रशिया के साथ पूर्व यूरोपीय देशों में केसरिया हिम वर्षाव – तज्ञो से रासायनिक युद्ध की आशंका का दावा

केसरिया हिम वर्षाव, रासायनिक युद्ध की आशंका, रशिया, पूर्व यूरोपीय देशों, दावा, मॉस्को, लंदन, मंगल ग्रहमॉस्को / लंदन: रशिया के साथ पूर्वी यूरोप में कई देशों में केसरिया हिम वर्षा होने से खलबली फैली है। पिछले कई दिनों में रशिया में काकेशस पर्वत का भाग, बुल्गारिया, रोमानिया, माल्डोवा एवं यूक्रेन में केसरिया हिम वर्षा होने से अनेक भाग में मंगल ग्रह जैसा भाग तैयार होने की जानकारी स्थानीय लोगों से दी जा रही है। यह रासायनिक युद्ध का अथवा उसके परीक्षण का भाग हो सकता है, ऐसी आशंका कई तज्ञो से व्यक्त हो रही है।

पिछले कई दिनों से यूरोप एवं रशिया में बड़ी तादाद में लोग वर्षा एवं बर्फबारी शुरू है। ब्रिटेन जैसे देश में बीस्ट फ्रॉम वेस्ट नामक हिम वर्षा से तूफान आया है और अनेक भागों में जनजीवन पूर्ण रुप से ठप हुआ है। इसकी वजह से रशिया एवं पूर्वी यूरोप में कई देशों में केसरिया हिम वर्षा होने की घटनाएं सामने आ रही है।

केसरिया हिम वर्षाव, रासायनिक युद्ध की आशंका, रशिया, पूर्व यूरोपीय देशों, दावा, मॉस्को, लंदन, मंगल ग्रह

रशिया में काकेशस पर्वत का भाग होनेवाले अनेक भागों में ऐसे प्रकार के हिम वर्षा से बड़े तादाद में दिखाई दे रहा है। इस भाग में गए यात्री तथा स्थानीय नागरिकों ने सोशल मीडिया से इस बारे में तस्वीरें प्रसिद्ध की है। इसमें हिमा वर्षा पर्वत के साथ बर्फबारी हुए अधिकतम भाग में बर्फ के केसरिया हिम वर्षा दिखाई दे रहा है। रशिया के साथ पूर्वी यूरोप के बुल्गारिया, रोमानिया, माल्डोवा एवं यूक्रेन में भी ऐसे ही स्वरुप के केसरिया हिम वर्षा होने की जानकारी प्रसिद्ध हुई है।

तापमान तज्ञो ने इसके पीछे उत्तर अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान की मिट्टी तथा धूल के तूफान जिम्मेदार होने की बात कही है। केसरिया हिम वर्षा हुए भाग में नागरिकों ने वातावरण में बड़ी तादाद में मिट्टी बरामद हुई है एवं उसकी तकलीफ होने की शिकायतें की है।

यूरोप में साधारण रूप से प्रति ५ वर्षों में ऐसे स्वरूप के हिम वर्षा होने की जानकारी ब्रिटिश तापमान तज्ञो ने दी है। मिट्टी बड़े तादाद मे वातावरण की ऊपरी स्तर में जाने के बाद, वह बड़े भाग में फैलती जाती है। उपग्रह तस्वीरों का अभ्यास करने के बाद वातावरण में बड़े तादाद में मिट्टी एवं धूल ऊपरी वातावरण में होने से एवं भूमध्य समुद्री भाग से यूरोप की दिशा से दाखिल होने की बात दिखाई दे रही है, ऐसा ब्रिटिश तापमान तज्ञ स्टीवन किट्स का कहना है।

केसरिया हिम वर्षा रासायनिक युद्ध हो सकता है अथवा रासायनिक युद्ध के लिए होने वाले परीक्षण हो सकते है, ऐसा दावा करके कई संशोधक आणि इसके पीछे अलग गतिविधियां होने का संदेह व्यक्त किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.