उत्तर कोरिया द्वारा नये क्षेपणास्त्र परीक्षण का प्रयास

चीन द्वारा कड़े निर्बंध क्रियान्वित

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उत्तर कोरिया ने ‘ईस्ट चायना सी’ में नये क्षेपणास्त्र परीक्षण का प्रयास किया होने की बात स्पष्ट हुई है। ‘एनके न्यूज’ इस वेबसाईट के द्वारा यह दावा किया गया होकर, इस दावे से खलबली मची है। इस दावे की पार्श्वभूमि पर, चीन ने उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ सख़्त निर्बंधों को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया शुरू की है। कुछ ही दिन पूर्व, उत्तर कोरिया ने, जापान एवं दक्षिण कोरिया पर परमाणुअस्त्र हमला किया जा सकें, ऐसा तंत्रज्ञान विकसित किया होने का दावा दक्षिण कोरिया ने किया था।

उत्तर कोरिया के लष्कर द्वारा विकसित की गयी ‘सिन्पो-क्लास’ पनडुब्बी की सहायता से बॅलिस्टिक क्षेपणास्त्र का परीक्षण करने की कोशिश की गयी। इस हफ़्ते, उत्तर कोरिया की पनडुब्बी को ‘ईस्ट चायना सी’ की दिशा में जाते हुए देखकर उसपर नज़र रखी गयी। उस समय, उसमें बॅलिस्टिक क्षेपणास्त्र थे, यह बात स्पष्ट हुई थी। परीक्षण के दौरान तक़नीक़ी अड़चनें आने के कारण परीक्षण रद कर दिया गया, ऐसी जानकारी ‘एनके न्यूज’ ने दी है।

694940094001_4832925315001_6226ec6d-727f-4553-ab5b-4d5d9ddaee2eदक्षिण कोरिया की एक वृत्तवाहिनी ने इस जानकारी की पुष्टि की है। लेकिन रक्षाविभाग ने इसपर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी है। उत्तर कोरिया के द्वारा की गयी, परीक्षण की यह कोशिश यानी अमरीका तथा मित्रदेशों पर दबाव डालने के प्रयासों का भाग है, ऐसा बताया जा रहा है। लेकिन कुछ ही दिन पूर्व, उत्तर कोरिया के पास परमाणुअस्त्र हमला करने की निश्चित क्षमता होने का दावा दक्षिण कोरिया के अधिकारी ने किया था, इस कारण उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है।

दक्षिण कोरिया के अधिकारी ने अपने दावे में – ‘उत्तर कोरिया ने परमाणुबम की छोटी आवृत्ति तैयार की है। एक टन का यह परमाणुबम वे रोडाँग क्षेपणास्त्र पर तैनात कर सकते हैं। यह क्षेपणास्त्र दो हज़ार किलोमीटर तक दागे जा सकते हैं। उन्होंने इस क्षमता को प्राप्त तो किया है; अब वे परमाणुअस्त्र हमला करेंगे या नहीं, यह राजनीतिक फ़ैसला होगा’, ऐसी जानकारी दी थी। पिछले महीने में अमरीका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी ऍडमिरल विल्यम गॉर्टनी ने यह चेतावनी दी थी कि उत्तर कोरिया ने परमाणुअस्त्र हमले के लिए आवश्यक क्षमता प्राप्त की होकर, वे अमरीका पर हमला कर सकते हैं।

अमरीका के एक अभ्यासगुट ने उत्तर कोरिया के परमाणुप्रकल्प में तेज़ी से गतिविधियाँ शुरू होने की जानकारी दी है। उसके अनुसार, ‘यँगब्यान’ स्थित परमाणुप्रकल्प में परमाणुअस्त्रों के लिए आवश्यक रहनेवाला प्लुटोनियम तैयार करने की प्रक्रिया शुरू रहने का दावा ‘३८ नॉर्थ’ इस वेबसाईट ने किया है। यह वेबसाईट अमरीका के जॉन हॉपकिन्स युनिव्हर्सिटी के अभ्यासगुट का भाग है।

इस पार्श्वभूमि पर उत्तर कोरिया का मित्रदेश रहनेवाले चीन ने सख़्त भूमिका अपनायी होने की बात सामने आयी है। चीन के प्रसारमाध्यमों ने उत्तर कोरिया की आलोचना शुरू की होकर, चीन इस देश के साथ शिथिलता से पेश न आयें, ऐसी सलाह दी जा रही है। चीन ने बुधवार को, उत्तर कोरिया को आपूर्ति की जानेवाले जेट ईंधन की निर्यात बंद की होकर, इस देश से आयात किये जानेवाले कोयला, लोहा तथा अन्य खनिजों के व्यापार पर पाबंदी लगा दी है।

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