पाकिस्तान ‘एफएटीएफ’ की ‘ग्रे लिस्ट’ में कायम

नई दिल्ली: ‘फायनाशिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान का नाम अपने ‘ग्रे लिस्ट’ से हटाने से इन्कार किया है| ऐसे में ‘एफएटीएफ’ने अभी भी पाकिस्तान को ‘ब्लैक लिस्ट’ नही किया है, इस पर पाकिस्तान में संतोष व्यक्त किया जा रहा है| इसके लिए भारत कर रहा कोशिश नाकाम करने के लिए पाकिस्तान को सफलता मिलने के दावे पाकिस्तान से किए जा रहे है| लेकिन, फिलहाल टला खतरा अक्तुबर महीने में पाकिस्तान के सामने दुबारा खडा होगा और उस उसके पहले पाकिस्तान को आतंकियों पर अपेक्षित कार्रवाई करनी ही होगी| भारत ने पाकिस्तान को इस कडी सच्चाई का एहसास कराया है|

आतंकियों के आर्थिक स्रोत पर कार्रवाई करने में नाकाम हुए देशों की सुचि ‘एफएटीएफ’ से तैयार की जाती है| शुरू में ‘ग्रे लिस्ट’ में नाम दर्ज करके उन देशों को आतंकियों के विरोध में कार्रवाई करने के लिए जरूरी समय दिया जाता है| पाकिस्तान का समावेश ‘ग्रे लिस्ट’ में करके ‘एफएटीएफ’ ने पाकिस्तान को भी जरूरी समय दिया था| लेकिन, अपनी अधिकांश शर्ते पाकिस्तान ने स्वीकारी नही है, यह टिपणी ‘एफएटीएफ’ ने लगाई है| आतंकियों के आर्थिक स्रोत खंडीत करने के लिए पाकिस्तान ने करीबन २७ निर्णय करना अपेक्षित था| लेकिन, इस मोर्चे पर पाकिस्तान ने अबतक कुछ भी किया नही है, यह कहकर ‘एफएटीएफ’ ने चिंता जताई| साथ ही अगले दौर में यह स्थिति कायम रही तो पाकिस्तान का समावेश ‘ब्लैक लिस्ट’ में करने का इशारा संगठन ने दिया है|

लेकिन, पाकिस्तान ने यह आरोप ठुकराए है| अबतक पाकिस्तान ने लश्कर ए तोयबा, फलाह ए इन्सानियत, जैश ए मोहम्मद इन आतंकी संगठनों से जुडी करीबन ७०० प्रापर्टी पर कार्रवाई की है, इस ओर पाकिस्तान ने ध्यान आकर्षित किया है|

लेकिन, पाकिस्तान का यह बचात ‘एफएटीएफ’ ने स्वीकार नही किया है| ऐसा होत हुए भी पाकिस्तान को इस संबंधी कार्रवाई करने के लिए जरूरी समय देने की तैयारी भी इस संगठन ने दिखाई है| अक्तुबर तक पाकिस्तान ने यह कार्रवाई की नही तो पाकिस्तान का समावेश इसके आगे ब्लैक लिस्ट में करने की चेतावनी ‘एफएटीएफ’ ने दी है|

पाकिस्तान का समावेश ‘ब्लैक लिस्ट’ में हुआ तो अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं की सहायता पाकिस्तान को प्राप्त नही हो सकेगी| साथ ही इस देश में हो रहा निवेश पूरी तरह से बंद होगा| पाकिस्तान के व्यापार और बैंकिंग क्षेत्र पर भी इसका असर होगा| इस वजह से पाकिस्तान के लिए ब्लैक लिस्ट में समावेश होना घातक बात साबित हो सकती है| यह संकट सीर पर होते हुए भी पाकिस्तान के नेता और माध्यम पाकिस्तान का समावेश ‘ब्लैक लिस्ट’ में ना होने पर संतोष व्यक्त कर रहे है| साथ ही इस मामले में भारत की कोशिश नाकाम करने की बात कहकर पाकिस्तान के राजनयिक अधिकारी इसे अपनी जित करनार दे रहे है|

इसपर बोलते समय भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अक्तुबर तक आतंकी संगठनों पर अपेक्षित कार्रवाई करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर होने का इशारा दिया है|

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