नई दिल्ली – आसाम में हो रही अवैध घुसपैठ पर कडी चिंता जताकर भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपीन रावत इन्होंने इस घुसपैठ के पीछे पाकिस्तान और चीन का षडयंत्र है, यह आरोप किया है| एक मुलाकात के दौरान जनरल रावत इन्होंने इस अवैध घुसपैठियों को देश के बाहर खदेडना आवश्यक है, ऐसा कहा है| साथ ही घुसपैठियों ने प्राबल्य स्थापित किये आसाम के जिलों में हो रही बढोतरी सुरक्षा के दृष्टी से चिंता का विषय है, इस ओर भी सेना प्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया है| साथ ही सुरक्षा के विषय में इस संवेदनशील विषय पर राजनीति ना हो, ऐसी अपेक्षा भी सेना प्रमुख रावत ने व्यक्त की है|
सीधे नाम लेने से बच कर सेना प्रमुख जनरल बिपीन रावत इन्होंने आसाम में हो रही घुसपैठ पश्चिमी पडोसी देश की षडयंत्र का भाग है, यह दावा किया| साथ ही भारत के उत्तरी दिशा के पडोसी देश इस घुसपैठ के लिये पूरी सहायता कर रहा है, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया| उन्होंने जिक्र किये हुए पश्चिमी और उत्तरी दिशा के पडोसी देश यानी पाकिस्तान और चीन होते है| भारत का उत्तरी सरहदी क्षेत्र लगातार अशांत रहे इसके लिये यह कोशिष हो रही है, यह आरोप करके सेना प्रमुख ने इसी कारण अवैध घुसपैठ कराई जा रही है, यह कहा| इस के बाद आने वाले समय में भी इसी तरीके से घुसपैठ कराई जायेगी, ऐसा सेना प्रमुख ने कहा|
देश के सामने गंभीर चुनौती खडी है और इस परिस्थिति में घुसपैठियों की पहचान करके उन्हे बाहर खदेडना, यही एक उपाय है, यह स्पष्ट मत जनरल रावत इन्होंने व्यक्त किया है| अवैध तरीके से हो रही घुसपैठ रोकन के लिये इसके अलावा दुसरा अन्य रास्ता हो नही सकता| घुसपैठियों का समर्थन कर रहे राजनीतिक दल पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रबल हुए है, इस ओर भी जनरल रावत ने ध्यान आकर्षित किया| आसाम में बांगलादेशी घुसपैठियों की प्रबलता बनी जिलों की संख्या पांच से बढकर अब नौ पर गई है| यह परिस्थिति चिंता का विषय है और आने वाले समय में देश के लिये चुनौती देने वाली साबित होगी| इसी वजह से इस परिस्थिति में समय पर उपाय करना जरूरी हुआ है, यह चेतावनी भी सेना प्रमुख ने मुलाकात के दौरान दी|
केंद्रीय सरकार ने यह खतरा पहचान कर इस परिस्थिति के विरोध में उपाय करना शुरू किया है, इसकी जानकारी सेना प्रमुख जनरल रावत ने दी| लेकिन, इस परिस्थिति में कडे उपाय किये नही तो ईशान्य के राज्यों का विकास कराने की कोशिषों में बाधा आयेगी, ऐसा जनरल रावत ने स्पष्ट किया| साथ ही अवैध घुसपैठ करनेवालों को रोका गया नही तो, यह इलाका हमेशा के लिये पिछडा रहने का खतरा है, इस ओर भी जनरल रावत ने ध्यान आकर्षित किया| यहां के स्थानिय निवासी और अवैध घुसपैठी पहचानने के लिये बडी ताकत खर्च हो सकती है| इसी लिये यह समस्या और गंभीर होने से पहले ही घुसपैठियों के विरोध में कार्यवाही होना अपेक्षित है, यह जनरल रावत ने कहा है| लेकिन, अवैध मार्ग से घुसपैठ कर रहे और वैध मार्ग से पहुंच रहे शरणार्थियों के बीच फरक करना जरूरी है, यह भी जनरल रावत ने कहा है|
वैध मार्ग से आ रहे शरणार्थियों को अपने समाज में शामिल करना संभव है, लेकिन यह क्रिया सोचसमज कर और संतुलन बनाकर करना जरूरी है| इस मुद्दे पर राजनीति नही होगी, इस बात का भी ध्यान रखना होगा, यह सेना प्रमुख जनरल रावत ने स्पष्ट किया है|