अमरीका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त युद्धाभ्यास पर उत्तर कोरिया का इशारा

प्योनग्यैंग/सेऊल – दक्षिण कोरिया उकसानेवाला युद्धाभ्यास करता है या कोई साहसी निर्णय करता है, इस पर उत्तर कोरिया की सरकार और सेना बारीकी से नज़र रखे हुए है, ऐसा इशारा उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन की बहेन किम यो जाँग ने दिया है। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया ने कुछ दिन पहले ही दोनों देशों के बीच दोबारा संपर्क स्थापित करने का निर्णय किया था। इसके बाद दोनों देशों के नेताओं की बैठक के संकेत भी दिए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर किम यो जाँग का यह इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

us-sk-joint-war-exercise-2उत्तर कोरिया ने दोनों देशों के संबंध सुधारने के लिए स्थापित किया हुआ राजनीतिक दफ्तर बीते वर्ष के जून में बम विस्फोट में नष्ट किया था। इसके बाद उत्तर कोरिया ने दोनों देशों के बीच संपर्क तोड़कर लष्करी और परमाणु गतिविधियाँ गतिमान की थीं। बीते कुछ महीनों के दौरान उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन ने चीन के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश भी शुरू की थी। यह सभी गतिविधियाँ दक्षिण कोरिया और अमरीका पर दबाव ड़ालने के लिए होने की बात कही जा रही है।

दबाव ड़ालने की कोशिश जारी होते हुए कुछ दिन पहले ही उत्तर और दक्षिण कोरिया ने फिर से एक-दूसरे से संपर्क स्थापित करने का निर्णय किया था। उत्तर कोरिया फिर से संबंध सुधारने की कोशिश में होने के संकेत इससे प्राप्त हुए थे। लेकिन, यह संकेत देने के साथ ही अमरीका और दक्षिण कोरिया के युद्धाभ्यास पर अपनी भूमिका में बदलाव ना होने की बात किम यो जाँग के इशारे से दिखाई दे रही है।

‘बीते कुछ दिनों से हम अमरीका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं के संयुक्त युद्धाभ्यास की खबरें फिर से देख रहे हैं। यह युद्धाभ्यास निर्धारित समय पर ही होगा, ऐसा कहा जा रहा है। उत्तर और दक्षिण कोरिया के सर्वोच्च नेतृत्व एक-दूसरे के साथ विश्‍वास निर्माण करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। इस बीच हो रहा यह युद्धाभ्यास सबकुछ बिगड़ानेवाला और जारी कोशिशों को कमज़ोर करनेवाला साबित हो सकता है। इस वजह से उत्तर और दक्षिण कोरिया के ताल्लुकात पर भी यह परिणाम हो सकता है’, ऐसा इशारा किम यो जाँग ने दिया।

us-sk-joint-war-exercise-1उकसानेवाला युद्धाभ्यास या साहसी निर्णय में से दक्षिण कोरिया कौनसे विकल्प का चयन करता है, इस पर उत्तर कोरिया सरकार और सेना बारिकी से नज़र रखे हुए है, यह इशारा भी उन्होंने दिया। इससे पहले मार्च में अमरीका और दक्षिण कोरिया के  युद्धाभ्यास की पृष्ठभूमि पर भी किम यो जाँग ने अमरीका को धमकाया था। इस दौरान दक्षिण कोरिया को धमकाकर इसके ज़रिये अमरीका पर दबाव ड़ालेने की कोशिश की जा रही है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। दक्षिण कोरिया के वरिष्ठ अफसरों ने अमरीका के साथ होनेवाला युद्धाभ्यास रद करने की संभावना ठुकराई है। युद्धाभ्यास का दायरा एवं अन्य मुद्दों पर बदलाव हो सकता है, लेकिन, यह युद्धाभ्यास रद नहीं होगा, यह इशारा भी दक्षिण कोरिया ने दिया है।

इसी बीच, ब्रिटेन ने अपने दो युद्धपोत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तैनात करने का निर्णय किया है और इस पर उत्तर कोरिया ने आलोचना भी की है। ब्रिटेन का यह निर्णय उकसानेवाला होने का बयान उत्तर कोरिया के वरिष्ठ अफसर ने किया है। ‘उत्तर कोरिया के खतरे का कारण बताकर ब्रिटेन उनकी इस तैनाती के निर्णय का समर्थन कर रहा है। इसे इस क्षेत्र के देशों का तीव्र प्रत्युत्तर प्राप्त होगा और यहां का तनाव अधिक बढ़ेगा’, यह दावा उत्तर कोरिया के अधिकारी ने किया है।

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