पाकिस्तान ही है अफ़गानिस्तान में जारी आतंकी हमलों का सूत्रधार – अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्ला सालेह

काबुल – ‘पाकिस्तान ने प्रचारतंत्र की सहायता से कितने भी कारनामे किए हों तब भी इससे वास्तव और हमारे देश में पाकिस्तान की छवि सुधारना मुमकिन नहीं है क्योंकि, अफ़गानिस्तान में जारी भीषण आतंकी हमलों का सूत्रधार, सहायक और मालिक पाकिस्तानी सेना ही है और यही सच्चाई है’, ऐसी जोरदार फटकार अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्ला सालेह ने लगाई है। अफ़गानिस्तान के नेता अपनी नाकामी का ठिकरा पाकिस्तान पर फोड़ रहे हैं, ऐसी आलोचना पाकिस्तान सरकार और मौजूदा एवं पूर्व लष्करी अधिकारी कर रहे हैं। लेकिन, अफ़गानिस्तान में तालिबान के जारी रक्तपात के लिए अन्य कोई नहीं बल्कि, पाकिस्तान ही ज़िम्मेदार है, यह बयान अफ़गानिस्तान ड़टकर कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका असर दिखाई देने लगा है।

पाकिस्तान के नेता और सेना के प्रभाव में काम कर रहे माध्यम बीते कुछ दिनों से अफ़गानिस्तान की अश्रफ गनी सरकार को लक्ष्य कर रहे हैं। तालिबान बातचीत के लिए तैयार है, फिर भी राष्ट्राध्यक्ष गनी को सत्ता का त्याग नहीं करना है, यह आरोप पाकिस्तान से लगाया जा रहा है। साथ ही तालिबान और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह का सहयोग ना होने के दावे पाकिस्तान के नेता कर रहे हैं। इसके अलावा, अफ़गान नागरिकों के लिए पाकिस्तान के बलिदान के दाखिले पाकिस्तानी नेता और माध्यम दे रहे है।

अपनी छवि सुधारने के लिए पाकिस्तान की कोशिशों पर अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने फटकार लगाई है। पाकिस्तान कितना भी बड़ा प्रचारतंत्र चलाए तब भी वास्तव और अफ़गानियों के मन में पाकिस्तान की छवि कभी नहीं सुधरेगी, यह बात सालेह ने ड़टकर कही। साथ ही अफ़गानिस्तान की अस्थिरता के लिए पाकिस्तानी सेना ही ज़िम्मेदार होने का आरोप सालेह ने नए से लगाया।

अफ़गानिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा के पूर्व अधिकारी रहमतुल्ला नबिल ने भी सालेह द्वारा पाकिस्तान पर लगाए गए आरोपों का समर्थन किया। अफ़गानिस्तान में हिंसा के लिए १ हज़ार पाकिस्तानी आतंकी हररोज़ घुसपैठ करते हैं, यह आरोप नबिल ने लगाया। तभी पाकिस्तान में तालिबान के प्रमुख नूर वली महसूद ने अमरिकी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में अफ़गानिस्तान में जारी संघर्ष में हमारे छह हज़ार आतंकी शामिल होने की बात का स्वीकार करके पाकिस्तान को मुश्‍किल में ड़ाला है।

इसी बीच, अफ़गान सेना के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी के नेतृत्व पर विश्‍वास नहीं रहा और इसी वजह से ४६ अफ़गान सैनिकों ने पाकिस्तान में आश्रय लिया है, यह दावा पाकिस्तान कर रहा है। लेकिन, पाकिस्तान ने अफ़गान सरकार के खिलाफ जारी दुष्प्रचार का ही यह एक हिस्सा होने का दावा अफ़गान एवं अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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