपने पहले ट्वीट में की है।

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जेरुसलेम को इस्रायल की राजधानी घोषित करने के बाद, पॅलेस्टिनी नेताओं ने दी हुई कड़ी प्रतिक्रियों को ट्रम्प ने ख़ारिज किया है। जेरुसलेम को इस्रायल की राजधानी घोषित करने के बाद, अगली चर्चा में इस्रायल को पॅलेस्टाइन मामले में अधिक समझौता करने पर मजबूर किया जा सकता था। फिर भी पॅलेस्टिनी नेता चर्चा के लिए राजी नहीं हैं, तो इसके आगे अमरिका पॅलेस्टिनियों की आर्थिक मदद क्यों करे? ऐसा सवाल ट्रम्प ने अपने अगले ट्वीट में किया है। अमरिका की ‘कांग्रेशनल रिसर्च रिपोर्ट’ के अनुसार, १९९० के दशक से अमरिका ने पॅलेस्टिनियों की पांच अरब डॉलर्स से अधिक आर्थिक मदद की है। इस बात की तरफ ट्रंप ने ध्यान आकर्षित किया है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की अमरिकी राजदूत निकी हॅले ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की घोषणा का समर्थन करके पॅलेस्टिनियों की आर्थिक सहायता में कटौती करने के संकेत दिए हैं। ‘पॅलेस्टिनी नेता जब तक इस्रायल के साथ शांतिचर्चा में शामिल नहीं होते तब तक आर्थिक सहायता रोकने के आदेश, ट्रम्प ने दिए हैं। पिछले महीने में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने जेरुसलेम के बारे में की हुई घोषणा के बाद शंतिचर्चा होगी, ऐसी अपेक्षा थी। लेकिन वैसा हुआ नहीं’, ऐसा हॅले ने कहा है।

इस्रायल और पॅलेस्टाइन के बीच शंतिचर्चा शुरू करने के लिए अमरिका ने बहुत कोशिशें की हैं। लेकिन पॅलेस्टिनी नेता इस शंतिचर्चा के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसा आरोप हॅले ने लगाया है। इस वजह से पॅलेस्टिनी नेता शंतिचर्चा में शामिल होंगे, तभी पॅलेस्टिनियों की आर्थिक सहायता शुरू की जाएगी’, ऐसा भी हॅले ने कहा है।

इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की इस घोषणा का जोरदार स्वागत किया है। लेकिन इस्रायल के विरोधी पार्टी के नेताओं ने ट्रम्प की इस भूमिका पर चिंता व्यक्त की है। ‘गाझापट्टी के पॅलेस्टिनी शरणार्थियों के लिए अमरिका की आर्थिक सहायता शुरू रहना इस्रायल के हित में है, ऐसा प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष से कहना चाहिए’, ऐसा आवाहन इस्रायल की विरोधी पार्टी की नेता और भूतपूर्व गुप्तचर प्रमुख और विदेश मंत्री त्झिपी लिव्हनी ने किया है।

दौरान, ‘जेरुसलेम बेचने के लिए नहीं रखा है। सोने चांदी का जेरुसलेम को ख़रीदा नहीं जा सकता’, इन शब्दों में पॅलेस्टिनी राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास के प्रवक्ता ‘नाबील अबू राइनाह’ ने ट्रम्प की मांग को ख़ारिज किया है। वेस्ट बैंक के ‘पॅलेस्टाइन लिबरेशन आर्गेनाईजेशन’ इस पार्टी के नेता ‘हनान अशरावी’ ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का यह निर्णय पॅलेस्टिनियों को परेशान करने वाला है, ऐसी टीका की है।

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