‘बुलेट ट्रेन’ के लिए ‘एनएचएसआरसीएल’ और ‘एल ॲण्ड टी’ ने किया २५ हज़ार करोड़ रुपयों का समझौता

नई दिल्ली – भारत के पहले ‘बुलेट ट्रेन’ प्रकल्प का बड़ा कान्ट्रैक्ट ‘लार्सन ऐण्ड टुब्रो’ (एल ऐण्ड टी) कंपनी को प्राप्त हुआ है और इसके लिए ‘द नैशनल हायस्पीड रेल कॉर्पोरेशन’ (एनएचएसआरसीएल) के साथ समझौता किया गया है। इसके तहत २५ हज़ार करोड़ रुपयों के समझौते पर गुरूवार के दिन हस्ताक्षर किए गए। यह देश के बुनियादी सुविधा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा सरकारी समझौता है।

bullet-train‘एनएचएसआरसीएल’ ने मुंबई-अहमदाबाद के दरमियान ५०८ किलोमीटर के ‘बुलेट ट्रेन’ प्रकल्प के कुल ३२५ किलोमीटर मार्ग का कान्ट्रैक्ट अब तक ‘एल ऐण्ड टी’ को प्रदान किया है। यह पूरा कन्ट्रैक्ट गुजरात में स्थित मार्ग का है। प्रधानमंत्री मोदी ने, जिस क्षेत्र में भूसंपादन का काम पूरा हुआ है, वहां पर ‘बुलेट ट्रेन’ का काम पूरा करने के स्पष्ट निदेश दिए है। साथ ही काम की गति बढ़ाने के लिए भी कहा है, ऐसा समाचार है। इस पृष्ठभूमि पर ‘एल ऐण्ड टी’ को दिए गए एक कान्ट्रैक्ट का समझौता किया गया है।

‘बुलेट ट्रेन’ के विभिन्न कान्ट्रैक्ट ‘एल ऐण्ड टी’ ने प्राप्त किए हैं। गुरूवार के दिन महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित वापी के झरोली गांव से बड़ोदा तक के २३७ किलोमीटर के ‘बुलेट ट्रेन’ के मार्ग का निर्माण करने के लिए ‘एनएचएसआरसीएल’ और ‘एल ऐण्ड टी’ ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसमें वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच के रेल स्थानकों के काम का भी समावेश है। साथ ही सूरत में डिपो, नदियों पर बनाए जा रहे १४ पूल, छह रेल क्रॉसिंग के पुलों के कामों का भी समावेश है।

इस कान्ट्रैक्ट की कुल रक्म २५ हज़ार करोड़ रुपये है और देश के बुनियादी सुविधा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा समजौता है। २३ सितंबर के दिन इस कान्ट्रैक्ट की निविदा खोली गई। अगले चार वर्षों में यह काम पूरा करना होगा। बीते सप्ताह में ‘एल ऐण्ड टी’ को ‘बुलेट ट्रेन’ के अन्य ८७ किलोमीटर मार्ग का कान्ट्रैक्ट दिया गया था। लेकिन, इस कान्ट्रैक्ट के लिए अभी ‘एनएचएसआरसीएल’ के साथ समझौता नहीं हुआ है। इस समझौते के तहत कंपनी को ७,२८९ करोड़ रुपयों का काम प्राप्त होगा।

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