अफ़गान-तालिबान शांतिवार्ता की पृष्ठभूमि पर नया संघर्ष

काबुल – अफ़गानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच शनिवार से शुरू हुई शांतिवार्ता की पृष्ठभूमि पर देश में नया संघर्ष भड़क उठा है। अफ़गानिस्तान के लगभग १८ प्रांतों में अफ़गान सेना और तालिबान के बीच संघर्ष हो रहा है और २० तालिबानी आतंकी मार गिराए जाने की जानकारी सूत्रों ने साझा की। इसकी वजह से शांतिवार्ता के बाद भी देश में जारी हिंसा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

शनिवार से कतार में अफ़गानिस्तान की गनी सरकार और तालिबान के बीच ऐतिहासिक शांतिवार्ता शुरू हुई। कतार में हो रही इस चर्चा के लिए अफ़गानिस्तान की सरकार से मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह और तालिबान का उप-प्रमुख मुल्लाह अब्दुल घनी बरादर उपस्थित थे। इस शांतिवार्ता से अफ़गान सरकार और तालिबान के बीच बीते दो दशकों से जारी संघर्ष खत्म होगा, ऐसा विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा था। इस चर्चा के दौरान अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने अफ़गानिस्तान को शांति की उम्मीद है, यह दावा किया। लेकिन, उसी समय तालिबान का उप-प्रमुख बरादर ने अफ़गानिस्तान में इस्लामी हुकूमत स्थापित करनी है, यह बयान करके तालिबान के इरादे स्पष्ट किए थे।

रविवार के दिन अफ़गानिस्तान के कुल १८ प्रांतों में शुरू हुए संघर्ष से तालिबान अपने इरादे पूरे करने के लिए सक्रिय होने की बात दिखाई दी। तालिबान ने अफ़गानिस्तान के कंदाहार, नांगरहार, बल्क, फरयाब, घोर, बदघीस, हेरात, गज़नी और उरुज़गन प्रांतों में बड़े हमले करने की जानकारी सेना ने साझा की। इसके अलावा अन्य नौं प्रांतों में भी आतंकी हमले होने की घटनाएं दर्ज़ होने की बात कही जा रही है। कंदाहार प्रांत में हुए हमले में अफ़गान सेना ने छह तालिबानी आतंकी मार गिराने का दावा किया। तभी, नांगरहार प्रांत के शेरज़ाद ज़िले में हुई मुठभेड़ के दौरान कम से कम १३ आतंकी ढ़ेर हुए हैं, यह बात स्थानीय प्रशासन कह रही है।

शांतिवार्ता शुरू होने के बाद तालिबान ने शुरू किए यह हमले अपनी माँगें पूरी करने के लिए दबाव बढ़ाने की तालिबान की कोशिश हो सकती हैं, ऐसा दावा अफ़गान सरकार से संबंधित सूत्रों ने किया है।

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