पाकिस्तान के हमलों को प्रत्युतर जरुर मिलेगा – रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन

नई दिल्ली: ‘हम शस्त्रसंधि का सम्मान करते हैं। लेकिन हमला हुआ तो प्रत्युत्तर दिए बिना चुप नहीं रहेंगे’, इन स्पष्ट शब्दों में रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने भारत की भूमिका रखी है। पिछले कुछ दिनों से भारत सन २००३ में हुए शस्त्रसंधी अनुबंध का उल्लंघन कर रहा है, ऐसी शिकायत पाकिस्तान कर रहा है। इस अनुबंध को फिरसे लागू करने के लिए दोनों देशों के सेना के अधिकारियों के बीच चर्चा भी हुई थी। उसके बाद पाकिस्तानी सेना ने गोलीबारी करके हर बार की तरह भारत का विश्वासघात किया था। इस पर रक्षा मंत्री सीतारामन ने यह प्रतिक्रिया दी है।

केन्द्रीय मंत्रालय ने रमजान के अवसर पर इस दौरान जम्मू-कश्मीर में सेना नई मुहीम नहीं शुरू करेगा, ऐसा घोषित किया था। लेकिन इस राज्य के आतंकवादी इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में ग्रेनेड हमलों का सत्र शुरू किया था। इस वजह से केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्णय पर सवाल किए जा रहे हैं। इस बारे में पत्रकार परिषद में पूछे गए सवालों को जवाब देते समय, इस संघर्षबंदी की सफलता-असफलता प्रमाण रक्षा मंत्रालय नहीं दे सकता, ऐसा दावा सीतारामन ने किया है। लेकिन पाकिस्तान के साथ संघर्षबंदी के बारे में बोलते समय सीतारामन ने स्पष्ट भूमिका अपनाई है और स्पष्ट शब्दों में पाकिस्तान को परिस्थिति का एहसास कराके दिया है।

पाकिस्तान, हमलों, निर्मला सीतारामन, प्रत्युतर, जरुर मिलेगा, भारत, जम्मू-कश्मीर‘हम संघर्षबंदी का सम्मान करते हैं। लेकिन सीमापार से होने वाले किसी भी हमले को प्रतिहमला करके जवाब दिया जाएगा। देश की सीमा की रक्षा करना, हमारा सर्वोच्च प्राधान्य होगा। यह रक्षा मंत्रालय और सेना की जिम्मेदारी है’, ऐसा कहकर सीतारामन ने जम्मू-कश्मीर के सीमा इलाके का भारतीय सेना पाकिस्तान की आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा, इस बात को स्पष्ट किया है। कुछ दिनों पहले भारत और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के बीच बैठक पूरी हुई थी। इस बैठक में सन २००३ में दोनों देशों के बीच हुए संघर्षबंदी के अनुबंध को फिरसे लगाने की बात मान्य की गई थी। लेकिन इस बात को कुछ घंटे पूरे होने से पहले ही पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के सीमा इलाके में गोलीबारी की थी। इसको भारत के सेना ने कठोर जवाब दिया और इसमें पाकिस्तान का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, ऐसा कहा जाता है।

इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के ‘इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन्स’ (आईएसपीआर) के मेजर जनरल गफूर ने भारत को चेतावनी दी थी। भारत को उत्तम भवितव्य चाहिए तो, पाकिस्तान के साथ युद्ध का विकल्प भारत के सामने हो ही नहीं सकता है, ऐसा दावा मेजर गफूर ने किया था। भारत और पाकिस्तान परमाणु देश होने के कारण युद्ध का सवाल ही नहीं उठता है, ऐसी धमकी मेजर गफूर ने दी थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद यह देश भारत को सीधे परमाणु युद्ध की धमकियां देता है। मेजर जनरल गफूर ने भी यही किया है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

दौरान, आतंकवाद और चर्चा एक ही समय पर नहीं हो सकती, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किए इस विधान का प्रमाण देकर सीतारामन ने पाकिस्तान के साथ चर्चा की संभावना को ख़ारिज कर दिया है। सीमापार से होने वाली आतंकवाद की निर्यात और संघर्षबंदी का उल्लंघन ऐसे ही जारी रहा तो भारत संघर्षबंदी से पीछे हट जाएगा, ऐसी चेतावनी केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर ने दी है।

भारत ने दी हुई यह चेतावनियाँ मतलब उकसावा है, ऐसा दावा पाकिस्तान कर रहा है। साथ ही सीमापर भारतीय सेना की तरफ से की जाने वाली गोलीबारी में आम लोगों की जान जा रही है, ऐसे झूठे दावे भी पाकिस्तान कर रहा है।

लेकिन ऐसा होते हुए भी, पाकिस्तान की कमजोर सरकार अंतरार्ष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ आक्रामक प्रचार मुहीम कार्यान्वित नहीं कर रहा है, ऐसा दुःख इस देश के उग्रपंथी व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही भारत जम्मू-कश्मीर की सीमा पर कर रहा कार्रवाइयों को पश्चिमी  देशों का समर्थन होने की वजह से ही भारत पाकिस्तान के खिलाफ इतनी आक्रामक भूमिका अपना रहा है, ऐसा उग्रपंथियों का कहना है।

पाकिस्तानी सेना की भूमिका मीडिया के सामने रखने के लिए ही प्रसिद्ध रहे उग्रपंथी और विश्लेषक भारत के खिलाफ पाकिस्तान बहुत ही संयमी भूमिका ले रहा है, ऐसे दावे कर रहे हैं। वास्तव में भारतीय सेना की सतर्कता की वजह से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घुसाना पाकिस्तान के सेना और ‘आईएसआई’ के लिए बहुत मुश्किल बन गया है। इस वजह से आतंकवादियों की कार्रवाइयां बहुत कम हुईं हैं और यही माहौल और कुछ महीनों तक रहा तो आतंकवाद की समस्य ख़त्म हो जाएगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

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