सौदी का कर्ज़ा चुकता करने के लिए पाकिस्तान ने चीन से लिया कर्ज़ा

saudi-pak-chinaबीजिंग – सौदी अरब ने दिये दो अरब डॉलर्स का कर्ज़ा चुकता करने के लिए पाकिस्तान ने फिर एक बार चीन के सामने हाथ फ़ैलाये हैं। पाकिस्तान के अग्रसर अख़बार ने दी जानकारी के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को १.५ अरब डॉलर्स का कर्ज़ा दिया है। पाकिस्तान तथा चीन के मध्यवर्ती बैंकों के बीच हुए समझौते के तहत यह कर्ज़ा दिया गया है। इस कारण इस कर्ज़े का बोझ पाकिस्तान की जनता पर नहीं पड़ेगा, ऐसा अजीबोंग़रीब दावा पाकिस्तान के अख़बार ने किया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने इससे पहले सौदी अरब का दौरा करके, तीन सालों के लिए ६.२ अरब डॉलर्स का कर्ज़ा लिया था। इसमें तीन अरब डॉलर्स की आर्थिक सहायता का और ३.२ अरब डॉलर्स की ईंधनविषयक सहायता का समावेश था। लेकिन तुर्की और ईरान के साथ नज़दीकियाँ बनाकर इस्लामी देशों का स्वतंत्र संगठन स्थापन करने का और उसका नेतृत्व करने का सपना देखनेवाले पाकिस्तान को सौदी अरब ने ज़बरदस्त झटका दिया।

saudi-pak-chinaसौदी अरब ने पाकिस्तान को दिये कर्ज़े को फ़ौरन चुकता करने की माँग की। साथ ही, पाकिस्तान को दी जानेवाली ईंधनविषयक सहायता भी रोक दी। सौदी के इस फ़ैसले के कारण पाकिस्तान की घेराबंदी हुई है। इस घेराबंदी को तोड़ने के लिए पाकिस्तान ने महीनेभर पहले चीन से एक अरब डॉलर्स का कर्ज़ा लेकर सौदी को उसे चुकता किया था। उसके बाद पाकिस्तान ने सौदी से, शेष कर्ज़े को चुकता करने की कालावधि बढ़ा देने की माँग की थी। लेकिन सौदी ने इस माँग को ठुकरा देने के कारण पाकिस्तान अधिक ही संकट में फ़ँसा है।

सौदी का शेष दो अरब डॉलर्स का कर्ज़ा जनवरी महीने तक चुकता करना पाकिस्तान के लिए आवश्यक है। सौदी के इस दो अरब डॉलर्स के कर्ज़े को चुकता करने के लिए पाकिस्तान ने चीन के पास नये कर्ज़े की माँग की। चीन ने पाकिस्तान की माँग मंज़ूर करके १.५ अरब डॉलर्स के कर्ज़े की आपूर्ति की, ऐसा पाकिस्तान के अख़बार ने कहा है। इनमें से एक अरब डॉलर्स सोमवार को सौदी को दिये जायेंगे। वहीं, सौदी के शेष एक अरब डॉलर्स जनवरी महीने में चुकते किये जायेंगे, ऐसा पाकिस्तानी अख़बार का कहना है।

साथ ही, ‘स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान’ और ‘पिपल्स बैंक ऑफ चायना’ इन दो बैंकों के बीच सन २०११ में हुए ‘करन्सी स्वॅप एग्रीमेंट’ (सीएसए) की पृष्ठभूमि पर, चीन ने पाकिस्तान को यह कर्ज़ा दिया है; पाकिस्तान की जनता पर यह कर्ज़ा थोंपा नहीं है, ऐसा ज़रासा अजीबोंग़रीब खुलासा इस पाकिस्तानी अख़बार ने किया। लेकिन पाकिस्तान के विश्‍लेषक तथा न्यूज़ चैनल्स इसकी आलोचना कर रहे हैं।

saudi-pak-china‘चायना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ के तहत आवश्यक होनेवाली परियोजनाओं के लिए कर्ज़े के आपूर्ति करने के लिए दोनों देशों के बैंकों के बीच ‘सीएसए’ संपन्न हुआ था। पाकिस्तान ने इससे पहले ही इस समझौते के तहत अरबों डॉलर्स का कर्ज़ा लिया है। इस कर्ज़े के ब्याज़ के रूप में पाकिस्तान ने चिनी बैंक को पूरे २० अरब पाकिस्तानी रुपये चुकते किये हैं। ऐसी स्थिति में, अन्य देशों के कर्ज़े चुकते करने के लिए इस समझौते के तहत कर्ज़ा उठाना पाकिस्तान को अधिक तेज़ी से दिवालियापन की ओर धकेलेगा, ऐसी चेतावनी पाकिस्तानी विश्‍लेषक दे रहे हैं।

साथ ही, सौदी से ली आर्थिक सहायता के अलावा ईंधन बिल भी पाकिस्तान को चुकाना है, इसकी याद भी पाकिस्तानी विश्‍लेषक दिला रहे हैं। वहीं, जी-२० का अध्यक्ष होनेवाला सौदी आनेवाले समय में, इस संगठन ने पाकिस्तान को कोरोना की महामारी के लिए दिये कर्ज़े के बारे में भी पूछ सकता है यह भूलना नहीं चाहिए, ऐसी चेतावनी पाकिस्तानी विश्‍लेषक दे रहे हैं। सौदी के अलावा संयुक्त अरब अमिरात ने भी पाकिस्तान के पास, कर्ज़ा चुकता करने की माँग की थी।

इस वजह से, पाकिस्तान चीन के कर्ज़े के जाल में पूरी तरह फ़ँसा होकर, अपना देश विनाश की ओर जा रहा है, ऐसी चिन्ता पाकिस्तान के विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं।

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