महाराष्ट्र में भारी वर्षा से हुई मौतों की संख्या १४९ हुई

  • ६४ अब भी लापता
  • कोल्हापुर, सांगली और सातारा में स्थिति अब तक गंभीर

भारी वर्षानई दिल्ली – महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश से बनी बाढ़ की स्थिति और भूस्खलन समेत हुई अन्य दुर्घाटनाओं में अब तक १४९ लोगों की मौत होने की बात स्पष्ट हुई है। इस दौरान ६४ से अधिक लोग अब तक लापता हैं और मृतकों का आँकड़ा दो सौ से अधिक होने की संभावना है। साथ ही इस दौरान हुए बड़े आर्थिक नुकसान का अब तक अंदाज़ा लगाना मुमकिन नहीं हुआ है। कोंकण क्षेत्र के जिलों में बारिश थमने से बाढ़ का जलस्तर अब कम हुआ है, फिर भी कोल्हापुर, सांगली और सातारा जैसे पश्‍चिम महाराष्ट्र के क्षेत्र में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।

महाराष्ट्र में गुरूवार से भूस्खलन की कई छोटी-बड़ी घटनाएँ दर्ज़ हुई हैं। साथ ही कहीं-कहीं घर का हिस्सा एवं पेड़ गिरने की कई घटनाएँ हुई हैं। रत्नागिरी जिले के चिपलुन, खेड़, संगमेश्‍वर, लांजा जैसे स्थानों पर सभी बाज़ार पानी में डूबे हुए थे। रायगड़ के महाड़ में स्थिति सबसे गंभीर थी। बाढ़ का पानी जाने के बाद वहां पर सिर्फ कीचड़ ही कीचड़ फैला हुआ है। कई इलाकों में अब तक बिजली की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। साथ ही कई स्थानों पर पानी की सप्लाई भी बंद है। घरों के सभी सामान खराब होने से कई परिवारों को अब भविष्य का सवाल सता रहा है।

भारी वर्षारायगड़, रत्नागिरी, सातारा, सिंधुदुर्ग जिलों में भूस्खलन की घटनाओं में ८९ लोग मारे गए हैं और ३४ लापता हैं। इस दौरान हुई भारी बारिश के कारण कुल १४९ लोगों की मौत हुई है और ६४ लोग लापता होने की जानकारी प्रशासन ने प्रदान की। इनमें से सबसे ज्यादा ६० लोगों की मौत रायगड़ में हुई है। इसके बाद रत्नागिरी में २१, सातारा में ४१, ठाणे जिले में १२, कोल्हापुर में ७, मुंबई उपनगर में ४, सिंधुदुर्ग और पुणे में दो-दो लोगों की मौत हुई। रविवार के दिन सातारा और रायगड़ में मलबे के नीचे दबे हुए ३६ लोगों के शव बाहर निकाले गए।

कई जगहों पर राहतकार्य जारी है और महाराष्ट्र में ‘एनडीआरएफ’ के ३४ दल राहतकार्य में जुटे हैं। इसके अलावा भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना भी इस राहतकार्य में उतरे हैं। कोल्हापुर, सांगली, सातारा जिलों में कृष्णा, पंचगंगा, वारणा और कोयना जैसी नदियों का जलस्तर खतरे के स्तर पर है और घाट के माथों पर लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से पश्‍चिम महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी अभी भरा हुआ है। कई स्थानों पर नागरिक फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने का काम लगातार जारी है। कोल्हापुर, सांगली, सातारा और पुणे के ८७५ गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। कई गांवों का संपर्क टूटा हुआ है। इन जिलों में तकरीबन २.२९ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करना पड़ा है।

इसी बीच, भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन होने जैसी आपत्ति में तेज़ी से राहतकार्य के लिए ‘एनडीआरएफ’ की तरह राज्य में भी स्वतंत्र दल गठित करने का निर्णय किया गया है।

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