बलोचिस्तान के हर एक घर से कम से कम एक लापता – बलुच नेताओं ने बयान की पाकिस्तान के भयंकर अत्याचारों की कहानी

पॅरिस,  (वृत्तसंस्था) – बलोचिस्तान के हर एक घर से कम से कम एक इन्सान लापता है। इनमें सैंकड़ों महिलाएँ और बच्चों का भी समावेश है। पाकिस्तान का लष्कर, बलुची युवा छात्र तथा सियासी कार्यकर्ता इनकी बेझिझक हत्या करा रहा है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यांक होनेवाली बलुच जनता का नरसंहार जारी रहते समय, आंतर्राष्ट्रीय समुदाय को हस्तक्षेप कर्ना ही पड़ेगा, ऐसी माँग फ्रान्स की राजधानी पॅरिस में हुई ‘प्रिव्हेंट जेनोसाईड इन बलोचिस्तान अँन्ड एलिमिनेशन इमपुनिटी’ इस व्हर्च्युअल परिषद में तहे दिल से की गयी। इसमें दुनियाभर के बलुची संगठनों के साथ, आज बलोचिस्तान में कार्यरत होनेवाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी सहभाग लिया। इन सबने, पाकिस्तान बलुची जनता पर कर रहे अत्याचारों दुनिया के सामने बयान किया।

पिछले हफ़्ते बलोचिस्तान के विभिन्न भागों में से कई लोग ग़ायब हो गये थे। इनमें ३०० महिलाएँ तथा २०० बालकों का समावेश है। पाकिस्तान के लष्कर ने ही उनका अपहरण कराया होगा। दुनियाभर में कोरोनावायरस की महामारी फ़ैल रही होते समय, उसका ग़ैरफ़ायदा उठाकर पाकिस्तान बलुची जनता पर के अत्याचार अधिक ही तीव्र कर रहा है। पाकिस्तान को केवल बलोचिस्तान की नैसर्गिक साधनसंपत्ति में दिलचस्पी है। उनकी लूटमार करना यही पाकिस्तान का ध्येय है, ऐसी तीख़ी आलोचना इस परिषद में बलोच नेता और कार्यकर्ताओं ने की है।

इटालियन पत्रकार फ्रान्सिको मारिनो ने, बलोचिस्तान में वंशसंहार चुपचाप कराया जा रहा है, यह बताते हुए उसपर तीव्र चिंता ज़ाहिर की। वहीं, एक युरोपियन सदस्य ने बलोचिस्तान में सामूहिक क़बरें पायीं जाने की बात बतायी थी। लेकिन उसपर युरोपिय महासंघ से कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी। साथ ही, मारिनो ने युरोप में हुई बलोच पत्रकार की हत्या पर ग़ौर फ़रमाया।

पिछले कई वर्षों से बलोचिस्तान के इस संघर्ष को नज़रअन्दाज़ किया जा रहा है, ऐसा खेद इस परिषद मे सहभागी हुए नेताओं ने प्रदर्शित किया है। बलुच महिला कार्यकर्ता नायला बलोच ने, पाकिस्तान यह चरमपंथी और धर्मांध देश होने का गंभीर आरोप करके, बलोचिस्तान यह पाकिस्तान नहीं, वह स्वतंत्र देश है, ऐसा डटकर कहा। वहीं, बलोचिस्तान से इस व्हर्च्युअल परिषद में सहभागी हुए मामा कादीर बलोच ने, वे क्वेटा के एक घर से बात कर रहे हैं, ऐसा कहते हुए, उस घर से एक सदस्य लापता हुआ होने की जानकारी दी। पाकिस्तानी लष्कर द्वारा इस प्रकार के अत्याचार यहाँ पर निरंतर किये जाते हैं, ऐसी भयंकर जानकारी इस समय मामा कादीर बलोच ने दी।

अमरीका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसेन हक्कानी ने, बलोच जनता पर पाकिस्तान से हो रहे अत्याचारों की गंभीर दखल लेने का आवाहन आंतर्राष्ट्रीय समुदाय को किया है। बलोच जनता की संख्या बहुत ही कम होकर, उनपर अत्याचार करनेवाले इसका फ़ायदा उठा रहे हैं, ऐसी तीख़ी आलोचना हुसेन हक्कानी ने की। पॅरिस में हुई इस परिषद के ज़रिये आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, बलुचियों पर हो रहे अत्याचारों की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन जम्मू और कश्मीर में आतंकियों पर की जा रही हिंसक कार्रवाई यानी मानवाधिकारों का हनन होने का दावा करनेवाले पश्चिमी माध्यम, बलोचिस्तान में पाकिस्तान कर रहे इन अत्याचारों के बारे में एक लफ़्ज़ तक निकालने के लिए तैयार नहीं हैं। इससे पश्चिमी माध्यमों का दोगलापन भी स्पष्ट हुआ दिख रहा है।

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