नाटो के विरोध में अमरिका समेत यूरोप में भी नाराजगी बढ रही है – अमरिकी अभ्यास गुट का रपट

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वॉशिंग्टन – अमरिका के साथ जर्मनी, फ्रान्स, तुर्की इन प्रमुख सदस्य देशों में ‘नाटो’ के विरोध में नाराजगी बढने की बात सामने आ रही है| अमरिकी अभ्यासगुट ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ ने जारी किए रपट से यह बात स्पष्ट हुई है| यह रपट जारी हो रहा था तभी रशिया ने यूरोप में नाटो कर रहे विस्तार पर फिर से आलोचना की है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने वर्ष २०१६ में राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान ‘नाटो’ पर कडी आलोचना की थी| ‘नाटो’ अब पुरानी संगठन हो चुकी है और इसे बंद करने का यही समय होने का सनसनीखेज बयान भी ट्रम्प ने किया था| राष्ट्राध्यक्ष होने के बाद भी ट्रम्प ने लगातार नाटोपर कडी आलोचना करके यह संगठन और इसके सदस्य देश अपनी जिम्मेदारी नही संभाल रहे है, ऐसी नाराजगी भी व्यक्त की थी|

नाटो के नियमों के अनुसार सदस्य देशों ने ‘जीडीपी’ के कम से कम दो प्रतिशत राशी रक्षा के लिए खर्च करने की उम्मीद है| पर, अमरिका, पोलैंड, इस्टोनिया ऐसे चुनिंदा देशों के अलावा अन्य देश नियमों का पालन नही कर रहे है, यह आरोप ट्रम्प ने किया था| अन्य देश नियमों का पालन नही करते है तो अमरिका भी नाटो के लिए प्रावधान करते समय अपना हाथ खिंच लेगी या नाटो से बाहर होगी, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने दी थी| ट्रम्प की यह आलोचना नाटो के सदस्य देशों के लिए मुश्किल बनानेवाली साबित हुई थी|

इसके बाद यूरोपिय देशों से भी नाटो के विरोध में आवाज उठना शुरू हुआ था| खास तौर पर फ्रान्स जैसे प्रमुख देश ने नाटो की कडी आलोचना की थी| वर्ष २०१८ में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने, ‘यूरोपियन सेना’ संबंधी भूमिका रखते समय नाटो की अहमियत कम करने की कोशिश की थी| इसके बाद पिछले वर्ष में एक मुलाकात के दौरान ‘नाटो’ यह संगठन ‘ब्रेन डेड’ होने का बयान भी फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने किया था| सदस्य देशों के नेताओं से हो रही आलोचना की पृष्ठभूमि पर अमरिकी अभ्यासगुट ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ का यह रपट अहम समझा जा रहा है|

अमरिकी अभ्यासगुट प्यू रिसर्च सेंटर के रपट के अनुसार पिछले वर्ष से अमरिकी जनता में ‘नाटो’ का समर्थन करनेवालों की संख्या ५२ प्रतिशत तक गिर चुकी है| वर्ष २०१८ में यह संख्या ६४ प्रतिशत थी| फ्रान्स में यही आंकडका ५० प्रतिशत से भी कम हुआ है| जर्मनी में नाटो समर्थकों की संख्या ६३ प्रतिशत से कम होकर ५७ प्रतिशत हुई है| नाटो पर सबसे अधिक नाराजगी तुर्की में देखी गई है| वहां पर मात्र २१ प्रतिशत लोगों ने नाटो का समर्थन किया है|

बल्गेरिया, ग्रीस, हंगेरी और स्पेन जैसे देशों में भी ५० प्रतिशत से भी अधिक लोग नाटो पर नाराज देखे गए है| वही, नाटो को सबसे अधिक समर्थन पोलैंड में प्राप्त हुआ है| वहां की ८२ प्रतिशत जनता नाटो संबंधी सकारात्मक नजरिया दिखा रहे है| नाटो के ‘आर्टिकल ५’ के अनुसार सदस्य देश पर हमला होनेपर उसकी सुरक्षा के लिए अन्य सदस्य देशों ने संघर्ष में उतरना जरूरी है| पर, १६ देशों के ५० प्रतिशत से भी अधिक लोगों ने ऐसे संघर्ष में उतरने को विरोध किया है|

इसी बीच, नाटो के विरोध में नाराजगी में बढोतरी हो रही है तभी रशिया ने फिर एक बार नाटो की आलोचना की है| रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लावारोव्ह ने नाटो विस्तारवादी भूूमिका अपना रही है, यह कहकर कडे शब्दों में नाटो पर हमला किया है| नाटो का समर्थन करनेवाले लगातार रशिया का डर दिखाकर नए और तटस्थ देशों को अपने जाल में खिंचने की कोशिश कर रहे है, यह आरोप भी लावारोव्ह ने किया है|

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