पाकिस्तान आतंकवादियों पर कठोर कार्रवाई करें – प्रधानमंत्री अब्बासी को अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष से मांग

वॉशिंग्टन: पाकिस्तान आतंकवादियों पर अधिक कठोर कार्रवाई करें, ऐसी मांग अमरिका ने फिर एक बार की है| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने हाल ही में अमरिका को भेंट दी| इस दौरान उन्होंने अमरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस से चर्चा की| उसी समय उपरराष्ट्रपति पेंस ने खाकान के सामने आतंकवादियों पर कठोर कारवाई करने की मांग रखी| तथा पाकिस्तान में चीन का प्रभाव बड़ी तादाद में बढ़ रहा है, इस विषय में अमरिका के नेताओं ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तरफ चिंता व्यक्त करने का वृत्त है| पाकिस्तान के कई अखबारों ने प्रधानमंत्री अब्बासी की अमरिका यात्रा में पाकिस्तान के हाथ कुछ भी न लगने की बात कहकर निराशा व्यक्त की है|

पाकिस्तान की विनती के अनुसार अमरिका के उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री अब्बासी से अपने निवास स्थान पर चर्चा की| इस चर्चा के दौरान केवल राष्ट्राध्यक्ष के सलाहकार माइकल न्यूट्रॉन यह नोटस् लेने के हेतू उपस्थित रहे| उनके व्यतिरिक्त अमरिका एवं पाकिस्तान का कोई भी अधिकारी चर्चा के समय उपस्थित नहीं थे, ऐसी जानकारी पाकिस्तानी वृत्तसंस्था ने दी है| लगभग ३० मिनटों की इस चर्चा के बारे में अमरिका के व्हाइट हाउस और पाकिस्तान की सरकार ने दी हुई जानकारी अलग अलग होने की बात सामने आ रही है|

पाकिस्तान आतंकवादियों पर अधिक कठोर कार्रवाई करें, ऐसी मांग उपराष्ट्राध्यक्ष पेंस ने इस दौरान रखी, यह बात व्हाइट हाउस ने कही है| तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह मांग मंजूर करके आतंकवादियों पर कार्रवाई तीव्र करने की तैयारी जताई है| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प अमरिका के सत्ता पर आने से आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के मुद्दे को लेकर अमरिका ने पाकिस्तान को निशाना किया है| अफगानिस्तान में अमरिका के आतंकवाद विरोधी युद्ध को मिल रही असफलता के पीछे पाकिस्तान का विश्वासघात होने का आरोप अमरिका के वरिष्ठ अधिकारी एवं लोक प्रतिनिधि कर रहे हैं| इस वर्ष की शुरुआत से अमरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाकर पाकिस्तान की वित्त सहायता एवं लष्करी सहयोग भी बंद किया है| उसके बाद पाकिस्तान ने अमरिका को प्रत्युत्तर देने की भाषा की थी| चीन एवं रशिया, अमरिका के देशों से मदद लेकर पाकिस्तान अमरिका उत्तर देगा, ऐसा दावा पाकिस्तान में बीच में किया जा रहा था| पाकिस्तान की सरकार एवं लष्कर भी यही भाषा बोल रहे थे| पर अमरिका ने ‘फ़ायनान्शियल इलेक्शन टास्क फोर्स’ की ‘वॉच लिस्ट’ मे पाकिस्तान का समावेश करने के बाद परिस्थिति बदली है और इस गतिविधी को चीन ने विरोध न करने से पाकिस्तान हताश हुआ दिखाई दे रहा है|

इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमरिका का दौरा करके उपराष्ट्रपति पेंस ने भेंट की है|

इस भेंट से पाकिस्तान के हाथ कुछ भी नहीं लगा है, ऐसा दावा पाकिस्तान के अखबारों ने किया है| अमरिकन कांग्रेस के एशिया पैसिफिक कमेटी के अध्यक्ष टेड यो इनकी भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भेंट हुई है| इस भेंट में टेड ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सामने पाकिस्तान पर चीन के बढते प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है|

पाकिस्तान चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रकल्प में महत्वपूर्ण साझेदार देश है| इस तौर पर चीन पाकिस्तान में लगभग ५० अरब डॉलर्स का निवेश कर रहा है, ऐसी बात कही जा रही है| पहले के समय में यह निवेश होने के दावे किए जा रहे थे, पर अब यह रकम का अधिकतम भाग चढ़ते ब्याज के दामों से कर्ज के स्वरुप में होने की बात उजागर हुई है| पहले से नुकसान में होने वाले पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था को यह कर्ज लौटाना मुमकिन नहीं है| ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान ने चीन से हाल ही में ५० करोड़ डॉलर का कर्ज लिया है| इस कर्ज के बाद आने वाले कुछ महीनों में पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था गिरने की स्थिति में पहुंचने की आशंका जताई जा रही है|

आने वाले समय में अमरिका ने सहायता करके पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष एवं जागतिक बैंक से सहायता प्राप्त नहीं कराई तो पाकिस्तान गिर सकता है, ऐसे इशारे दिए जा रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की अमरिका के दौरे की तरफ देखा जा रहा था| पर अपनी मांग मंजूर होने तक अमरिका पाकिस्तान को सहायता नहीं करेगा, ऐसा अमरिका ने इससे पहले ही सूचित किया था|

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