तालिबान का केंद्र पाकिस्तान में- अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अशरफ गनी का आरोप

काबुल: तालिबान आतंकवादियो का केंद्र पाकिस्तान ही है, ऐसा आरोप कर के अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अशरफ गनी ने पाकिस्तान पर कड़ी टीका की है। १० दिनों के कालखंड में अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में तीन आतंकी हमले हुए थे। एवं उस में १५० से अधिक लोगों की जान गई है। इन हमलों का षड्यंत्र पाकिस्तान में रचने की बात से इंकार न करते हुए, उस के ठोस सबूत अफ़ग़ानिस्तान की यंत्रणा ने पाकिस्तान को प्रस्तुत किए हैं। इस पृष्ठभूमि पर अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान पर किए आरोपों का महत्व बढ़ा है।

अफ़ग़ानिस्तान में हमले करनेवाले तालिबान आतंकवादियो का केंद्र पाकिस्तान में है। अफगानी जनता इन आतंकवादियों पर पाकिस्तान से निर्णायक कार्रवाई कब की जाएगी, इस प्रतीक्षा में है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष गनी ने कहा है और अफगानी जनता को संबोधित करते हुए किये भाषण मे राष्ट्राध्यक्ष गनीने यह मांग की है। राष्ट्राध्यक्ष गनी ने पाकिस्तान पर किए टीका के पहले, अफगानी यंत्रणा ने आतंकवादी हमलों को पाकिस्तान जिम्मेदार होने का आरोप किया था। तथा इस संदर्भ में सबूत अपने हाथ लगने की घोषणा अफगानी यंत्रणा ने की थी।

अफ़ग़ानिस्तान के अंतर्गत रक्षामंत्री वाईस अहमद बर्माक और अफ़ग़ानिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख मासूम स्तानेकझाई ने पाकिस्तान को भेंट देकर काबुल हमले से संबंधित सबूत पाकिस्तान को प्रस्तुत किए हैं। इस सबूत में काबुल के हमले मे कब्जे मे आये आतंकवादी के इकबालिया बयान का समावेश है। पाकिस्तान के चमन सीमा भाग में तालिबान के मुखिया का वास्तव्य होकर, इस जगह आतंकवादी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ऐसी जानकारी एक आतंकवादी के बयान से सामने आयी है, ऐसा बर्माक ने कहा है। पाकिस्तान प्रसार माध्यमों के सामने बर्माक की जानकारी उजागर की है। उस समय सिर्फ तालिबान ही नहीं, आयएस आतंकवादी भी इस जगह प्रशिक्षण ले रहे हैं और इस भाग में उनका मुक्त प्रसार होने की बात बर्माक ने कही है।

इन सबूतों के साथ अफ़ग़ानिस्तान ने पाकिस्तान के सामने अपनी मांग रखी है। इस में काबुल हमले के लिए जिम्मेदार होने वाले आतंकवादियों के साथ हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को अपने कब्जे में दिया जाए, इस मांग का समावेश है। दौरान काबुल में भीषण आतंकवादी हमले करने वाले तालिबान और तालिबान को समर्थन करने वाली पाकिस्तानी सभी मर्यादाओं का उल्लंघन किया है, ऐसे क्रोध की भावना अफगानी जनता में है। राष्ट्राध्यक्ष के पाकिस्तान पर किए सारे आरोपो से यही दिखाई दे है।

काबुल में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के ‘प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी’ ने राष्ट्राध्यक्ष गनी को फोन किया था। पर राष्ट्राध्यक्ष गनी ने फोन लेने के लिए इंकार कर दिया था। उस के बाद भारत के प्रधानमंत्री से अपनी चर्चा होने की जानकारी अफगानी राष्ट्रध्यक्ष ने घोषित की थी। यह बात अफ़ग़ानिस्तान की धारणा स्पष्ट करने के लिए काफी है, ऐसा दावा पाकिस्तान के विश्लेषक कर रहे हैं। तथा आने वाले समय में अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान के बारे में अधिक आक्रामक धारणा स्वीकारेगा, ऐसी चिंता भी पाकिस्तान के विशेषज्ञ एवं पत्रकार व्यक्त कर रहे हैं।

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