पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख को भारत से सहयोग चाहिए – ब्रिटेन के अभ्यास गट का दावा

लंदन: अपने देश के शत्रु के तौर पर भारत की तरफ द्वेष भावना से देख रहे पाकिस्तान के लष्कर को अब समझ आती दिखाई दे रही है। भारत के साथ लष्करी सहयोग प्रस्थापित करने के सिवाय पाकिस्तान में शांति एवं समृद्धि नहीं रहेगी, इसका एहसास पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को हुआ है, ऐसा दावा ब्रिटेन के एक अभ्यास गट ने किया है। इसीलिए पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख भारत से संवाद करने का प्रयत्न कर रहे है ऐसी जानकारी इस अभ्यास गटने दी है।

भारत, सहयोग, जनरल कमर जावेद बाजवा, अभ्यास गट, दावा, ब्रिटेन, पाकिस्तानकई दिनों पहले पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख ने कश्मीर का प्रश्न चर्चा से सुलझाने का आवाहन करके पाकिस्तानी लष्कर को भारत के साथ शांति एवं सहयोग चाहिए ऐसे चकित करनेवाले विधान किए थे। अबतक भारत को सबक सिखाने की भाषा बोलनेवाले पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख की परंपरा में न होनेवाले यह विधान मतलब पाकिस्तानी लष्कर में हो रहे बड़े बदलाव के संकेत थे। ब्रिटेन के प्रख्यात अभ्यास गट रॉयल यूनाइटस सर्विसेस इंस्टिट्यूट ने आगे वाली जानकारी प्रसिद्ध की है। भारतीय लष्कर के अधिकारी संजय विश्वासराव और उनके पथक को पाकिस्तानी लष्कर से अपने देश को भेंट देने का आमंत्रण दिया है। इसका दाखिला देकर आरयुएसयु ने पाकिस्तानी लष्कर की भूमिका में हो रहे बदलाव के संकेत दिए हैं।

तथा रशिया में सितंबर महीने में होनेवाले लश्करी युद्धाभ्यास में भारत के साथ पाकिस्तान की सेना भी अभ्यास करने वाली है। इसकी तरफ इस अभ्यास गटके विश्लेषक कमल अलाम ने ध्यान केंद्रित किया है। इसकी वजह से पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख भारत के साथ संबंध प्रस्थापित करने के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं और उसके लिए उन्होंने प्रयत्न शुरू किया है, ऐसा दावा आरयुएसयु ने किया है। साथ ही चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना में भारत शामिल हो ऐसा आवाहन भी पाकिस्तान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी ने किया था। पाकिस्तानी लष्कर ऐसे सहयोग के संदेश देते हुए भारत अपनी आक्रमकता छोड़ने के लिए तैयार नहीं, ऐसी आलोचना आरयूएसयू के रिपोर्ट में है।

फिलहाल पाकिस्तान की अवस्था जटिल होकर इस देश की वित्त व्यवस्था किसी भी क्षण गिर सकती है, ऐसी चिंता व्यक्त की जा रही है। पाकिस्तान में पश्तू नागरिक उनपर होने वाले अन्याय के विरोध में न्याय मांग रहे हैं और पाकिस्तान लष्कर के विरोध में पश्तू जनता ने अपना असंतोष भड़कता दिखाई दे रहा है।

साथ ही बलूच जनता भी पाकिस्तान से पूर्ण रुप से ऊब गई है और बलूची नागरिक स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग तीव्र कर रहे हैं। सिंध प्रांत में इससे अलग परिस्थिति नहीं है। इन सारे अग्रणीय स्तर से जूझना पाकिस्तानी लष्कर के लिए तकलीफमय हो रहा है और कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर भारतीय लष्कर से मिल रहे प्रतिउत्तर को पाकिस्तानी लष्कर के आत्मविश्वास डूबा रही है, ऐसा दिखाई दे रहा है। ऐसी परिस्थिति में भारत से संबंध प्रस्थापित करने पर ही पाकिस्तान बच सकता है, ऐसी सलाह आज तक भारत पर गहरी आलोचना करनेवाले पाकिस्तान के विश्लेषक देने लगे हैं। उसके परिणाम पाकिस्तानी लष्कर प्रमुख पर हुआ है और इसकी वजह से उन्हें भारत से सहयोग चाहिए ऐसा दिखाई दे रहा है।

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