ऑटोमन साम्राज्य ने अर्मेनिया में नरसंहार किया – अमरिकी सिनेट में पारित विधेयक पर तुर्की ने व्यक्त किया क्रोध

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन/अंकारा – बीसवीं सदी के शुरू में ऑटोमन तुर्क साम्राज्य ने लाखों अर्मेनियन लोगों की हत्या यानी नरसंहार किया था, यह बात अमरिकी सिनेट ने सहमति से स्वीकारी है| यह सत्य की जीत होने की प्रतिक्रिया अर्मेनियन सरकार ने दर्ज की है| वही, इस निर्णय की वजह से अमरिका और तुर्की के संबंधों में और भी तनाव बना है और तुर्की ने इस मामले में अमरिकी राजदूत को समन्स दिया है|

गुरूवार के दिन अमरिकी सिनेट में पेश किया गया अर्मेनियन वंशसंहार से संबंधित विधेयक किसी भी विरोध के बिना ही पारित किया गया| सिनेट में रिपब्लिकन और डेमोक्रैटस् इन दोनों दलों के सिनेटर्स ने ऑटोमन साम्राज्य ने अर्मेनियन नागरिकों का नरसंहार किया था, इस मुद्दे पर मुहर लगाई है|

वर्ष १९१५ से १०२३ के दौरान अर्मेनियन जनता के साथ जो कुछ हुआ वह सीर्फ और सीर्फ नरसंहार ही थी| इसे विकल्प के तौर अन्य शब्द हो ही नही सकता’, यह बात सिनेटर बॉब मेनेंडेझ ने कही है| सिनेटर मेनेंडेझ ने यह विधेयक प्रस्तावित किया था| सिनेट के अन्य सदस्यों ने भी यह निर्णय ऐतिहालिक होने की बात कही है|

तभी, ‘बीसवीं सदी में हुए सबसे पहले नरसंहार में मारे गए डेढ लाख लोगों को आज सच्चे मायने में श्रद्धांजली प्राप्त हुई| नरसंहार करनेवालों के लिए यह एक स्पष्ट संदेशा है’, यह प्रतिक्रिया अर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान ने व्यक्त की| पर, अमरिकी सिनेट ने किए?इस निर्णय पर तुर्की ने क्रोध व्यक्त किया है| 

यह एक तुर्की के विरोध में की गई सियासी साजिश होने की आलोचना तुर्की के विदेशमंत्री मेवलूत कावुसोग्लू ने व्यक्त की है| इसके आगे अमरिकी कांग्रेस ने तुर्की के विरोध में गैरजिम्मेदाराना निर्णय करने की बात इतिहास में दर्ज होगी, यह फटकार तुर्की ने लगाई है| साथ ही हमें यह निर्णय स्वीकार नही है, यह ऐलान भी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने किया है| ऑटोमन साम्राज्य के दौर में अर्मेनियन्स की हत्याएं हुई| पर, वह नरसंहार नही था| इतनी बडी संख्या में अर्मेनियन्स मारे नही गए थे, यह दावा तुर्की कर रहा है|

पहले विश्‍वयुद्ध के दिनों में ऑटोमन साम्राज्य ने करीब डेढ लाख अर्मेनियन नागरिकों की हत्या की थी| पिछले कई वर्षों से अमरिकी सिनेट इन हत्याओं को नरसंहार समझे, यह मांग अर्मेनिया कर रहा था| पर, तुर्की के साथ बने मित्रता के संबंधों की वजह से अमरिका ने आजतक इस मांग को नजरअंदाज किया था|

पर, इस वर्ष अक्टुबर महीने में अमरिका के प्रतिनिधिगृह ने अर्मेनियन्स का नरसंहार हुआ है, यह बात भारी मतों से स्वीकारी थी| इसके बाद इससे संबंधित प्रस्ताव सिनेट में पारित हो, इसके लिए डेमोक्रैट पक्ष बडी कोशिश कर रहा था| पर, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन अमरिकी यात्रा पर थे, तबतक यह प्रस्ताव पारित करने से अमरिकी सिनेट बच रहा था|

इसी दोरान पिछले कुछ महीनों से तुर्की ने अमरिका के विरोध में आक्रामक भुमिका अपनाई है| रशिया के साथ ‘एस-४००’ खरीद ने का समझौता, सीरियन कुर्दों पर की हुई लष्करी कार्रवाई, तुर्की में स्थित अमरिका के इन्सर्लिक और कुरेसिक हवाई अड्डे बंद करवाने की दी धमकी की वजह से अमरिका और तुर्की के बीच काफी तनाव बना है| ऐसी स्थिति में सिनेट ने अर्मेनियन नरसंहार से संबंधित प्रस्ताव पारित करने से अमरिका और तुर्की के बीच शुरू विवाद और भी बढने की बात नए से स्पष्ट हुई है| इसपर, तुर्की और भी तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज करेगा, यह संभावना भी व्यक्त हो रही है|

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