ईरान से बातचीत करने का समय अब नही रहा – इस्रायली प्रधानमंत्री की फ्रान्स को फटकार

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरजेरूसलम – ‘इस्रायल के विरोध में हरकतें करके इस क्षेत्र में उकसानेवाली गतिविधियों को अंजाम दे रहे ईरान के साथ बातचीत करने का यह समय नही है’, इन करारे शब्दों में इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मॅक्रॉन के सामने इस्रायल की भूमिका रखी| पिछले हफ्ते में फ्रान्स में आयोजित किए गए ‘जी ७’ की बैठक में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ की बातचीत करवाने की कोशिश फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने की थी| इस पृष्टभूमि पर इस्रायल के प्रधानमंत्री ने फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन को फटकार लगाई है|

राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन ने शुक्रवार के दिन प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू को फोन किया था| पिछले कुछ दिनों में खाडी क्षेत्र में बने तनाव के दौरान दोनों नेताओं ने बातचीत की| लेबनान-सीरिया एवं गाजापट्टी से इस्रायक को बने खतरे में बढोतरी हो रही है और इस मुद्दे पर नेत्यान्याहू और मॅक्रॉन ने बातचीत की है, ऐसा इस्रायल ने कहा| साथ ही ‘जी ७’ की बैठक में हुई इन गतिविधियों पर इस्रायली प्रधानमंत्री ने अपनी नाराजगी व्यक्त की|

‘ईरान इस्रायल के विरोध में आक्रामक हरकतें कर रहा है और ऐसे में ईरान के साथ प्रेम से बातचीत करने के लिए यह सही समय नही है’, यह कहकर नेत्यान्याहू ने फ्रान्स ने की हुई कोशिश पर फटकार लगाई| साथ ही ‘इस्रायल के विनाश की इच्छा रखनेवाले ईरान को कभी भी परमाणु हथियारों से सज्जित होने नही देंगे| इस्रायल के विरोध में हरकतें कर रहे ईरान को जो भी कोई आधार देगा, वह भी इस्रायल के हमलों से सुरक्षित नही रहेगा’, ऐसी कडी चेतावनी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने दी है|

कुछ दिन पहले इस्रायल ने सीरिया और लेबनान में ईरान और ईरान से जुडे ठिकानों पर किए हमलों की याद इस्रायली प्रधानमंत्री ने इस चेतावनी के साथ दिलाई है, ऐसा इस्रायल की सरकार ने कहा है| लेकिन, इस्रायली प्रधानमंत्री का यह इशारा सीरिया, लेबनान के साथ ही ईरान का समर्थन कर रहे यूरोप के देशों के लिए भी था, यह दावा इस्रायली माध्यम और विश्‍लेषक कर रहे है|

ईरान के साथ परमाणु समझौते के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए शुक्रवार के दिन हेलेन्स्की में ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी की विशेष बैठक हुई| ईरान के साथ किए परमाणु समझौते से पीछे हटने का अमरिका ने किया निर्णय और ईरान की वजह से पर्शियन खाडी में ईंधन टैंकर्स की सुरक्षा के मुद्देपर बातचीत करने के लिए इस बैठक का आयोजन किया गया था| यूरोपिय महासंघ की विशेष दूत फे्रडरिका मोघेरिनी ने ईरान के साथ किए परमाणु समझौते का समर्थन किया है| फ्रान्स और जर्मनी भी इस समझौते का समर्थन कर रहे है| वही, पर्शियन खाडी में ईंधन टैंकर्स की सुरक्षा के लिए अमरिका ने बनाए ईरान विरोधी मोर्चे में ब्रिटेन शामिल हुआ है|

इस दौरान फ्रान्स, जर्मनी समेत यूरोपिय महासंघ ईरान के परमाणु समझौते का समर्थन कर रहे है और तभी अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा आयोग ने ईरान ने किए यूरेनियम के बडे भंडार पर चिंता व्यक्त की है| ईरान ने परमाणु समझौते की सीमा लांघकर संवर्धित युरेनियम के भंडार में बढोतरी की है, ऐसा आयोग ने अपने नई रपट में कहा है| जुलाई महीने में ही ईरान ने २०२.८ किलो संवर्धित यूरेनियम रखने की सीमा लांघ दी थी, यह बात आयोग ने स्पष्ट की| आयोग के इस रपट के बाद अगले नजदिकी दिनों में अमरिका ईरान के विरोध में कडी आर्थिक कार्रवाई कर सकती है|

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