पाकिस्तान से मिलनेवाला फंडिंग उजागर होने के बाद ‘हुरियत कॉन्फरन्स’ में दरार

श्रीनगर, दि. २१ : अलगाववादी नेता ने, ‘जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन करने के लिए पाकिस्तान से करोड़ों रुपये हवाला मार्ग से आते हैं’ ऐसा ‘स्टिंग ऑपरेशन’ में क़बूल करने के बाद हुरियत कॉन्फरन्स में दरार पड़ गयी है| कुछ दिन पहले ‘हिजबुल मुझाहिद्दीन’ के कमांडर झाकीर मुसा ने, ‘जम्मू-कश्मीर का संघर्ष यह आझादी के लिए नहीं, बल्कि शरियत के लिए चल रहा है’ ऐसा कहकर अलगाववादी नेताओं को दुविधा में ड़ाला था| इसके बाद यह नया ‘स्टिंग ऑपरेशन’ सामने आया है| अलगाववादियों को पाकिस्तान और सऊदी अरब से हवाला के मार्ग से करोड़ो रुपये आते हैं, इस मामले की दखल लेकर ‘एनआयए’ ने उनकी पूछताछ शुरू कर दी है|

जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों को पाकिस्तान के ख़ुफिया संगठन ‘आयएसआय’ और ‘लश्कर-ए-तोयबा’ जैसे आतंकवादी संगठनों से बड़े पैमाने पर हवाला मार्ग से पैसे आते हैं, यह बात पहले भी सामने आयी थी| सन २०११ में जम्मू-कश्मीर में चार व्यापारियों पर हवाला मामले में गुनाह दाखिल किया गया था| लेकिन नये सबूत हाथ में आने पर राष्ट्रीय जाँच संस्था (एनआयए) ने इसकी छानबीन हाथ में ली है| इस मामले में तीन ‘हुरियत’ नेताओं को समन्स दिया गया है| इसमे नईम खान, फारुक अहमद डार और गाजी जावेद बाब का समावेश है|

एक न्यूजचैनल ने नईम खान का ‘स्टिंग ऑपरेशन’ किया था| इसमें नईम खान यह बताते हुए नज़र आता है कि जम्मू-कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन और अन्य अलगाववादी कार्रवाइयों के लिए सौ करोड़ से ज़्यादा रुपये हवाला मार्ग से आते हैं| लेकिन पाकिस्तान द्वारा इससे भी अधिक सहायता की उम्मीद नईम खान ने इसमें जतायी थी| पिछले छह सालों से पाकिस्तान इस कोशिश में है कि जम्मू-कश्मीर में फिर से बड़ा संघर्ष भड़क उठें, ऐसा भी नईम खान ने इसमें कहा है|

स्टिंग ऑपरेशन का यह विडियो जारी होने के बाद जम्मू-कश्मीर में अलगावादियों का मध्यवर्ती संगठन रही ‘हुरियत कॉन्फरन्स’ में खलबली मची है| हुरियत नेताओं का असली चेहरा इसके कारण जम्मू-कश्मीर की जनता के सामने आ गया| ‘हुरियत’ नेता इस मामले के बाद मीडीया से मुँह छिपाकर भाग रहे दिखायी दे रहे हैं|

नईम खान ने मीडिया की जमकर आलोचना की और ‘आधाअधूरा टेप दिखाकर अपने बयानों को ग़लत तरीके से दिखाया है’ ऐसा आरोप किया| लेकिन एक पत्रकार परिषद में मीडिया द्वारा की गयी सवालों की बौछार से भड़का हुआ नईम फिर से सच उगल गया, ‘मीडिया के सवालों का जवाब देना मेरे लिए बंधनकारक नहीं है| प्रदर्शन के लिए पाकिस्तान का फंडिग यह कोई नयी बात नहीं है’, ऐसा कहकर नईम खान इस पत्रकार परिषद से निकल गया|

हुरियत के वरिष्ठ नेता सय्यद अली शहा गिलानी और मिरवाझ फारुख जैसे नेता भी ‘एनआयए’ के पूछताछ के फेरे में आने की संभावना है| शनिवार को हुरियत ने एक बैठक बुलवाई थी| इसमें ‘स्टिंग ऑपरेशन’ में अटके नेताओं को भी बुलाया गया था| हालाँकि इस बैठक के तफ़सील तो सामने नहीं आये हैं, लेकिन उसके बाद नईम खान और उसकी पार्टी ‘नैशलन फ्रंट’ को हुरियत से निकाल बाहर कर दिया गया| पूछताछ पूरी होने तक नईम खान और उसकी पार्टी ‘हुरियत’ से निष्कासित रहेगी, ऐसा घोषित किया गया है| यह निष्कासन होने के बाद, ‘यह मामला यानी भारत का अपप्रचार है’ ऐसा आरोप हुरियत कॉन्फरन्स के नेताओं द्वारा किया जा रहा है|

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