निर्यात बंदी जारी होते ही प्याज़ के दाम गिरे

नई दिल्ली – प्याज़ के दाम नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज़ की निर्यात करने पर बापंदी लगाई है। लेकिन, इस निर्णय का प्याज़ उत्पादक किसानों ने विरोध किया है और केंद्र सरकार से निर्यात बंदी उठाने की माँग की है। प्याज़ के निर्यात पर पाबंदी लगाने से बाज़ार में प्याज़ के दामों में गिरावट होती हुई दिखाई दे रही है।

onion-rateपंद्रह दिन पहले खुदरा बाज़ार में प्रति किलो १५ से २० रुपये दर से बिक रहे प्याज़ के दर प्रति किलो ४५ से ५० रुपयों तक जा पहुँचे थे। एशिया की सबसे बड़े सब्ज़ी मंड़ी समझी जा रही दिल्ली की आज़ादपुर मंड़ी में प्याज़ की थोक में ५० रुपये प्रति किलो दर से बिक्री हो रही थी। साथ ही मुंबई में प्याज़ का दर प्रति किलो ४० रुपये तक जा पहुँचा था। प्याज़ के सबसे बड़े लासलगाव बाज़ार में प्याज़ का दर प्रति क्विंटल ३,२०० रुपये हो गया था। सोमवार को पिंपलगाव बाज़ार समिती में प्याज़ का दर प्रति क्विंटल ४,००० रुपये था।

प्याज़ के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि में इस पर नियंत्रण पाने के लिए ‘डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड़’ (डीजीएफटी) ने शीघ्र ही प्याज़ की निर्यात पर रोक लगाई। इसके अनुसार भारत से प्याज़ की पावड़र, प्याज़ और प्रक्रिया किए गए प्याज़ के पदार्थ निर्यात करने पर रोक लगाई गई है। इस निर्णय के पीछे दक्षिण भारत में हुई मुसलाधार बारिश से प्याज़ की खेती का हुआ नुकसान कारण होने की बात कही जाती है। प्याज़ की निर्यात पर रोक लगाने के बाद प्याज़ दे दर मेण गिरावट आई।

कोरोना के दौरान प्याज़ की निर्यात हुई थी। अप्रैल से जून के दौरान भारत ने १९.८ करोड़ डॉलर्स के प्याज़ की निर्यात की। बीते वर्ष भारत से ४४ करोड़ डॉलर्स के प्याज़ निर्यात हुए थे। केंद्र सरकार ने किए वर्तमान निर्णय के विरोध में नासिक ज़िले के प्याज़ की खेती करनेवाले किसान गुस्सा हुए हैं। इन किसानों ने लासलगाव बाज़ार समिती में प्याज़ की नीलामी की प्रक्रिया बंद रखी है। ऐसे में उमराणे में भी प्याज़ की नीलामी बंद की गई है और मुंबई-आग्रा राष्ट्रीय महामार्ग पर रास्ता रोको किया गया।

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