गुप्त तरीके से परमाणु विकसित करके उत्तर कोरिया अमरिका को धोखा दे रहा है – अमरिकी अधिकारियों का दावा

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वॉशिंग्टन – उत्तर कोरिया ने भले ही परमाणु मुक्त होने की घोषणा की है। लेकिन वास्तव में यह देश अमरिका को धोका दे रहा है और गुप्त तरीके से बहुत तेजी से परमाणु विकसित कर रहा है, ऐसा दावा कुछ अमरिकी अधिकारियों ने किया है। ‘एनबीसी’ इस अमरिकी न्यूज़ चैनल ने पांच अधिकारियों के बिना पर यह खबर प्रसारित की है। इन अधिकारियों नाम नहीं बताए गए हैं। लेकिन गुप्तचर विभाग के पास उत्तर कोरिया परमाणु विस्फोटक विकसित कर रहा है, इसके पुख्ता सबूत हैं, ऐसा इन अधिकारियों का कहना है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के तानाशाह ‘किम जोंग-उन’ के बीच सिंगापूर में १२ जून को चर्चा हुई थी। उत्तर कोरिया को अगर सुरक्षा की गारंटी मिलने वाली है, तो उत्तर कोरिया परमाणु मुक्त होने के लिए तैयार है, ऐसा किम जोंग-उन ने कहा था। इस बात पर समाधान व्यक्त करके ट्रम्प ने उत्तर कोरिया से कोई खतरा बाकी नहीं है, ऐसा दावा किया था। ट्रम्प की विदेश नीति को मिली यह बहुत बड़ी जीत है, ऐसा दावा विशेषज्ञों ने व्यक्त किया था। ऐसा होते हुए भी अमरिका ने उत्तर कोरिया पर पूरा भरोसा नहीं रखना चाहिए, ऐसी चेतावनी कुछ लोगों ने दी थी।

परमाणु

अमरिका के विदेश मंत्रालय और ट्रम्प ने भी उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर अपनी कड़ी नजर होगी, ऐसी चेतावनी दी थी। लेकिन उत्तर कोरिया अमरिका को धोखा दे रहा है और गुप्त तरीके से परमाणु विकसित कर रहा है, ऐसा आरोप अमरिका के पांच वरिष्ठ अधिकारियों ने लगाया है। इन अधिकारियों के नाम गुप्त रखकर ‘एनबीसी’ ने इस मामले में खबर प्रकाशित की है। अमरिका के गुप्तचर विभाग को उत्तर कोरिया की कार्रवाइयों की पूरी कल्पना है और यह देश अभी भी परमाणु विस्फोटक तैयार कर रहा है, इसके ठोस सबूत गुप्तचर विभाग के पास हैं, ऐसी जानकारी इन अधिकारियों ने ‘एनबीसी‘ को दी है।

उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु परियोजनाओं को बंद करके इस पर अमल भी शुरू किया है। लेकिन अभी भी इस देश में गुप्त रूपसे कुछ परमाणु परियोजनाएं कार्यान्वित हैं। इन परमाणु योजनाओं में ही परमाणु विस्फोटकों के संवर्धन का काम अधिक तेजी से शुरू है, ऐसा दावा अमरिकी अधिकारियों ने किया है। ‘एनबीसी’ ने दी इस खबर पर अमरिकी गुप्तचर विभाग ने अधिकृत स्तर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। साथ ही ‘व्हाईट हाउस’ ने भी इस खबर पर प्रतिक्रिया देने से इन्कार किया है, ऐसा एनबीसी ने कहा है।

अमरिका के विदेश मंत्रालय ने भी गुप्तचर विभाग से संबंधित खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती, ऐसा कहा है, इसकी जानकारी एनबीसी ने दी है। दौरान, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबन्ध इतनी जल्दी हटाए नहीं जा सकते, ऐसा कहकर इस बारे में सतर्क भूमिका ली है, ऐसे दावे कुछ विशेषज्ञों ने इसके पहले किये थे। इस वजह से उत्तर कोरिया की परमाणु गतिविधियों के मामले में सबूत हाथ लगे तो ट्रम्प प्रशासन किसी भी समय उत्तर कोरिया के बारे में अपनी भूमिका बदल सकता है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

उत्तर कोरिया के साथ हुई चर्चा और ट्रम्प प्रशासन ने इस देश के सामने बढ़ाया हुआ सहकार्य का हाथ, इसके पीछे व्यूहरचना है, ऐसा कुछ पश्चिमी विश्लेषकों का कहना है। उत्तर कोरिया चीन समर्थक देश है और इस देश को अपने पक्ष में करके चीन पर दबाव डालने की सामरिक चाल राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चली है। इस चाल को प्रारंभिक सफलता मिल रही है, ऐसा दिखाई दे रहा था। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और तानाशाह किम जोंग-उन के बीच की चर्चा की वजह से चीन अस्वस्थ होने की बात सामने आई थी। उस वजह से उद्देश्य सफल होने तक ट्रम्प का प्रशासन उत्तर कोरिया के खिलाफ भूमिका नहीं लेगा, इसकी भी कड़ी संभावना है।

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