काबूल धमाके के पीछे पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ होने का अफगानी खुफिया एजन्सी का इल्ज़ाम

काबूल, दि. १ : अफगानिस्तान की राजधानी काबूल में हुए भयंकर विस्फोट में मरनेवालों की संख्या ९० तक पहुँच चुकी है| इस धमाके के पीछे पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजन्सी ‘आयएसआय’ और तालिबान के ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादी हैं, ऐसा इल्ज़ाम अफगानी खुफिया विभाग के अधिकारियों ने लगाया है| इस धमाके के बाद ग़ुस्सा हुए अफगानी राष्ट्राध्यक्ष ने तालिबान के ११ आतंकवादियों को फाँसी देने के आदेश दिए हैं| साथ ही, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट की शृंखला को भी रद कर दिया है|

काबूलअफगानिस्तान की वृत्तसंस्था टोलो न्यूल ने, खुफिया विभाग के अधिकारियों का हवाला देते हुए, सदर घातपात के पीछे ‘आयएसआय’ और तालिबान के ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादियों का हात है, ऐसा कहा है| अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय रहे ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादियों ने इससे पहले भी अफगानिस्तान में बडी मात्रा में घातपात किए थे| पाकिस्तान की सेना और ‘आयएसआय’ हक्कानी गुट के आतंकवादियों को सुरक्षा दे रहे हैं| साथ ही, आयएसआय’ के इशारों पर ही यह आतंकवादी गुट अफगानिस्तान में हमला कर रहे है| बुधवार को काबूल में हुए धमाके की ज़िम्मेदारी का स्वीकार अभी तक किसी भी आतंकवादी संघटन ने नहीं किया है| तालिबान ने, इस धमाके के पीछे हमारा हाथ नहीं है, ऐसा खुलासा किया है| लेकिन उनके बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता, ऐसा अफगानी अधिकारियों का कहना है|

आयएसआय’ तथा हक्कानी गुट के आतंकवादियों ने ही इस धमाके को अंजाम दिया है, ऐसा दावा अफगानी खुफिया एजन्सी के अधिकारी कर रहे हैं| अफगानिस्तान की सरकार की ओर से आ रही प्रतिक्रिया भी यही संकेत दे रही है|
अफगानिस्तान की जेल में जो तालिबानी हैं, उनमें से लगभग ११ तालिबानी आतंकवादियों को फ़ाँसी पर लटकाने के आदेश राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने दिए हैं| इसके बाद अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के साथ होनेवाली क्रिकेट की शृंखला को भी रद कर दिया है| इससे ऐसा स्पष्ट हो रहा है कि जल्द ही अफगानिस्तान की सरकार काबूल बम धमाके के मामले में पाकिस्तान सरकार को ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रही है|

तालिबान का ही गुट माने जानेवाले ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादियों को अब तक पाकिस्तान की खुफिया एजन्सी ‘आयएसआय’ और पाकिस्तानी सेना हर संभव सहायता कर रही है| अफगानिस्तान में होनेवाले खूनखराबे और विध्वंस के लिए ‘हक्कानी नेटवर्क’ जिम्मेदार है, ऐसा इल्ज़ाम अमरीका की ओर से लगाया जाता है| पाकिस्तान ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादियों पर कार्रवाई करें, इसके लिए अमरीका और अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की थी| लेकिन पाकिस्तान ने माँग को नज़रअंदाज़ कर दिया| उल्टा पाकिस्तान ऐसे ख़्वाब देख रहा है कि अमरीका ने अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाने के बाद, ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादियों की मदद से इस देश में अपने इशारों पर नाचनेवाली सत्ता लायी जायें| लेकिन बुधवार को हुए बम धमाके के बाद अफगानिस्तान की ओर से कड़ी प्रतिकिया अपेक्षित है|

पिछले कुछ हप्तो से अमरीका अफगानिस्तान में तक़रीबन ५० हज़ार जवान तैनात करने के बारे में गंभीरतापूर्वक सोच रही है| इस धमाके की वजह से अमरीका का यह निर्णय और भी दृढ़ होकर सैन्यतैनाती की प्रक्रिया और तेज़ हो सकती है| उसी समय, अमरीका और अफगानिस्तान की ओर से ‘हक्कानी नेटवर्क’ पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव और अधिक बढ़ने की गहरी संभावना है, ऐसा सामने आ रहा है|

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