‘वुहान लैब लीक’ मामले की जाँच से बौखलाए चीन ने अमरीका को धमकाया

जाँचबीजिंग – चीन ने कोरोना विषाणु का निर्माण करके इसे विश्‍वभर में संक्रमित किया होने का आरोप कर रहीं ‘वुहान लैब लीक थिअरी’ का स्वीकार विश्‍वभर में हो रहा है। इसके लिए वैज्ञानिक और विश्‍लेषक चीन के विरोध में गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इसके दबाव की वजह से, कुछ दिन पहले इसकी जाँच समेटकर बंद करने का निर्णय करनेवाले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष, गुप्तचर संस्थाओं को इस मुद्दे की जाँच करके रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी करने के लिए मज़बूर हुए हैं। इस वजह से गुस्सा हुए चीन ने अमरीका को धमकाना शुरू किया है। कोरोना के मुद्दे पर अमरीका राजनीतिक खेल ना करें, ऐसी चेतावनी चीन के सरकारी मुखपत्र ने दी है।

चीन के वुहान स्थित लैब में कोरोना विषाणु का निर्माण होने के दावे ज़िम्मेदार शोधकर्ता कर रहे हैं। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के अखबारों ने, कोरोना की महामारी यह चीन ने सुरू किया हुआ जैविक युद्ध होने के आरोप लगानेवाली काफी संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक की है। वुहान लैब में काम करनेवाले वैज्ञानिकों ने भी इन आरोपों का समर्थन करके, इसके सबूत हमारे हाथों में होने का ऐलान किया है। इस मामले में अमरिकी विश्‍लेषक चीन को कटघरे में खड़ा करके, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसी स्थिति में राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने, ‘वुहान लैब लीक’ से संबंधित रिपोर्ट ९० दिनों में पेश करने के आदेश गुप्तचर संस्थाओं को दिए हैं। इसके लिए अमरीका का गुप्तचर विभाग, ब्रिटन के गुप्तचर संस्थाओं की सहायता ले रहा है। ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत इन प्रमुख देशों ने कोरोना की जाँच करने की माँग उठाई है।

जाँचअगले दिनों में अगर ‘कोविड-२६’, ‘कोविड-३२’ जैसीं नई भयंकर महामारियों का मुकाबला करना नहीं है, तो कोरोना संक्रमण का मूल ढूंढ़ने के अलावा अन्य विकल्प नहीं है, ऐसा इशारा नामांकित वैज्ञानिक डॉ.पीटर हॉटेझ और अमरीका के पूर्व अधिकारी स्कॉट गॉटिलेब ने दिया है। इस वजह से, अपने खिलाफ माहौल तैयार होता देखकर चीन काफी बेचैन हुआ है। चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने इस मुद्दे पर सीधे अमरीका को ही धमकाया है। कोरोना की जाँच करने के मुद्दे पर सियासी खेल ना करें, यह चेतावनी ग्लोबल टाईम्स ने दी है। फ्रेंच सेनानी नेपोलियन बोनापार्ट, ‘वार्टलू’ के युद्ध तक लगातार जीत रहा था। लेकिन, वार्टलू की जंग में परास्त होने के बाद नेपोलियन खत्म हुआ। कोरोना की जाँच करने का अमरीका ने किया हुआ चीन विरोधी निर्णय यानी ‘वॉर्टलू’ साबित होगा, ऐसा ग्लोबल टाईम्स ने धमकाया है।

चीन द्वारा दीं जा रहीं ये चेतावनियाँ और धमकियाँ, इस देश को लेकर जताई जा रही आशंका बढ़ानेवाली साबित होती हैं। चीन के विश्‍लेषक एवं शोधकर्ता, अपने देश की हुकूमत की रक्षा करने के लिए आगे आने की बात सामने आ रही है। कोरोना संक्रमण की जाँच गुप्तचर विभाग द्वारा नहीं, बल्कि शोधकर्ताओं द्वारा होने की उम्मीद है, ऐसा चीन के ‘सेंटर फॉर डिसिज्‌ कंट्रोल’ के विशेषज्ञ झेंग गुआंग ने कहा है।

गुप्तचर संस्थाओं से नहीं, बल्कि शोधकर्ताओं द्वारा कोरोना की जाँच करें और यह जाँच किसी एक देश का अधिकार नहीं हो सकती, यह माँग चीन के विदेश मंत्रालय ने रखी है। लेकिन, चीन द्वारा इस मुद्दे की जानकारी छुपाने के जारी काम को देखकर, इसकी जाँच गुप्तचर विभाग को सौंपने के अलावा विकल्प ना होने की बात स्पष्ट हुई थी। दिसंबर २०१९ से पहले वुहान की लैब में काम कर रहें शोधकर्ता कोरोना संक्रमित हुए थे। लेकिन, चीन ने यह जानकारी विश्‍व से छुपाकर रखी। चीन ने अपने देश में हुए इस संक्रमण की जानकारी लंबे समय तक सार्वजनिक नहीं की। इसी वजह से यह महामारी विश्‍वभर में संक्रमित हुई और इसके भयंकर परिणाम विश्‍व को भुगतने पड़ रहे हैं। चीन की यह हरकत अपराध साबित होती है और इसकी ज़िम्मेदारी चीन को स्वीकारनी ही होगी, यह माँग विश्‍वभर में जोर पकड़ रही है।

अभी तक किसी भी देश ने अधिकृत स्तर पर चीन के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई नहीं है। लेकिन, ‘वुहान लैब लीक’ मामले की जाँच यानी हमारे खिलाफ होनेवाला हमला साबित होता है, यही संदेश चीन प्रमुख देशों को दे रहा है। इस वजह से चीन की बौखलाहट हुई है और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन के विरोध में एकजूट होती हुई दिखाई देने लगी है।

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