अमरीका ने दबाव डाला, तो भी पाकिस्तान चीन के साथ सहयोग कम नहीं करेगा – प्रधानमंत्री इम्रान खान का दावा

इस्लामाबाद – ‘पाकिस्तान चीन का साथ ना दें, इसके लिए अमरीका और अन्य पश्चिमी देश पाकिस्तान पर दबाव डाल रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान अपना निकटतम मित्र देश होनेवाले चीन के साथ बने सहयोग से पीछे नहीं हटेगा’, ऐसी डींगें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने हाँकी हैं। इतना ही नहीं बल्कि, भारत भी अमरीका के जाल में फँसकर चीन के साथ बैर ना मोलें, इससे भारत का ही नुकसान होगा, ऐसा मशवरा देकर इम्रान खान ने चीन को खुश कर दिया।

‘चायना ग्लोबल टेलिव्हिजन नेटवर्क-सीजीटीएन’ इस चिनी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में इम्रान खान बात कर रहे थे। चीन के विरोध में अमरीका ने क्वाड की स्थापना की होकर, इसमें ऑस्ट्रेलिया और जापान समेत भारत का भी समावेश किया है। चीन के विरोध में अमरीका के ये दांवपेंच गलत होने की टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने की। उसी समय, चीन के साथ सहयोग कम करने के लिए अमरीका और पश्चिमी देश पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा रहा होने का दावा इम्रान खान ने किया। लेकिन चाहे कितना भी दबाव बढ़ें, फिर भी पाकिस्तान अपना निकटतम मित्र देश होनेवाले चीन के साथ सहयोग कम नहीं करेगा, ऐसे दावे प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किए।

अच्छे समय में सभी लोग आपके साथ रहते हैं। लेकिन चीन बहुत ही मुश्किल दौर में भी पाकिस्तान के साथ रहा, यह बताकर दोनों देशों की मित्रता की मिसालें इम्रान खान ने दीं। पाकिस्तानी जनता, अत्यंत विश्वसनीय मित्र देश के रूप में चीन की ओर देखती है और दोनों देशों में अकृत्रिम स्नेहभाव होने का दावा भी इस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किया। अहम बात यानी इस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत को भी मशवरा दे दिया। अमरिका की बातों में आकर भारत चीन के विरोध में ना जाएँ। भारत और चीन के बीच बड़ा व्यापार शुरू है। ऐसी परिस्थिति में अगर भारत में चीन के विरोध में जाने का फैसला किया, तो उससे भारत का ही नुकसान होगा, ऐसा इम्रान खान ने जताया है।

इसी बीच, इम्रान खान ने चिनी न्यूज़ चैनल पर हाँकी इन डींगों के कारण पाकिस्तान के सामने होनेवालीं मुश्किलों में नई बढ़ोतरी हो सकती है। पहले ही अफगानिस्तान में अमरीका की असफलता के लिए पाकिस्तान ज़िम्मेदार होने के आरोप शुरू हुए हैं। तालिबान का लष्कर अफ़गानिस्तान में आगे बढ़ रहा है, ऐसे में अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने उसका ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ा है। पाकिस्तान के कारण ही तालिबान अफगानिस्तान में सत्ता हस्तगत कर रहा होने का दावा बोल्टन ने किया था। इस कारण फिलहाल अमरिकी लष्करी और राजनीतिक अधिकारियों में पाकिस्तान के विरोध में गुस्से की भावना है। उसी में पाकिस्तान ने, अफगानिस्तान पर नियंत्रण रखने के लिए अमरीका को अड्डे प्रदान करने से इन्कार किया था। इसके परिणाम आनेवाले समय में पाकिस्तान को भुगतने पड़ेंगे, ऐसीं चेतावनियाँ पाकिस्तान के ही विशेषक अपनी सरकार को दे रहे हैं। लेकिन अमरीका के इस दबाव का सामना करने की तैयारी पाकिस्तान ने रखी है, ऐसा इस देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने घोषित किया। चीन और रशिया इन देशों की सहायता लेकर अमरीका के दबाव का सामना करने की नीति पाकिस्तान अपनानेवाला है, यह इससे सामने आ रहा है। अमरीका की नाराज़गी के कारण पाकिस्तान को आर्थिक सहायता मिलना मुश्किल होगा। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान को कायम रखकर अमरीका ने उसकी झलक अपने देश को दिखाई है, ऐसा पाकिस्तान के विश्लेषकों का कहना है। ऐसी परिस्थिति में चीन की खुशामद करके अपनी अर्थव्यवस्था बचाने की कसरत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को करनी पड़ रही है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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