पाकिस्तान कश्मीरियों को हथियार प्रदान करें – हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सय्यद सलाहुद्दीन की मांग

नई दिल्ली – पाकिस्तान आतंकवाद का कारखाना चला रहा है और भारत में आतंकी गतिविधियां कर रहे दहशतगर्द पाकिस्तान में खुलेआम घुम रहे है, यह आरोप भारत के विदेशमंत्री ने किया था| इसे कुछ घंटे नही होते, तभी ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ का प्रमुख सय्यद सलाहुद्दीन ने अपना वीडियो जारी किया है| इस वीडियो में उसने कश्मीरी लोगों को भारत के विरोध में लडने के लिए पाकिस्तान को हथियार प्रदान करने होंगे, यह मांग करके उकसाया है| इसके अलावा भारत के विरोध में लडना यह हर एक कश्मीरी का कर्तव्य होने का दावा भी सलाहुद्दी ने किया है|

हिजबुल मुजाहिद्दीन का प्रमुख सलाहुद्दीन ने कश्मीरियों को हथियार देने संबंधी की मांग के लिए पृष्ठभूमि तैयार करने का काम पाकिस्तान ने पहले ही शुरू किया था| कश्मीर की जनता आजादी की जंग लड रही है| भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर की जनता पर अत्याचार कर रही है और ऐसे में प्रतिकार करने का अधिकार कश्मीरी जनता रखती है| संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियम भी यह हथियारी लडाई गैरकानुनी साबित नही कर सकते, यह दावा पाकिस्तान के भूतपूर्व राजनयिक अधिकारी कर रहे है| अलग शब्दों में आतंकी गतिविधियां यह कश्मीरी जनता का अधिकार बनता है, यह कहकर इसके लिए यह भूतपूर्व राजनयिक अधिकारी पाकिस्तान सरकार को सहयता प्रदान करने की सलाह दे रहे है|

इन भूतपूर्व राजनयिक अधिकारियों के साथ ही भारत का द्वेष करने के लिए जाने जा रहे कुछ सामरिक विश्‍लेषक और पत्रकार भी पाकिस्तान की सरकार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढावा देने की सलाह दे रहे है| इसके अलावा भारत जम्मू-कश्मीर से पीछे नही हटेगा, यह दावा भी किया जा रहा है| पर, इन दावों में बिल्कुल सच्चाई नही है और पाकिस्तान ने काफी पहले से जम्मू-कश्मीर में खूनखराबा करनेवाली आतंकी संगठनों को हथियार प्रदान किए थे| आज भी पाकिस्तान आतंकी संगठनों को प्रशिक्षण, हथियार और आर्थिक सहायता प्रदान करके जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद सुलगता रखने के लिए बडी कोशिश कर रहा है|

ऐसा होते हुए भी आतंकी संगठन पाकिस्तान के सामने हथियारों की मांग कर रही है और इसके पीछे पाकिस्तान की प्रचार करने की कोशिश होती दिख रही है| पाकिस्तान हमें हथियार प्रदान नही कर रहा है, यही संदेशा सलाहुद्दीन जैसे आतंकी दुनिया दो देने की कोशिश कर रहे है| कश्मीरीयों के  हाथ में हथियार होते तो स्थिति अलग होती, यह दावा करके सलाहुद्दीन कश्मीरीयों के हाथ में हथियार ना होने का दावा कर रहा है|

भारत ने धारा ३७० हटाकर अब सौ दिन पूरे हो चुके है, फिर भी जम्मू-कश्मीर में शांति बरकरार है| वहां का जनजीवन पहले की तरह पटरी पर आ रहा है और इससे पाकिस्तान की शुरू कोशिशों को सीधे अपने आप जवाब मिल रहा है| इसी वजह से जम्मू-कश्मीर में अशांती और अराजकता फैलाने की बडी कोशिश पाकिस्तान कर रहा है| पर, भारतीय सुरक्षा दलों की सतर्कता की वजह से पाकिस्तान की साजिश कामयाब नही हो सकी है| ऐसी स्थिति में सलाहुद्दीन जैसे आतंकी नेता पाकिस्तान को निवेदन करके स्थिति और भी बिगाडने की तैयारी में होता दिख रहा है|

भारत ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद यहां की जनता इस निर्णय का कडा विरोध करेगी और इसके बाद भारत पर दबाव बढाना आसान होगा, यह भरौसा पाकिस्तान रख रहा था| इसी वजह से पाकिस्तान ऐसे प्रदर्शन शुरू होने की प्रतिक्षा में था| पर, इस मोर्चे पर निराश होने से पाकिस्तान फिर से आतंकवाद का इस्तेमाल करके भारत को चुनौती देने की कडी कोशिश कर रहा है, यही संकेत प्राप्त हो रहे है| पर, पाकिस्तान की आतंकवादी निती के विरोध में भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू की हुई राजनयिक मुहीम यह पाकिस्तान के सामने खडा सबसे बडा अडंगा साबित हो रहा है| इसी वजह से आतंकवाद के मुद्दे को बाजू में रखकर कश्मीरी जनता में ही भारत के विरोध में असंतोष का विस्फोट होने का चित्र निर्माण करने की साजिश पाकिस्तान कर रहा है|

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