आर्मेनिया-अज़रबैजान की लड़ाई में पाकिस्तानी सैनिक अज़रबैजान के पक्ष में उतरे

इस्लामाबाद/बाकु – मध्य एशिया के आर्मेनिया-अज़रबैजान में बीते कुछ दिनों से हो रहे युद्ध में अब अज़रबैजान के पक्ष में पाकिस्तान भी उतरने की जानकारी सामने आयी हैं। नागोर्नो-कैराबख इस स्वायत्त प्रांत का हिस्से वाले अगदम शहर में पाकिस्तानी सैनिक तैनात होने की जानकारी स्थानीय नागरिकों के संवाद से स्पष्ट होने का समाचार प्राप्त हुआ है। पाकिस्तान की संसद में पारित किए गए प्रस्ताव में भी अज़रबैजान का समर्थन किया गया है और आर्मेनिया की आलोचना की गई है। अज़रबैजान में स्थित पाकिस्तान के राजदूत ने भी ‘कैराबख इज़ अज़रबैजान’ इन शब्दों में पाकिस्तान बिल्कुल अज़रबैजान के साथ ही खड़ा है, यह विश्‍वास दिलाया है।

Armenia-Azerbaijan-warरविवार से शुरू हुई आर्मेनिया-अज़रबैजान की लड़ाई बंद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय आवाहन कर रहा है। उसी समय तुर्की और पाकिस्तान जैसे देश अज़रबैजान को खुलेआम सहायता प्रदान कर रहे हैं, यह बात भी अब स्पष्ट हो रही है। तुर्की ने पहले दिन से ही अज़रबैजान को बड़ी मात्रा में लष्करी सहयोग प्रदान किया है। इसके साथ ही सीरियन आतंकियों के दल भी अज़रबैजान के समर्थन में भेजे जाने की बात भी सामने आयी थी। इसके बाद अब इस लड़ाई में पाकिस्तान के उतरने की बात भी स्पष्ट हुई है।

आर्मेनिया की ‘न्यूज डॉट एएम’ नामक वेबसाईट ने अज़रबैजान के नागरिकों का संवाद प्रसिद्ध करके नागोर्नो-कैराबख स्थित अगदम शहर में पाकिस्तानी सैनिक जंग लड़ रहे हैं, यह दावा किया। अगदम के करीब उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों का जमावड़ा किया है और उन्हें लेके जाया जा रहा है, यह बात अज़रबैजान के एक नागरिक ने अपने सहयोगी को फोन पर बताई है, यह सच्चाई आर्मेनियन वेबसाईट ने साझा की है। कुछ माध्यमों ने ऐसा कहा है कि, अज़रबैजान में लड़ने के लिए पाकिस्तान आतंकियों को रवाना कर रहा है और इसके लिए पाकिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ ने पहल करने का दावा भी किया गया है।

Armenia-Azerbaijan-warआर्मेनियन वेबसाईट ने जारी किए इस वृत्त के बाद पाकिस्तान और अज़रबैजान के मौजूदा सहयोग की अलग अलग तरह की जानकारी सामने आ रही है। आर्मेनिया-अज़रबैजान की लड़ाई में पाकिस्तान का शामिल होना तुर्की के साथ नज़दिकीयां बरकरार रखने की कोशिशों का हिस्सा होने की बात कही जा रही है। तुर्की ने कश्‍मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया है और इसके प्रतिफल के स्वरूप में पाकिस्तान अब तुर्की की मुहिमों में शामिल हो रहा है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच, सोवियत यूनियन के विभाजन के बाद अज़रबैजान को स्वतंत्र देश के तौर पर मंजूरी देनेवाले देशों में पाकिस्तान आगे था, इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान ने आर्मेनिया को मंजूरी नहीं दी है, इस बात का अहसास भी विश्‍लेषक करा रहा हैं।

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