‘एफएटीएफ’ की बैठक से पहले पाकिस्तान को लगा जोरदार झटका

इस्लामाबाद – ‘फायनान्शियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) के ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को सोमवार के दिन जोरदार झटका लगा। आतंकियों को हो रही ‘फंडिंग और मनी लौंडरिंग’ रोकने के लिए पाकिस्तान ने की हुई कार्रवाई पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ से हटाने के लिए पर्याप्त ना होने की फटकार ‘एफएटीएफ’ से जुडे ‘एशिया पैसिफिक ग्रुप’ (एपीजी) ने लगाई हैं। साथ ही ‘एपीजी’ या ‘एफएटीएफ’ की बैठक का पुख्ता निर्णय होने तक पाकिस्तान को ‘एन्हान्स्ड फौलोअप’ की सूचि में रखा गया है। इसी बीच, ‘एफएटीएफ’ की ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर निकलने के लिए अमरिकी कंपनी के ज़रिये प्रभाव बनाने की पाकिस्तान की कोशिश पर भारत ने आलोचना की है।

Imran-Khanअगले सप्ताह में २१ से २३ अक्तुबर के दौरान ‘एफएटीएफ’ की बैठक होनी है। इस बैठक के दौरान पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में रखने पर अहम निर्णय होगा। बीते वर्ष ‘एफएटीएफ’ ने तय किए ४० मुद्दों का पाकिस्तान ने किस हद तक पालन किया, इसका जायजा भी इस बैठक में किया जाएगा। इस बैठक के निर्णय पर पाकिस्तान का आर्थिक भविष्य निर्भर रहेगा, यह दावा किया जा रहा है। लेकिन, उससे पहले ही ‘एफएटीएफ’ से जुड़े ‘एपीजी’ नामक गुट ने सोमवार के दिन जारी किए रपट में पाकिस्तान की निष्क्रियता पर फटकार लगाई है। इस गुट ने रखी रपट में यह फटकार लगाई गई है। यह रपट बीते वर्ष की गई जाँच का हिस्सा है और इसमें ‘एफएटीएफ’ ने तय किए ४० मुद्दों को आधार बनाया गया है।

लेकिन, इनमें से महज दो मुद्दों का पाकिस्तान ने पालन किया है, यह बात ‘एपीजी’ ने अपनी रपट में दर्ज की है, ऐसी खबर पाकिस्तान के ही शीर्ष समाचार पत्र ने जारी की है। ‘एफएटीएफ’ के मुद्दों का पालन करने में पाकिस्तान काफी उदास होने की आलोचना इस गुट ने अपने १२ पन्नो की रपट में की है। इस वजह से मनी लौंडरिंग एवं आतंकियों को हो रही फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान संतोषजनक कार्रवाई नहीं करता तब तक पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ से हटाना संभव नहीं होगा। इसी कारण अगले निर्णय तक पाकिस्तान का समावेश ‘एन्हान्स्ड फॉलोअप’ में किया गया है, यह बात ‘एपीजी’ ने अपनी रपट में स्पष्ट की है।

fatfअगले सप्ताह में होनेवाली ‘एफएटीएफ’ की बैठक में पाकिस्तान को ‘ब्लैक लिस्ट’ करने से संबंधित निर्णय होने की संभावना भी जताई जा रही है। ऐसा होने पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हो रही आर्थिक सहायता बंद होगी या इस सहायता के लिए कड़े नियम लगाए जाएंगे, यह दावा किया जा रहा है। ‘एफएटीएफ’ संगठन के ३९ सदस्य देशों में से १२ सदस्य देशों ने विरोध में वोट करने से पाकिस्तान का ‘ब्लैक लिस्ट’ होने का रास्ता अधिक चौड़ा होगा। इस संकट से बचने के लिए पाकिस्तान ने अमरीका स्थित टेक्सास स्थित ‘लिंडेन स्ट्रैटेजिस’ की नियुक्ती की है। ‘एफएटीएफ’ के ३९ में से २० देश अमरीका के प्रभाव में हैं। इस वजह से यह देश अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प से जाकर मिलने की कोशिश करेंगे, यह दावा किया जा रहा है।

पाकिस्तान की इस चाल पर भारत एवं पाकिस्तान के कुछ विश्‍लेषकों ने कड़ी आलोचना की है। ‘एफएटीएफ’ पर प्रभाव बनाने के लिए अमरीका स्थित कंपनी को नियुक्त करके पाकिस्तान के कुछ लोगों ने अवैध पैसा कमाने की और एक कोशिश की है, ऐसी चिमटी पाकिस्तानी विश्‍लेषकों ने लगाई है। ‘एपीजी’ की रपट के बाद पाकिस्तान को ‘ब्लैक लिस्ट’ होने से कोई भी बचा नहीं सकता, ऐसा दावा भी यह विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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