पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के अल-कायदा और आयएस के साथ करीबी संबंध – अफ़गान विदेशमंत्री का आरोप

काबुल – पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के अल-कायदा और आयएस के साथ काफी करीबी संबंध होने का आरोप अफ़गानिस्तान के विदेशमंत्री मोहम्मद हनिफ अतमार ने किया है। इस वजह से दक्षिणी एशियाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा होने का इशारा भी अतमार ने दिया। एक वर्च्युअल कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पाकिस्तान को लक्ष्य किया। साथ ही बुधवार के दिन अफ़गानिस्तान में सुरक्षा बल और तालिबान के बीच हुए संघर्ष में दस तालिबानी मारे गए। बीते सप्ताह में तालिबान ने अफ़गानिस्तान में युद्धविराम घोषित किया था। इसके बाद पहली बार अफ़गान सुरक्षा बल और तालिबान के बीच बड़ा संघर्ष हुआ।

अल-कायदा और आयएस

हम सीर्फ तालिबान से नहीं लड़ रहे हैं बल्कि अफ़गानिस्तान एक ही समय पर चार अलग अलग आतंकी संगठनों से लड़ रहा है। वर्तमान में अफ़गानिस्तान ‘इस्लामिक मुवमेंट ऑफ उज़बेकिस्तान, ईस्ट तुर्कस्तान इस्लामिक मुवमेंट और पाकिस्तान स्थित आतंकी ‘लश्‍कर-ए-तोयबा’, ‘जैश-ए-मोहम्मद’ और अल-कायदा एवं आयएस जैसी आतंकी संगठनों से भी मुकाबला कर रहा है। इन सभी आतंकी संगठनों के एक-दूसरे से नज़दीकी संबंध हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनका संगठित नेटवर्क है। नशीले पदार्थों का कारोबार यही आतंकी संगठन चलाते हैं। इससे सीर्फ दक्षिणी एशियाई क्षेत्र के लिए ही खतरा नहीं है बल्कि पूरे विश्‍व को है, यह बयान अतमार ने किया।

सीमा की उस ओर स्थित इन आतंकियों का भारत ने कई बार निषेध किया है, यह बात भी अतमार ने कही। पड़ोसी देशों में मौजूद आतंकियों के अभयारण्य से अफ़गानिस्तान के लिए खतरा होने की बात अतमार ने पाकिस्तान का ज़िक्र किए बिना बयान की। हाल ही में संयुक्त राष्ट्रसंघ की रपट में अफ़गानिस्तान में पाकिस्तान के छह हज़ार आतंकी सक्रिय होने की बात स्पष्ट हुई थी। अतमार ने इस रपट की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। इसी बीच बुधवार को अफ़गानिस्तान के गज़नी में अफ़गान सुरक्षा बल और तालिबानीयों के बीच हुए संघर्ष में तालिबान के 10 आतंकी मारे गए थे।

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