भारत के विरोध में पाकिस्तान का ‘आर्थिक आतंकवाद’

नई दिल्ली – भारत के जाली नोटों की छपाई करके यह नोट भारत में उतारने के लिए पाकिस्तान अपने दूतावास का इस्तेमाल कर रहा है, यह बात फिर एक बार सामने आयी है| दुबई, कौललांपूर, हॉंगकॉंग और दोहा में बने अपने दूतावास का इस्तेमाल पाकिस्तान इसके लिए कर रहा है| यह जाली नोट पहुंचाने के लिए ‘पाकिस्तान एअरलाईन्स’ का इस्तेमाल हो रहा है| जाली नोट उतारकर भारत की अर्थव्यवस्था को झटका देने की पाकिस्तान की साजिश है और इसके लिए लश्कर ए तोयबा और जैश ए मोहम्मद यह आतंकी संगठन पाकिस्तान की सहायता कर रहे है|

फिलहाल पाकिस्तान ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की ब्लैक लिस्ट में अपना समावेश ना हो, इसके लिए बडी कोशिश कर रहा है| आतंकियों के आर्थिक स्रोत तोडने के लिए आवश्यक कार्रवाई ना करनेवाले देशों को इस ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है| ऐसे देशों पर कडे प्रतिबंध लगाए जाते है| लेकिन, हम आतंकियों के आर्थिक स्रोत तोडने के लिए जरूरी कार्रवाई की है, यह कहकर पाकिस्तान अपना बचाव कर रहा है| लेकिन, सच्चाई में यह देश ही भारत में आर्थिद आतंकवाद फैलाने का भयंकर अपराध कर रहा है| भारत के जाली नोट छांपकर उन्हें अलग अलग रास्तों से भारत में उतारने की पाकिस्तान की साजिश अब और भी स्पष्ट तौर पर देखी जा रही है|

इस वर्ष के मई महीने में नेपाल से युनूस अन्सारी नाम के दाउद इब्राहिम के हस्तक को सुरक्षा यंत्रणा ने गिरफ्तार किया था| उसके साथ तीन पाकिस्तानी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है| इस कार्रवाई के दौरान उनसे करीबन ७६ करोड, ७० लाख रुपयों के जाली नोट बरामद किए गए थे|

पिछले महीने में पंजाब पुलिस ने एक अलगाववादी को गिरफ्तार करके उससे दस लाख रुपयों के जाली नोट बरामद किए थे| पिछले महीने में ही बांगलादेश की राजधानी ढाका में करीबन पचास लाख रुपयों के भारत के जाली नोट बरामद किए गए थे|

यह नोट सलमान शेरा नाम के व्यक्ति ने दुबई से भेजी थी और वह ‘आईएसआई’ का हस्तक का बेटा है, यह कहा जा रहा है| नेपाल और बांगलादेश का इस्तेमाल करके पाकिस्तान की आईएसआई फिर से भारत में जाली नोट उतार रही है, यह आरोप सिद्ध हुए है| अपने विरोध में इतने गंभीर आरोप हो रहे है, इसके बावजूद पाकिस्तान की ‘आईएसआई’ बेझिझक जाली नोट भारत में उतारने का काम कर रही है| इसके लिए पाकिस्तान के दूतावासों का एवं पाकिस्तान एअरलाईन्स का इस्तेमाल हो रहा है| लेकिन, अब इस रैकेट की पोलखोल होने लगी है और इस बारे में सुरक्षा यंत्रणा ने ‘आईएसआई’ के हस्तकों को गिरफ्तार करके पाकिस्तान की इस कुख्यात गुप्तचर यंत्रणा को काफी बडा झटका दिया है|

दो दिन पहले ‘एफएटीएफ’ के ‘एशिया पैसिफिक ग्रुप’ (एपीजी) ने एक रपट प्रसिद्ध किया था| इसमें पाकिस्तान आतंकियों के आर्थिक स्रोत रोकने के लिए आवश्यक काम कर नही रहा है, यह आरोप रखा गया है| जल्द ही पाकिस्तान ‘एफएटीएफ’ की ब्लैक लिस्ट में शामिल होगा, यह दावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने किया था| इस बात का संदर्भ पकडकर पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा महमूद कुरेशी ने भारत ही पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने की कोशिश में होने की आलोचना की है| लेकिन, अपने देश ने भारत के विरोध में शुरू किए आर्थिक आतंकवाद की ओर पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने जानबुझकर अनदेखा किया दिख रहा है|

भारत ने भी अभी पाकिस्तान के इस साजिश के विरोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुहीम शुरू नही की है| लेकिन, इस मामले के पुख्ता सबुत हाथ लगे है और जल्द ही भारतीय यंत्रणा इसकी जानकारी दुनिया के सामने रखकर पाकिस्तान को जोरदार झटका देने की बडी संभावना है|

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