सऊदी के गिरफ्त के राजपुत्र, उद्योजकों के सामने ऑफर, ७० प्रतिशत संपत्ति दें और आजाद हो जाएं – पश्चिमी अख़बार का दावा

लन्दन: दो हफ़्तों पहले भ्रष्टाचार विरोधी करवाई के अंतर्गत गिरफ्तार किए गए सऊदी अरेबिया के राजपुत्र, राजनितिक साथ ही लष्करी अधिकारी और उद्योजकों के सामने सऊदी की यंत्रणा ने प्रस्ताव रखा है। यह सब अपनी सम्पति का ७० प्रतिशत हिस्सा सऊदी के खजाने में जमा करेंगे तो उनको आजाद किया जाएगा, यह प्रस्ताव सऊदी ने दिया है। एक अधिकारी के बिना पर ‘फाइनेंसियल टाइम्स’ इस ब्रिटन के अख़बार ने यह खबर प्रसिद्द की है।

सऊदी अरेबिया के राजा सलमान के सुपुत्र और क्राउन प्रिंस ‘मोहम्मद बिन सलमान’ ने ४ नवम्बर को सऊदी में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम खोली थी। इस मुहीम के तहत पिछले दस दिनों में सऊदी के राजपुत्रों के साथ साथ २०० से अधिक लोगों को कब्जे में लिया गया है। इसमें सऊदी की सत्ता में प्रभावशाली माने जाने वाले अरबपति प्रिंस ‘अलवालिद बिन तलाल’, प्रिंस ‘मितैब बिन अब्दुल्ला’ का समावेश है। पिछले कुछ सालों में उन्होंने सऊदी में करीब १०० अरब डॉलर्स का भ्रष्टाचार करने का आरोप सऊदी के जनरल शेख ‘सौद अल-मोजेब’ ने किया था। साथ ही यह कार्रवाई इसके आगे भी जारी रहेगी, ऐसा भी मोजेब ने कहा है।

राजपुत्र, आजाद, ऑफर, संपत्ति, भ्रष्टाचार, सऊदी, Newscast Pratyakshaलेकिन ‘फाइनेंसियल टाइम्स’ ने प्रसिद्द की जानकारी के अनुसार, सऊदी के सरकार ने आरोपियों के सामने रिहाई के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। इसमें अपनी आजादी के बदले में हर आरोपी को अपनी संपत्ति का ७० प्रतिशत हिस्सा नकद और शेअर्स के रूप में सऊदी के खजाने में जमा करनी है। साथ ही प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का नेतृत्व मान्य करना, जैसे महत्वपूर्ण शर्तों का भी समावेश है। इसके संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के बाद ही आरोपियों को रिहा किया जाने वाला है। आरोपियों में से कुछ करोडपति तो कुछ अरबपति हैं।

सऊदी के अलग अलग पंचसितारा होटलों में कैद किए गए इन आरोपियों ने सऊदी सरकार की इस ‘ऑफर’ को स्वीकार की तो सऊदी के खजाने में प्रचंड रकम जमा हो सकती है, ऐसा दावा घटनाक्रमों से संबंधित अधिकारी ने ब्रिटिश अख़बार से बोलते समय किया है। पिछले साल सऊदी को ७९ अरब डॉलर्स का आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा था। लगातार ३ साल तक इंधन के दर नीचे होने की वजह से सऊदी का बड़ा नुकसान हुआ था।

उसमें सऊदी के राजघराने के सदस्यों को राष्ट्रीय खजाने में से प्रति महिना वेतन दिया जाता है। इस सन्दर्भ में तपशील खुले नहीं किए जाते हैं, फिर भी सऊदी को यह खर्चा कम करना अनिवार्य है, ऐसा कहा जाता है। ऐसी परिस्थिति में अपना खजाना भरने के लिए सऊदी सरकार ने आरोपियों के सामने रखी यह शर्तें महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। ‘फाइनेंसियल टाइम्स’ ने दी जानकारी के अनुसार, कब्जे में लिए गए आरोपियों में से कुछ उद्योजकों ने इस पर समझौते की तैयारी की है और संबंधित अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। कुछ ने अपनी संपत्ति में से नकद रकम के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। कुछ लोगों ने चार अरब रियाल के शेअर्स खजाने में जसमा किए हैं, ऐसा इस अख़बार का कहना है। लेकिन सऊदी ने इस खबर अभी तक पुष्टि नहीं की है।

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