‘एफएटीएफ’ की ‘ब्लैक लिस्ट’ के ड़र से पाकिस्तान कर रहा है आतंकियों पर कार्रवाई करने का दिखावा

इस्लामाबाद – ‘फायनान्शियल ऐक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की अहम बैठक का समय जैसेअ जैसे नज़दिक आ रहा है, वैसे वैसे पाकिस्तान के इम्रान खान की सरकार की बेचैनी बढ़ती जा रही है। इस बेचैनी की पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान ने रविवार के दिन चार आतंकियों को मारके आतंकियों के खिलाफ़ कदम उठाने का दावा किया है। लेकिन, यह कार्रवाई मात्र दिखावा है और बीते दो महीनों में पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ़ बड़ी कार्रवाई नहीं की है, इस ओर ध्यान केंद्रीत किया जा रहा है।

pakistan_fatfपाकिस्तान की सेना ने रविवार के दिन उत्तरी और दक्षिणी वज़िरिस्तान की सीमा पर स्थित शाक्तू इलाके में कार्रवाई करने का ऐलान किया। इस दौरान आतंकी कमांडर इहसान उलाह उर्फ इहसान सानरे के तीन साथियों को ढ़ेर करने का दावा पाकिस्तानी सेना ने किया। पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों में इहसान का हाथ था, यह बयान पाकिस्तानी सेना ने किया है। इस कार्रवाई को पाकिस्तानी सेना और सेना के समर्थक बड़ी अहमियत दे रहे हैं। १५-१६ सितंबर के रोज ‘एफएटीएफ’ की बैठक होनी है। इस बैठक की पृष्ठभूमि पर पाकिस्तानी सेना ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया होने की बात कही जा रही है।

एफएटीएफ’ की ‘एशिया पैसिफिक जॉईंट ग्रूप की अहम बैठक मंगलवार के दिन शुरू हो रही है। इस बैठक में पाकिस्तान को की गई २७ सूचनाओं पर हुई कार्रवाई का जाएजा लिया जाएगा। इसी बैठक में बीते तीन महीनों में पाकिस्तान ने की हुई कार्रवाई का ब्यौरा लिया जाएगा। जून २०१८ में ‘एफएटीएफ’ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ किया था। साथ ही पाकिस्तान को कार्रवाई करने के लिए २७ सूचनाएं की गई थीं। भारत में आतंकी हमले कर रहे लश्‍कर-ए-तोयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसी आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करना, उनकी फंड़िंग रोकना, अल कायदा, तालिबान एवं अन्य आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने की सूचनाएं भी की गई थीं।

इस पृष्ठभूमि पर मंगलवार के दिन हो रही अहम बैठक में पाकिस्तान के उठाए गए कदमों का जाएज़ा लिया जाएगा। इस बैठक में अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी के साथ साथ चीन, भारत, न्यूज़ीलैण्ड और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल रहेंगे। इस बैठक में होनेवाले सिफारिशों की सूचि १६ अक्तूबर के दिन होनेवाली ‘एफएटीएफ’ की अहम बैठक में रखी जाएगी। इसी बैठक में पकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ से हटाकर ‘ब्लैक लिस्ट’ करने का अहम निर्णय हो सकता है। ऐसा होने पर ईरान, उत्तर कोरिया की तरह पाकिस्तान को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हो रही आर्थिक सहायता पर पाबंदी लगाई जा सकती है। इससे वर्ल्ड बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से कर्ज़ प्राप्त करना भी पाकिस्तान को संभव नहीं होगा। इसी कारण ‘एफएटीएफ’ की ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने का दिखावा करता हुआ दिखाई दे रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.