पाक़िस्तान के साथ केवल आतंकवाद पर ही चर्चा होगी : भारत के विदेशमंत्रालय की चेतावनी

नयी दिल्ली, दि. २५ (वृत्तसंस्था)- ‘सिर्फ आतंकवाद पर और पाक़िस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर पर ही चर्चा संभव है’, ऐसी चेतावनी भारत ने पाक़िस्तान को फिर से दी है| भारत की इस भूमिका को नज़रअंदाज़ कर कई बार कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा का प्रस्ताव देनेवाले पाक़िस्तान को भारत ने क़रारा जवाब दिया है| पाक़िस्तान को भेजे एक नये पत्र में भारत ने पाक़िस्तान को ‘पाक़िस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर’ (पीओके) का कब्ज़ा छोड़ने के लिए भी कहा है।

आतंकवादजम्मू-कश्मीर में शुरू हिंसक प्रदर्शन का लाभ उठाकर पाक़िस्तान, ‘कश्मीर’ मुद्दे को आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करने की कोशिश कर रहा है| पाक़िस्तान के राजनीतिक विशेषज्ञ और मीडिया, ‘जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षादल जनता पर अत्याचार कर रहा है’ ऐसी झूठी कहानी फैला रहे हैं|

इसी दौरान, पाक़िस्तान कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा का प्रस्ताव देकर भारत पर का दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है| ‘पाक़िस्तान चर्चा के लिए पहल कर रहा है और उसी वक्त भारत चर्चा के लिए इन्कार कर रहा है’ ऐसे आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखाकर पाक़िस्तान हमदर्दी पाने की कोशिश कर रहा है|

लेकिन पाक़िस्तान की यह चाल, भारत सरकार द्वारा अपनायी गई आक्रामक नीति की वजह से पाक़िस्तान पर ही पलट गयी है| भारत ने, ‘जम्मू-कश्मीर की अशांति के पीछे पाक़िस्तान का हाथ है’ ऐसी जमकर आलोचना की| उसी वक्त, पाक़िस्तान आतंकवादियों को प्रोत्साहन दे रहा है, ऐसा कहकर भारत ने ‘पीओके’ के मानवाधिकारहनन का मुद्दा उपस्थित किया| साथ ही, बलुचिस्तान में पाक़िस्तान कर रहें अत्याचारों पर भी भारत ने सवाल उपस्थित किये हैं| इसका परिणाम दिखायी देने लगा है, इससे पाक़िस्तान राजनीतिक स्तर पर अकेला पड़ चुका है, यह सामने आ रहा है|

‘भारत दुनिया का ध्यान कश्मीर मुद्दे से दूसरी ओर हटाने के लिए ये मुद्दें उपस्थित कर रहा है, ऐसा आरोप पाक़िस्तान कर रहा है| साथ ही, कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने का प्रस्ताव उपस्थित कर पाक़िस्तान अपनी भूमिका पर आड़िग है| भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने इसपर प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि सिर्फ आतंकवाद और ‘पीओके’ पर ही पाक़िस्तान से चर्चा होगी|

पाक़िस्तान से भारत में निर्यात किये जानेवाले आतंकवाद से इस क्षेत्र की स्थिरता को नुकसान पहुँच रहा है| इसी कारण भारत आतंकवाद पर चर्चा करने को अहमियत दे रहा है, ऐसे विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाक़िस्तान को भेजे पत्र में लिखा है|

भारत ने दिखायी प्रगल्भ राजनीति से पाक़िस्तान कश्मीर मुद्दे पर अकेला पड़ गया है| वहीं, हफ़ीज़ सईद और सय्यद सलाहुद्दीन जैसे आतंकवादियों को कश्मीर मुद्दे पर बोलने के लिए कहकर, पाक़िस्तान ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है| इसी कारण आंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत का पक्ष ले रहा है, ऐसा दावा कुछ पाक़िस्तानी विशेषज्ञों ने किया|

साथ ही, कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी, सिर्फ़ आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत होगी, यह बताते हुए भारत ने राजनीतिक मोरचे पर पाक़िस्तान को पीछे छोड़ दिया है, इसपर विशेषज्ञ ग़ौर फ़रमा रहे हैं|
आर्थिक और राजनीतिक महत्त्व बढ़ रहे भारत को, अब पाक़िस्तान के साथ का चर्चा का महत्त्व कम लगने लगा है| भारत आर्थिक रूप से सफल हो रहा है और पाक़िस्तान पिछड़ रहा है| इससे दोनो देशों के बीच की दरार बढ़ गयी है| ऐसी ही स्थिति क़ायम रही, तो आनेवाले समय में भारत पाक़िस्तान को भूतान की तरह अहमियत नहीं देगा, यह चेतावनी विशेषज्ञ पाक़िस्तान सरकार को दे रहे हैं|

‘पीओके’ में मारे गये लोगों के परिजनों को हरज़ाना देने का केंद्र सरकार का निर्णय

नयी दिल्ली, दि. २५ (वृत्तसंस्था) – ‘पीओके’ की सीमा पर गोलाबारी और बारुदी सुरंग के विस्फोट में जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों को हरज़ाना देने की घोषणा भारत सरकार ने की है| ‘पूरे कश्मीर पर भारत का सार्वभौम हक़ है और ‘पीओके’ से पाक़िस्तान अपनी सेना वापिस ले लें’ ऐसी माँग भारत की ओर से की जा रही है| यह भूमिका केवल घोषणा तक सीमित नहीं है, ऐसा भारत ने दिखा दिया है|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिन पहले, पाक़िस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर की जनता के साथ संपर्क करते हुए, ‘पीओके’ के हालातों का जायज़ा लेने के आदेश दिये थे| ‘सीमा पर गोलीबारी और बारुदी सुरंग के विस्फोट में जान गँवानेवालों के परिजनों को क्षतिपूर्ती मिलें’ इस पुरानी माँग को सरकार ने कुछ ही दिन पहले मान लिया है| साथ ही, आतंकवाद और नक्षलवादियों के हमले में मौत होनेवाले लोगों के परिवार को दिये जानेवाली हरज़ाने की राशी को बढ़ाने का निर्णय सरकार ने लिया था|

बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रिमंडल समिति ने इस निर्णय को मंज़ुरी दी है| इसके तहत, हमलें में जान गँवानेवालों के परिवार को पाँच लाख रुपये का हरज़ाना दिया जाएगा| लेकिन यह नियम ‘पीओके’ के लिए भी लागू है, ऐसी घोषणा केंद्र सरकार ने की है| प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने, सीमा पर गोलीबारी में जान गँवानेवालों के परिजनों को हरज़ाना देने का फ़ैसला लागू होगा, ऐसा स्पष्ट किया| यदि पाक़िस्तान ने इन लोगों तक पैसे पहुँचाने की अनुमति दी, तो हम यह हरज़ाने की राशि उनतक पहुँचा सकते हैं, ऐसा जितेंद्र सिंह ने कहा|

 

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