डोकलाम के बाद चीन की भारत के सरहद्द में नई घुसपैठी

नई दिल्ली दि.३१: सिक्कीम की सीमा पर डोकलाम में भारत तथा चीन के सैनिक एक दुसरों पर कडी नजर रखे हुये है| इसी दौरान चीन के सैनिकों ने २५ जुलाई को उत्तराखंड की सीमा में करीब एक किलोमीटर तक घुसपैठी करने की जानकारी सामने आयी है| चीन के सैनिकों ने चमोली के बाराहोटी में घुसपैठी की| भारतीय सैनिकों ने उन्हे रोकने पर चीन के सैनिकों को वापस लौटना पडा| इसलिये डोकलाम का विवाद शुरू होते इस घुसपैठ के साथ चीव भारत पर दबाव बढाने का प्रयास करता दीख रहा है|

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहगार अजित डोवल २५ जुलाई के रोज चीन के दौरे पर होते समय चीन के सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहोटी में घुसपैठी की| सुबह नौ के करीब घूसपैठ करते चीनी सैनिकों ने इस क्षेत्र में दाखिल होकर स्थानिक चरवाहों को धमकाकर इस क्षेत्र से बाहेर निकलने को कहा| उनकी इस झाँसापट्टी के शुरू रहते, भारत के अर्द्धसैनिक बलों के जवान इस स्थान पर पहुँचे। ‘इंडो-तिबेटन बॉर्डर पुलीस’ (आयटीबीपी) के जवानों ने यहाँ पर धौंसियाँ दे रहे चिनी सैनिकों को रोका। उसके २ घंटो बाद चीन के सैनिक वापस चले गये| इस घटना से चीन भारत का सीमा विवाद सुलझाने के बदले अधिक जटील करने का प्रयास करने की बात सामने आयी|

युद्ध की धमकीयां देकर भी भारत डोकलाम से अपनी सेना पीछे न लेकर चीन के नेतृत्व काफ़ी चिंता में है| इसका परिणाम चीन के नीतियो पर होता दिखाई दे रहा है और चीन की प्रतिष्ठा का सवाल हो चुका है| इस एक कारण से भारत से युद्ध करना संभव नही है साथ ही चीन को अपने सैनिकों को पीछे भेजना कठीन हो गया है| इसलिये गतिरोध हुये चीन ने अपनी इज्जत संभालने के लिये दुसरे इलाको में घुसपैठ करने का प्रयास किया है| पर भारत के सतर्कता की वजह से चीन के यह प्रयास असफल होता बाराहोटी की घटना से पता चल रहा है|

इसके पुर्व चीन के २०० से ३०० सैनिकों ने २२ जुलाई २०१६ के दिन उत्तराखंड के चमोली क्षेत्र में घुसपैठी की थी| यह चीन का भूभाग होते हुये भारत के नागरी अधिकारी यहां से वापस चले जाये यह संकेत चीन के सैनिको ने दिया था| पर भारतीय अधिकारीयों ने उन्हे उपेक्षित किया था| पश्चात भारत के सैनिक वहां पहूचने पर चीन के सैनिक वापस चले गये थे|

पिछले कई वर्षो से चीन भारत की सीमा क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर रहा है एवं भूतान में घुसने के हेतू रास्ता निर्माण का काम भूतान सीमा क्षेत्र में शुरू किया था| पर सुरक्षा के मुद्दे पर पूर्णरूप से निर्भर होनेवाले भूतान के लिये भारत ने ठोस भूमिका लेकर चीन को रोका| भारत भूतान के लिये इतना कडा रुख नही दिखायेगा यह चीन का अनुमान था| पर चीन ने भारत को परखने में गलती कर दी यह पाश्चिमात्य देश कह रहे है|

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