पाकिस्तान को ‘एपीजी’ और संयुक्त राष्ट्रसंघ के झटके

नवी दिल्ली/संयुक्त राष्ट्रसंघ: शुक्रवार के दिन पाकिस्तान को बडे झटके लगे है| ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) के ‘एशिया पैसिफिक ग्रुप’ (एपीजी) ने पाकिस्तान का समावेश ‘ब्लैक लिस्ट’ में किया है| ‘एपीजी’ की यह कार्रवाई यानी ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई नही है, यह कहकर पाकिस्तान अपना बचाव कर रहा है| लेकिन, अक्तुबर महीने में यह कार्यवाही पूरी करके पाकिस्तान को ‘एफएटीएफ’ की ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाएगा, यह स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे है| साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार आयोग में धार्मिक अल्पसंख्यांकों की रक्षा करने में नाकामयाब साबित हुए पाकिस्तान पर आलोचना की गई है|

आतंकियों के आर्थिक स्रोत रोकने के काम में पाकिस्तान नाकाम हुआ है, यह आरोप रखकर ‘एफएटीएफ’ की ‘एपीजी’ ने पाकिस्तान को ‘ब्लैक लिस्ट’ किया है| ऑस्ट्रेलिया के कैनबेरा शहर में हुई बैठक में पाकिस्तान के मुद्दे पर दो दिन बातचीत हुई| आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को ४० मुद्दे दिए गए थे| इनमें से ३२ मुद्दों पर पाकिस्तान पूरी तरह से नाकामयाब हुआ है| इस स्थिति का गंभीरता से संज्ञान लेकर ‘एपीजी’ ने पाकिस्तान को ‘एनहान्स्ड एक्स्पेडाईटेड फॉलोअर लिस्ट’ (ब्लैक लिस्ट) में शामिल किया है| भारतीय माध्यमों ने इस समाचार को काफी अहमियत दी है|

लेकिन, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय माध्यम दुष्प्रचार कर रहे है, यह दावा करके पाकिस्तान को अभी तक ब्लैक लिस्ट किया गया नही है, यह खुलासा किया है| साथ ही ‘एफएटीएफ’ और ‘एपीजी’ का भारत सदस्य देश होने की बात कहकर भारत ने ही पाकिस्तान के विरोध में यह साजिश की है, यह आरोप पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने किया है| लेकिन, ‘एपीजी’ के निर्णय की पुरी जानकारी प्रसिद्ध होने पर पाकिस्तान का यह खुलासा और भारत पर किए गए आरोपों में जरा भी सच्चाई ना होने की बात स्पष्ट हुई है|

इसके बाद पाकिस्तान को और एक झटका लगा| संयुक्त राष्ट्रसंघ की मानवाधिकार परिषद में धार्मिक अल्पसंख्यांकों की रक्षा करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुए पाकिस्तान और चीन पर फटकार लगाई गई है| धार्मिक अल्पसंख्यांकों का अधिकार और उनकी रक्षा निश्‍चित करने में नाकाम साबित हुए देशों के विरोध में अमरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने मानवाधिकार परिषद में कडी भूमिका अपनाई| पाकिस्तान में इस्लामी अहमदिया एवं हिंदू और ख्रिस्त धर्मियों के साथ अन्य अल्पसंख्यांकों से भेद और अन्याय से भरा बर्ताव किया जा रहा है, यह तक्रार इस परिषद में रखी गई|

भारत को सहिष्णुता के पाठ देने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान में हो रहा यह अन्याय दुनिया के सामने आने से फिर एक बार पाकिस्तान बेईज्जत हुआ है| पाकिस्तान के विशेष दूत ने अपने देश पर लगाए इन आरोपों पर जवाब देने की कोशिश की| लेकिन, इस विषय पर हुए कडे आरोपों पर वह ठोस उत्तर देने में नाकाम साबित हुए| पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यांको को हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है और जबरन उनका धर्म परिवर्तन किया जा रहा है, यह बात इस दौरान फिर एक बार दुनिया के सामने आयी| अगले समय में पाकिस्तान को इससे बडा झटका लग सकता है| खास तौर पर भारत धार्मिक असुहिष्णूता दिखा रहा है, यह दुष्प्रचार करनेवाले पाकिस्तान को ही अब ऐसे सवालों पर जवाब देना पड रहा है|

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