भारत-अमरिका की मित्रता का दुसरा उदाहरण नही – हेन्री किसिंजर का सांकेतिक बयान

नई दिल्ली: वर्ष १९७१ के बांगलादेश युद्ध के दौरान भारत और अमरिका एक दुसरे के विरोध में खडे हुए थे| पर इसके बाद के दौर में दोनों देशों ने काफी अहम आर्थिक एवं सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर समांतर भूमिका अपनाई| दोनों देशों के सहयोग का बीज इसी दौरान गिरा और अभ भारत एवं अमरिका की मित्रता के जैसा अन्य दुसरां उदाहरण दुनिया में नही दिखता, ऐसा बयान अमरिकी विदेशनिती के शिल्पकार हेन्री किसिन्जर ने किया है| ज्येष्ठ कूटनीतिज्ञ ९६ वर्ष के किसिन्जर का यह बयान भारतअमरिका का सामरिक सहयोग सबसे उंचे मुकाम पर पहुंचा है, यह संदेशा पुरी दुनिया को दे रहा है|

वर्ष २००७ के बाद पहली बारजेपी मॉर्गन इंटरनैशनल काउंसिलकी बैठक भारत में आयोजित की गई है| इस अवसर पर हेन्री किसिन्जर समेत अमरिका की भूतपूर्व विदेशमंत्री कॉन्डोलिसा राईस, अमरिका के भूतपूर्व रक्षामंत्री रॉबर्ट गेटस्, ब्रिटेन के भूतपूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेअर, ऑस्ट्रेलिया के भूतपूर्व प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड भारत पहुंचे है| उन्हों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करके बातचीत की|

फिलहाल हो रही अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर भारत पहुंचे इन नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करना ध्यान आकर्षित कर रहा है| अंतरराष्ट्रीय सियासत और राजनयिक मोर्चे पर डॉ. हेन्री किसिन्जर का काफी बडा योगदान है, इन शब्दों में प्रधानमंत्री मोदी ने किसिन्जर की सराहना की|

इंडियायूएस स्ट्रैटेजिक फोरमने आयोजित किए कार्यक्रम में हेन्री किसिन्जर ने व्याख्यान किया| इस दौरान किसिन्जर ने भारत और अमरिका के संबंधों की पृष्ठभूमि सटिक शब्दों में रखी| ‘‘बांगलादेश युद्ध के दौरान भारतअमरिका संघर्ष की दहलीज पर खडे थे| वह अमरिका और सोवियत रशिया के शीतयुद्ध का दौर था| उस समय भारत संक्रमण स्थिति में था और उपर उठने के लिए भारत की कोशिश हो रही थी|

इस वजह से जागतिक समस्याओं पर पुख्ता भूमिका लेने के बजाए तटस्थ रहने की निती भारत ने अपनाई थी| वर्ष १९६१ में सोवियत रशिया नेबर्लिन वॉलका निर्माण करके जर्मनी का बटवारा किया था| उस समय भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उस विषय पर अपनाई भूमिका अमरिका को निराश कर रही थी| भारत और अमरिका का नजरिया उस समय काफी अलग था’’, ऐसा किसिन्जर ने कहा|

पर, वर्ष १९७१ के बाद भारत और अमरिका ने अहम आर्थिक और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर समांतर भूमिका अपनाई| इस वजह से अगले दौर में दोनों देशों में सहयोग हो सका| इसकी नींव डालने की औपचारिकता नही हुई हो, फिर भी आज के भारतअमरिका सहयोग का बीज उसी समय गिगरा था, ऐसा किसिन्जर ने स्पष्ट किया|

आज के दौर में भारत और अमरिका का सहयोग समान उद्देश्य पर निर्भर है| वर्तमान के दौर में अन्य किसी भी देश के साथ ऐसी मित्रता से भरे सहयोग का उदाहर नही मिलता, यह बयान करके किसिन्जर ने दुनियाभर के विश्लेषकों को चौका दिया है|

वर्ष १९७२ में किसिन्जर ने कम्युनिस्ट चीन को सोवियत रशिया से अलग करके चीन के साथ सहयोग बनाया था| इसी के बलबुते पर अमरिका ने शीतयुद्ध में जीत हासिल की थी| इसी कारण किसिन्जर को अमरिका के आधुनिक विदेश निती का शिल्पकार समझा जाता है| ऐसे ज्येष्ठ राजनयिक व्यक्ती ने भारत और अमरिका की मित्रता के संबंधी किया बयान इसी कारण दुनिया भर के विश्लेषकों को चौका रहा रहै| इसके जरिए भारत और अमरिका का धारणात्मक सहयोग नए उंचाई पर जा पहुंचने का संदेशा किसिन्जर ने पुरी दुनिया को दिया है| यह संदेशा देने के लिए किसिंजर ने चुना समय काफी अहम है| अमरिका और चीन के बीच व्यापारयुद्ध हो रहा है| साथ ही चीन इंडोपैसिफिक क्षेत्र में अमरिकी हितसंबंधों को चुनौती दे रहा है| पाकिस्तान के साथ चीन का हो रहा सहयोग सीर्फ अमरिका और भारत के लिए ही नही, बल्कि एशिया महाद्विप समेत पुरी दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा बना है|

ऐसे दौर में भारत और अमरिका इन जनतांत्रिक देशों का सहयोग जागतिक स्थिरता, सुरक्षा के लिए आवश्यक होने के स्पष्ट संकेत किसिन्जर ने दिए है| दोनों देशों के नेतृत्व को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होने से यह सहयोग और भी मजबूत हुआ है और ऐसा सहयोग अन्य देशों के बीच नही है, इन शब्दों में किसिन्जर ने इस सहयोग की अहमियत रेखांकित की है| जम्मूकश्मीर से धारा ३७० हटाने के बाद भी दोनों देशों के संबंधों पर असर हुआ नही है, इस मोर्चे पर भी अमरिका भारत को पूरा समर्थन दे रही है| यह बात भी इससे नए से सामने रही है| इस वजह से भारत और अमरिका की मित्रता नजदिकी समय में काफी बडा बदलाव करनेवाली होने की बात स्पष्ट हो रही है और किसिन्जर ने यही बात कूटनीतिक भाषा में रखी है|

पाकिस्तान कर रहा हैलश्करऔरजैशकी सहायता अमरिकी विदेश मंत्रालय

वर्ष १९७२ में भारत और पाकिस्तान के बीच हुएशिमला समझौतेके अनुसार दोनों देश बातचीत करें, यह अमरिका की इच्छा है| पर, ‘लश्कर तोयबा, ‘जैश मोहम्मदइन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान से प्राप्त हो रहा समर्थन और सहायता दोनों देशों के बीत बातचीत शुरू होने में अडंगा बन रही है, यह बात अमरिका ने रखी है| अमरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण और मध्य एशिया विभाग के उपमंत्री एशले वेल्स ने पाकिस्तान को कडी फटकार लगाई है|

पाकिस्तान लश्कर और जैश इन आतंकी संघटनों को पूरी सहायता दे रहा है| यही आतंकी संगठन कश्मीर में खून खराबा कर रही है| यहबात भारत और पाकिस्तान की बातचीत में अडंगा बन रही है, यह दावा वेल्स ने किया| अलग शब्दों में पाकिस्तान को भारत से बातचीत करनी है तो पहले आतंकियों की सहायता करना बंद करना होगा, यही सूचना वेल्स कर रहे है| भारत और पाकिस्तान में अमरिका बातचीत करवाएं, यह मांग पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने की थी| इस पृष्ठभूमि पर वेल्स ने किया यह बयान पाकिस्तान को अमरिका ने लगाई कडी फटकार साबित होती है|

पाकिस्तान में मानव अधिकारों का हो रहा हनन और धार्मिक भेद पर वेल्स ने कडी चिंता व्यक्त की| इस विषय में पाकिस्तान से प्राप्त हो रहे रपट चिंता का विषय होने की टिपणी वेल्स ने लगाई है| साथ ही पाकिस्तान के माध्यमों का भी गला दबाया जा रहा है, यह आरोप भी वेल्स ने रखा है| जनतांत्रिक सरकार होते हुए भी पाकिस्तान में सच्चे माईने में जनतंत्र का बीज नही बोया गया है, यह संकेत वेल्स ने अपने इस दावे के जरिए दिए है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.