जासूसी में शामिल पाकिस्तानी अधिकारी का भारत से निष्कासन

नवी दिल्ली, दि. २७ (वृत्तसंस्था) – भारतीय लष्कर की गतिविधियों की ख़बर पाने के लिए जासूसी करनेवाले पाकिस्तान के राजनीतिक अधिकारी को दिल्ली पुलीस ने ‘रंगे हाथ’ पकड़ा है| इस अधिकारी को ४८ घंटों के भीतर देश छोड़ने के आदेश दिए गए हैं, ऐसी जानकारी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दी| साथ ही, राजनीतिक प्रतिष्ठा को धक्का लगेगा ऐसे कारनामें पाकिस्तान के अधिकारी ना करें, ऐसी सूचना भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को दी है| लेकिन पाकिस्तान ने इन इल्जामों को झुठलाया है और हमारे राजनीतिक अधिकारी पर अन्याय हुआ है, ऐसी उलटी चिल्लंचिल्ली शुरू की है|

जासूसीपाकिस्तानी दूतावास में पिछले ढ़ाई साल से कार्यरत मेहमूद अख्तर इस राजनीतिक अधिकारी को दिल्ली के प्राणिसंग्रहालय के बाहर गिरफ़्तार किया गया है| उसतक जानकारी पहुँचानेवाले दो और लोगों को भी इस समय गिरफ़्तार किया गया है| इस समय मेहमूद अख्तर ने, ‘मैं भारतीय हूँ’ यह जताने की कोशिश करते हुए आधारकार्ड भी दिखाया| इस कार्ड पर उसकी पहचान ‘मेहबूब राजपूत’ ऐसी थी| लेकिन तहकिकात के दौरान अख्तर ने, ‘वह पाकिस्तान का राजनीतिक अधिकारी है’ इस बात को मान लिया| इसके बाद मेहमूद को पाकिस्तानी राजनीतिक अधिकारियों के हवाले किया गया|

मेहदूत अख्तर पाकिस्तानी सेना के ‘बलुच रेजिमेंट’ में ‘हवालदार’ पद पर सेवा कर रहा था| सन २०१३ में उसकी ‘आयएसआय’ में नियुक्ति की गई थी| डेढ़ साल पहले उसे नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के उच्चायुक्त ऑफ़िस में नियुक्त किया गया था| पाकिस्तान जाना चाहनेवाले भारतीयों को व्हिसा देने की सेवा अख्तर पर सौंपी गई थी| इस वजह से उसका भारतीय लोगों के साथ ज़्यादा संबंध आता था और उसका इस्तेमाल वह जासूसी के लिए कर रहा था|

जम्मू-कश्मीर में ‘बीएसएफ’ की गतिविधियों की जानकारी हासील करने का काम अख़्तर कर रहा था| इसके लिए उसने जासूसों का जाल बुना था| पिछले डेढ़ साल से उसका नेटवर्क काम कर रहा था| छह महिने से दिल्ली पुलीस अख्तर और उसके साथीदारों के पीछे थी, ऐसी जानकारी पुलीस के अधिकारियों ने दी| मौलाना रमझान और सुभाष जहांगीर को दिल्ली के प्राणिसंग्रहालय में बुलाकर, यहीं पर अख्तर उनके पास से खुफ़िया जानकारी लेता था| इन तीनों को गिरफ़्तार करने से ‘आयएसआय’ का एक नेटवर्क उद्ध्वस्त हुआ है, ऐसा दावा दिल्ली पुलीस ने किया है|
साथ ही, इस संदर्भ में और पुछताछ जारी है और उसका तपशील फिलहाल नहीं दिया जायेंगा, ऐसा अधिकारियों ने कहा|

इसी दौरान, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मेहमूद अख्तर की सारी जानकारी मिडिया को दी| इस सिलसिले में पाकिस्तानी उच्चायुक्त को समन्स भेजा गया है और अख्तर को ४८ घंटो में परिवार के साथ भारत छोड़ने के आदेश दिये गए हैं| ‘इस मामले में अख्तर निर्दोष है और भारतीय यंत्रणा ने राजनैतिक संकेतों का बिना पालन किए उसे दबोचा है’ ऐसा बनाव पाकिस्तान की ओर से किया जा रहा है| साथ ही, अख्तर पर लगाए गए इल्जाम को पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने झुठलाया है| लेकिन आरोपों को हमेशा झुठलाना यह पाकिस्तान की पुरानी आदत है, ऐसा विकास स्वरूप ने कहा|

व्हिएन्ना समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत ने अख्तर को अपने कब्ज़े में लिया है और उसको तकलीफ़ दी जा रही है, ऐसा इल्ज़ाम पाकिस्तान के उच्चायुक्त की ओर से लगाया जा रहा है| लेकिन ‘क्या राजनैतिक अधिकारी का जासूसी के लिए इस्तेमाल करना यह व्हिएन्ना समझौते के तहत आता है?’ ऐसा उलटा सवाल स्वरूप ने किया| उसी समय, जब अख्तर को पाकिस्तान के अधिकारियों के पास सौंपा गया, तब, ‘मैं राजनीतिक अधिकारी हूँ, यह जान जाने के बाद मेरे साथ अच्छा बर्ताव किया गया’ ऐसा अख्तर ने कहा, ऐसी जानकारी भी स्वरुप ने दी| इससे पहले श्रीलंका और बांगलादेश से भारतविरोधी गतिविधियाँ करनेवाले पाकिस्तान के राजनीतिक अधिकारियों को निष्कासित किया गया है| तभी मेहमूद अख्तर ने, नई दिल्ली में जासूसी करते हुए पाकिस्तान को और ज़्यादा बदनाम किया है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

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