चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ पलाऊ बढ़ाएगा अमरीका और तैवान के साथ सहयोग – पलाऊ के नव नियुक्त राष्ट्राध्यक्ष का ऐलान

लंदन – ‘चीन कर रहे उत्पीड़न के विरोध में अपनाई भूमिका के लिए पलाऊ के सामने काफी कठिनाईयां खड़ी की गई हैं। ऐसा होते हुए भी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ अपनाई गई भूमिका से अपना देश पीछे नहीं हटेगा’, ऐसी घोषणा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र स्थित छोटे पलाऊ देश के नव नियुक्त राष्ट्राध्यक्ष सुरंगेल व्हिप्स ने की है। साथ ही इसके आगे भी अमरीका और तैवान के साथ जारी सहयोग बरकरार रहेगा, यह बात भी सुरंगेल ने स्पष्ट की है। पलाऊ के नव नियुक्त राष्ट्राध्यक्ष ने किया यह ऐलान चीन की विस्तारवादी नीति के लिए चुनौती साबित हो रही है।

palau-taiwan-chinaइंडो-पैसिफिक क्षेत्र के मायक्रोनेशिया के बेल्ट में स्थित ‘पलाऊ’ देश के नव नियुक्त राष्ट्राध्यक्ष सुरंगेल व्हिप्स ने ब्रिटेन के अग्रीम अखबार से हाल ही में बातचीत की। इस साक्षात्कार के दौरान राष्ट्राध्यक्ष सुरंगेल ने अपनी सरकार की भावी विदेश नीति स्पष्ट की। पलाऊ के मौजूदा राष्ट्राध्यक्ष थॉमस रेमेंगेसौ ने चीन, अमरीका और तैवान को लेकर अपनाई भूमिका ही आगे भी कायम रहेगी, यह बयान नव नियुक्त राष्ट्राध्यक्ष सुरंगेल ने किया है।

‘अमरीका और पलाऊ के बीच जारी सहयोग समान मूल्यों पर, जनतंत्र के मूल्यों पर आधारित है। आज अमरीका और चीन के बीच होड़ जारी है। यह स्पर्धा भी स्वतंत्र और जनतंत्र के समर्थक और इसके खिलाफ भूमिका अपनानेवाले देशों में है’, यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष नियुक्त सुरंगेल ने चीन पर हमला किया। इसके साथ ही ‘शक्तिशाली देश अपने से कमज़ोर देशों को पैरों तले दबाकर रखने की कोशिश करते हैं। ऐसे में जनतांत्रिक, समविचारी और ताकतवर सहयोगी देश आपके साथ होना आवश्‍यक होता है’, इन शब्दों में सुरंगेल ने चीन के बढ़ते खतरे के खिलाफ अमरीका के साथ जारी सहयोग अहम होने की बात स्पष्ट की।

palau-taiwan-chinaअमरीका के साथ जारी सहयोग के साथ सुरंगेल ने तैवान को लेकर अपने देश ने अपनाई भूमिका भी बरकरार रहेगी। तैवान को स्वतंत्र देश का दर्जा देनेवाला और तैवान के साथ सहयोग करनेवाले कुछ चुनिंदा देशों में पलाऊ का समावेश है। अगले दौर में भी पलाऊ के तैवान के साथ जारी राजनीतिक संबंध कायम रहेंगे, यह बयान राष्ट्राध्यक्ष नियुक्त सुरंगेल ने किया। तैवान को स्वतंत्र देश का दर्जा प्रदान करके राजनीतिक सहयोग स्थापित करने से चीन ने पलाऊ को बड़ा नुकसान पहुँचाने की कोशिश की, यह आरोप भी सुरंगेल ने किया।

palau-taiwan-china‘तैवान के साथ अपने देश का जारी सहयोग मंजूर ना होनेवाले देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्रसंघ या पैसिफिक देशों के संगठन में पलाऊ का नुकसान करने की कड़ी कोशिश की। ऐसी कोशिशें इसके आगे भी जारी रहेंगी। लेकिन, इस उत्पीड़न के विरोध में अपनाई भूमिका से पलाऊ बिल्कुल पीछे नहीं हटेगा’, यह ऐलान भी सुरंगेल ने इस साक्षात्कार के दौरान किया। तैवान के साथ सहयोग स्थापित करनेवाले सॉलोमन आयलैंड़ और किरीबाती देशों पर दबाव बढ़ाकर चीन ने इन देशों को पिछले वर्ष अपने गुट में शामिल किया था। ऐसी ही कोशिश चीन ने पलाऊ को अपने गुट में शामिल करने के लिए भी की थी। लेकिन, पलाऊ ने चीन का राजनीतिक दबाव ठुकराकर तैवान को स्वतंत्र देश का दर्जा प्रदान करने की भूमिका कायम रखी थी।

पलाऊ, तैवान का बड़ा समर्थक देश है और बीते वर्ष अमरीका और तैवान के बीच हुई सुरक्षा विषयक बैठक में भी पलाऊ का समावेश था। इसके साथ ही वर्ष २०२० के सितंबर महीने में चीन की आक्रामकता रोकने के लिए अमरीका ने अपने देश में लष्करी अड्डा स्थापित करने का यह आवाहन भी पलाऊ ने किया था।

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