असंतोष का विस्फोट होकर पाकिस्तान में गृहयुद्ध भड़क उठेगा – नामांकित पत्रकार का अनुमान

इस्लामाबाद – इस्रायल और हमास के बीच हुए संघर्ष में पाकिस्तान ने बड़ी अहम भूमिका अपनाकर पैलेस्टिनियों का पक्ष रखा। इससे काफी बड़ा प्रभाव होने का दावा करके पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसरणमंत्री फवाद चौधरी ने प्रधानमंत्री की सराहना की है। इस देश की सरकार ऐसे भ्रम में डूबी होते हुए पाकिस्तान के सामने अस्तित्व बनाए रखने का संकट खड़ा हुआ है। प्रचंड़ आर्थिक विषमता, अन्याय, भ्रष्टाचार एवं गलत कारोबार से लथपथ प्रशासन और गरिबी का विस्फोट होकर पाकिस्तान में गृहयुद्ध शुरू होगा क्या, ऐसा सवाल अंतरराष्ट्रीय स्तर के नामांकित पत्रकार कर रहे है।

Pakistan-Civil-warनामांकित पत्रकार इरफान राजा ने पाकिस्तान में गृहयुद्ध शुरू होगा क्या? इस सवाल के नाम से लेख लिखा है। एशिया टाईम्स के लिए लिखे गए इस लेख में इरफान राजा ने पाकिस्तान की आर्थिक, सामाजिक एवं सियासी स्थिति का दाखिला दिया है। स्थापना के साथ ही पाकिस्तान लोकतंत्र की व्यवस्था विकसित कर नहीं सका है, ना ही इस देश को चरमपंथी हुकूमत की दिशा में आगे बढ़ना संभव हुआ है। इस वजह से पाकिस्तान में हमेशा से ही सियासी अस्थिरता बनी हुई है। इसी बीच भ्रष्टाचार और अकार्यक्षम प्रशासन के गलत कारोबार की वजह से पाकिस्तान की जनता बेहाल है। भ्रष्ट नेता, सरकारी और लष्करी अफसरों की संपत्ति प्रचंड़ मात्रा में बढ़ रही है और ऐसे में आम जनता अभी भी भयंकर आर्थिक संकट का सामना कर रही है। अमीर और गरिब जनता के बीच आर्थिक विषमता बढ़ रही है। इस विषमता और अन्याय की वजह से पाकिस्तानी समाज में असंतोष बढ़ रहा है और इसका विस्फोट होने की संभावना की ओर राजा ने ध्यान आकर्षित किया।

बलोच नेता अकबर बुग्ती की हत्या करनेवाले एवं पाकिस्तान की लाल मस्जिद में लष्करी कार्रवाई करनेवाले पूर्व तानाशाह परवेज़ मुशर्रफ फिलहाल दूसरे देश में विलासी जीवन जी रहे हैं। उनके निर्णयों के परिणाम अभी भी आम पाकिस्तानी जनता भुगत रही है, इस विरोधी स्थिति की ओर इरफान राजा ने ध्यान केंद्रीत किया। पश्तु, बलोच, भारत से पाकिस्तान पहुँचे मोहजिरों की वैध अस्मिता की रक्षा करने के बजाय पाकिस्तान इन लोगों के समुदाय को ही चुनौती दे रहा है। किसी समय पाकिस्तान का ही हिस्सा रहे पूर्व पाकिस्तान में इसी तरह से सामाजिक और सियासी संघर्ष शुरू होकर इसका विस्फोट हुआ और फिर बांगलादेश का निर्माण हुआ था, यह याद भी राजा ने ताज़ा की। साथ ही पाकिस्तान में गृहयुद्ध शुरू हुआ तो उसे शांत करने के लिए भारत पाकिस्तान को सहायता प्रदान करेगा या पाकिस्तान के अधिक टुकड़े करने की कोशिश करेगा, यह स्वतंत्र सवाल भी इरफान राजा ने उपस्थित किया है।

भारतीय विश्‍लेषकों का दाखिला देकर राजा ने पाकिस्तान में ऐसी स्थिति निर्माण होती है तो भारत पाकिस्तान के टुकड़े करने की कोशिश ही करेगा, यह अनुमान व्यक्त किया है। पाकिस्तान में कानून का राज स्थापित करने का वादा करके इम्रान खान की सरकार ने सत्ता हथिया ली है, यह सच है। लेकिन, फिलहाल पाकिस्तान को माफिया ही चला रहे हैं। इम्रान खान सरकार को प्रशासन को काबू में रखना बिल्कुल संभव नहीं हुआ हैं। यह बड़ी नाकामी पाकिस्तानी समाज को बहुत ज़्यादा निराश कर रही है। इस वजह से पाकिस्तान असहिष्णू, असहनशील समाज में तब्दील हुआ है, यह दावा भी इरफान राजा ने किया।

गरीब एवं पीडितों को न्याय प्रदान ना होना, धनिक और प्रभावी वर्ग के अपराध माफ करने की वजह से पाकिस्तान की कानून व्यवस्था की प्रतिष्ठा भी मिट्टी में मिल गई है। ऐसी स्थिति में भीषण असर करनेवाला गृहयुद्ध ही पाकिस्तान का भविष्य साबित होगा, इस अनुमान तक इरफान राजा पहुँचे हैं। यह गृहयुद्ध शुरू होने के बाद इसे खत्म करना कठिन होगा, यह इशारा भी इरफान राजा ने दिया है।

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